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अक्षय कुमार इन दिनों 'बड़े मियां छोटे मियां' को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. उनका फिल्मी सफ़र भी संघर्ष भरा रहा है. जानते हैं, उनकी कुछ कही-अनकही बातों को.
- टाइगर श्रॉफ के साथ फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ करने में बहुत मज़ा आया. एक-दूसरे को बड़े-छोटे कहकर हमने प्रैंक भी ख़ूब किए. सोनाक्षी सिन्हा, मानुषी छिल्लर, अलाया एफ, रोनित रॉय हम सबने शूटिंग के समय एक्शन के साथ यादगार पल बिताएं.
- ‘दिल से सोल्जर, दिमाग़ से शैतान हैं हम.. बच के रहना हमसे, हिंदुस्तान हैं हम…’ इसके डायलॉग, एक्शन व देशभक्ति के जज़्बे के साथ मेरे और टाइगर का कुछ हटकर आर्मी वाला अंदाज़ लोग पसंद कर रहे हैं.
- अपनी फिल्मों के अधिकतर स्टंट मैं ख़ुद ही करता हूं. ‘बड़े मियां छोटे मियां’ में भी मैंने कई ख़तरनाक स्टंट्स किए हैं. जब लोग 250-350 रुपए देकर टिकट ख़रीदते हैं, तब वे स्क्रीन पर असली अनुभव की उम्मीद भी करते हैं. मेरा यह मानना है कि असली एक्शन सीन उन्हें रोमांचित करता है, वरना वे ख़ुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.
- ‘सुल्तान’ और ‘टाइगर ज़िंदा है’ के डायरेक्टर अली अब्बास ज़फर का कमाल फिल्म में देखने मिलेगा. विलेन के रूप में साउथ सुपरस्टार पृथ्वीराज सुकुमारन भी अलग अंदाज़ में नज़र आएंगे.
- यदि फिल्म नहीं चलती यानी दर्शक थिएटर में नहीं आते, तो इसका मतलब वे फिल्म से जुड़ा नहीं महसूस करते. तब आपको अपने फिल्म सिलेक्शन से लेकर अन्य पहलुओं पर बदलाव करने की ज़रूरत होती है.
- फिल्मों में आने से पहले काफ़ी संघर्ष रहा. मैं मुंबई से पहले चांदनी चौक में रहता था, जहां एक ही घर में 24 लोग रहते थे. मुंबई में आया, तो यहां भी सौ रुपए के किराए पर कोलीवाड़ा में एक छोटे से घर में रहा.
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तब मैं शनिवार को फिल्म देखने के लिए सुबह का खाना नहीं खाता था, ताकि पैसा बचाकर फिल्म देख सकूं.
जब सातवीं में फेल हो गया था, तब पापा ने
पूछा- आख़िर तुम बनना क्या चाहते हो? मैंने कहा- मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेने के साथ हीरो.
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बैंकॉक में मार्शल आर्ट्स सीखा. शेफ, वेटर की नौकरी भी की. यहां तक कि यह सिलसिला मुंबई से लेकर ढाका तक के होटलों में भी रहा. ट्रैवेल एजेंट के काम में भी हाथ आज़माया. ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल किया. आख़िरकार मॉडलिंग करते हुए फिल्मों में मौक़ा मिला.
- जब मेरी लगातार फिल्में फ्लॉप हो रही थीं, तब एक प्रोड्यूसर ने यहां तक कह दिया था कि तुम्हारी इतनी औकात नहीं कि फिल्म के पोस्टर लगाए जाएं. तब मैं भी सब छोड़कर कनाडा जाने की सोचने लगा था. लेकिन क़िस्मत ने साथ दिया और मेरा समय बदला.
- ऊषा गुप्ता
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Photo Courtesy- Social Media
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