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एलिमनी और डिवोर्स- क्या बन रहा है ईज़ी मनी का सोर्स? (Alimony and Divorce Is it becoming a source of easy money?)

शादी-ब्याह पहले एक बार ही होते थे. इसे ताउम्र का ही नहीं, बल्कि जन्म-जन्मांतर का साथ माना जाता था, लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है. शादी जैसी प्रथा से युवाओं का विश्‍वास उठ रहा है और अब तो यह भी तय नहीं कि शादी कितने समय तक चलेगी. छोटी-छोटी बातों पर नौबत तलाक़ तक आ जाती है.

पहले तलाक़ को एक टैबू माना जाता था, ख़ासतौर से लड़कियों के लिए तो यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन आजकल तो लड़कियां ख़ुद आगे बढ़कर तलाक़ लेने को आतुर रहती हैं और बदले में अच्छी-ख़ासी एलिमनी की डिमांड करती हैं. ऐसे में अब ये सवाल उठने लगे हैं क्या लड़कियों ने जान-बूझकर इसे आसान कमाई का ज़रिया बना लिया है? आइए इस पर चर्चा करें.

सबसे पहले एक नज़र इन केसेस पर डालते हैं-

• दिल्ली के एक हाई प्रोफ़ाइल तलाक़ के मामले में महज़ 18 महीने की शादी में आईटी प्रोफेशनल पत्नी ने पति से एलिमनी के तौर पर 12 करोड़ रुपए और एक बीएमडब्लू कार मांगी. कोर्ट ने इस पर पत्नी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप पढ़ी-लिखी हो, तो ख़ुद कमाओ. पति की संपत्ति पर आश्रित मत रहो. कोर्ट ने महिला को विकल्प दिया कि बतौर एलिमनी या तो वो एक फ्लैट रखे या 4 करोड़ रुपए ले. महिला का दावा था कि उसके ख़िलाफ़ एक एफआईआर दर्ज़ है, जिससे उसे जॉब मिलने में दिक्क़त आ सकती है. इस पर कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने की बात कही और महिला को कहा कि आपके पास एमबीए की डिग्री है और बेंगलुरु में आप जैसे आईटी प्रोफेशनल की काफ़ी डिमांड है.

• ऐसा ही एक अन्य मामला सुर्ख़ियों में आया था जब एक पत्नी ने एलिमनी के रूप में 500 करोड़ रुपये की मांग की थी. महिला का कहना था कि उसके पति की पूर्व पत्नी को भी एलिमनी के तौर पर 500 करोड़ रुपए मिले थे, तो उसको भी यही रकम मिलनी चाहिए, क्योंकि उसके पति का अमेरिका और भारत में 5000 करोड़ का कारोबार है. कोर्ट ने महिला को कहा कि एलिमनी कई बातों को ध्यान में रखते हुए दी जाती है, इसे पति से वसूली का ज़रिया नहीं बनाया जा सकता. कोर्ट ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि कई मामलों में महिलाएं पति और उनके घरवालों को दहेज़, प्रताड़ना या ऐसे ही अन्य मामलों के झूठे केस में फसाने की धमकी देती हैं, इसलिए तलाक़ या एलिमनी को धमकी, सबक सिखाने या ज़बरदस्ती वसूली का अधिकार न मानें, एलिमनी महिलाओं के कल्याण के लिए है.

• क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के तलाक़ केस में कोलकाता हाई कोर्ट ने शमी को निर्देश दिया है कि वो हसीन जहां को प्रति माह 4 लाख रुपए गुज़ारा भत्ता देंगे. इस राशि में 1,50,000 हसीन जहां के लिए और 2,50,000 उनकी बेटी आयरा के लिए हैं, लेकिन हसीन जहां को यह रकम बहुत कम लग रही है और उनकी डिमांड है कि उन्हें प्रति माह 10,00,000 रुपए दिए जाएं.

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• क्रिकेटर युजवेंद्र चहल से तलाक़ के सेटलमेंट के तहत धनश्री वर्मा को 4.75 करोड़ रुपये की एलिमनी मिली.

• एक्टर ऋतिक रोशन से हुए तलाक़ के बाद सुज़ैन ख़ान को 380 करोड़ की एलिमनी मिली थी और इसे बॉलीवुड का सबसे महंगा तलाक़ माना गया है.

बदल गए रिश्तों के स्वरूप ये तो सिर्फ़ चंद मामले हैं जिनका ज़िक्र हमने यहां किया. आजकल इस तरह के केसेस की कमी नहीं, जहां महिलाएं भी क़ानून का फ़ायदा उठाने की कोशिश करती हैं. हालांकि न तो सारी महिलाएं ऐसी होती हैं और न ही सारे पुरुष, लेकिन एलिमनी आज एक बिज़नेस बन गया है. पहले जहां शादी में प्यार, समर्पण और अपनापन होता था, वहीं आज पैसा ही सर्वोपरि होता जा रहा है. प्यार की बात करनेवालों को लोग इमोशनल फूल कहते हैं, समर्पण को लोग अपनी आज़ादी का छिनना मानते हैं, एडजस्टमेंट को ख़ुद पर शोषण मानते हैं और शादी को एक बंधन. तो जब तक जमता है साथ रहते हैं, नहीं जमेगा तो पैसे तो मिलेंगे.

• कहा जाता है कि जबसे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं, तब से रिश्ते ज़्यादा टूट रहे हैं. इस बात के दो पहलू हो सकते हैं- एक तो यह कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ने से उन्होंने एडजस्ट करना, शोषण सहना बंद कर दिया है, वो अपने निर्णय ख़ुद लेती हैं और अपनी शर्तों पर जीती हैं. रिश्तों में झुकना नहीं चाहतीं आदि. इसका मतलब यही हुआ कि महिलाएं जब तक सहती रहीं, रिश्ते टिकाऊ बने रहे यानी क्या पुरुष की तरफ़ से कोई प्रयास नहीं किया जाता रिश्ते बनाए रखने का?

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इसका दूसरा पहलू यह भी है कि महिलाओं को अब रोक-टोक पसंद नहीं, उनका ईगो बढ़ गया है, ससुराल वालों और पति से भी ज़्यादा लगाव नहीं होता और ऐसे में या तो पैसे ऐंठने के लिए वो धमकियां देती हैं या अपने एक्स्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर को जस्टिफाई करने के लिए ससुराल वालों को परेशान करती हैं. इसके उदाहरण अतुल सुभाष और मुस्कान जैसे केसेस हैं, जो बढ़ रहे हैं.

• आजकल रिश्तों में प्यार कम और दिखावा ज़्यादा है. एक साथ रहते हुए भी सब अपनी-अपनी ज़िंदगी जीते हैं.

• सोशल मीडिया ने भी काफ़ी कुछ बदल दिया है. • किसी को रोक-टोक पसंद नहीं, सबकी नज़र में सिर्फ़ पैसों की ही अहमियत है.

• इन सबके बीच साउथ की सुपर स्टार सामंथा रूथ प्रभु ने अपने पूर्व पति नागा चैतन्य से तलाक़ के बाद एलिमनी के तौर पर एक रुपया भी नहीं लिया. उनका कहना था कि आपसी सहमति से शादी ख़त्म हुई थी और उन्होंने किसी भी तरह की आर्थिक मदद लेने से इनकार कर दिया था. तो बात यही है कि चंद उदाहरणों से हम पूरे समाज या नारी जगत को कठघरे में खड़ा नहीं कर सकते, लेकिन अगर यह ट्रेंड बढ़ता ही चला जाए, तो स्थिति चिंताजनक तो है.

- गीता शर्मा

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