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बच्चों की 6 हरकतें- पैरेंट्स को शर्मिंदा करती हैं

 
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दुनिया के सबसे मुश्किल काम में से एक है बच्चों को संभालना. ख़ासतौर पर आज के पैरेंट्स के लिए बच्चे कभी-कभी सिरदर्द बन जाते हैं. आपके लाड़ले/लाड़ली की कुछ हरकतों की वजह से आपको भी कई बार दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ा होगा. बच्चों की ऐसी हरकतों को कैसे करें हैंडल?
ऑफिस के लिए तैयार अमर शर्मा जैसे ही घर से बाहर निकलकर अपनी स्कूटर स्टार्ट करने लगे उनकी 3 साल की बेटी आयुषी साथ चलने की ज़िद्द करने लगी. मनाने के बाद भी वो नहीं मानी. हद तो तब हो गई जब वो स्कूटर के सामने ही ज़मीन पर लेट गई और चिल्लाने लगी. आयुषी की तरह ही कई बच्चे कुछ इसी तरह की हरकतों से पैरेंट्स को परेशान करते रहते हैं. वो अपनी ज़िद्द पर तब तक अड़े रहते हैं, जब तक पैरेंट्स उनकी बात नहीं मान लेते. आइए, जानते हैं बच्चों की कुछ ऐसी ही हरकतों के बारे में, जिनकी वजह से दूसरों के सामने पैरेंट्स को शर्मिंदा होना पड़ता है.
1. ज़मीन पर लेट जाना
आपके साथ मार्केट में बड़े प्यार से चलते हुए क्या अचानक किसी चीज़ की ज़िद्द करने और उसके न मिलने पर आपका बच्चा भी सबके सामने फट से ज़मीन पर लेटकर चिल्लाने लगता है? लाख मनाने पर भी आपकी एक नहीं सुनता? ये आमतौर पर हर बच्चे की आदत होती है. मनपसंद चीज़ न मिलने पर बच्चे जानबूझकर पैरेंट्स को इमोशनली ब्लैकमेल करते हैं, लेकिन पैरेंट्स के लिए ये स्थिति बहुत असहज हो जाती है. मनीषा कहती हैं, “मेरी 3 साल की बेटी को जब भी मैं मार्केट ले जाती हूं, तो परेशान हो जाती हूं. कोई भी चीज़ देखकर कहने लगेगी मम्मा ये चाहिए, मम्मा वो चाहिए. मैं नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करती हूं, तो वो वहीं नीचे सड़क पर बैठ जाती है. उस व़क्त ग़ुस्सा भी बहुत आता है और शर्मिंदगी भी.” मनीषा की तरह कई पैरेंट्स को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है.
क्या करें?
बच्चों के साथ आप भी ज़िद्द न करें. इतने लोगों के बीच में आप बच्चे पर जितना ज़्यादा ग़ुस्सा करेंगी, वो उतना ही ज़िद्द करेगा. बेहतर होगा कि आप उस समय उसकी बात मान लें और घर जाने के बाद उसे समझाएं.
2. पब्लिक प्लेस पर रोना
कई बार आपने ऐसा महसूस किया होगा कि घर के किसी फंक्शन में या बहुत ज़्यादा मेहमानों के आने पर या फिर घर के बाहर जाने पर दूसरों को देखकर कई बच्चे अचानक रोना-धोना शुरू कर देते हैं. कई बार वो डर की वजह से ऐसा करते हैं. छोटे बच्चे अचानक बहुत से अनजान लोगों को देखकर असहज हो जाते हैं और रोने लगते हैं, मगर ऐसा हर बार नहीं होता. कई बार बच्चे किसी दुकान के सामने से गुज़रते समय किसी चीज़ की मांग करके वहीं ज़ोर-ज़ोर से रोना शुरू कर देते हैं. वो ये बात जानते हैं कि उनके रोने से आप उन्हें झट से वो चीज़ दे देंगी, क्योंकि घर पर कई बार उन्होंने आपको ऐसा करते देखा है.
क्या करें?
बच्चे के रोने के डर से उसकी हर डिमांड पूरी न करें. उसके आंसुओं से पिघलकर उसे उसका मनचाहा कुछ भी दिलाने से बेहतर है कि तुरंत दुकान के सामने से हटकर आगे बढ़ जाएं. थोड़ी देर बाद वो ख़ुद आपके पीछे-पीछे आने लगेगा.
3. दूसरों के घर खाना
4 साल के रोहित की मां कहती हैं, “वैसे तो रोहित घर में खाने के लिए नखरे करता है, लेकिन एक दिन जब मैं अपनी सहेली के घर गई, तो सामने रखे बिस्किट की प्लेट पर झपटते हुए रोहित को देखकर एक पल के लिए तो मैं शरमा गई. मैंने उसे पीछे से पकड़कर खींचा, लेकिन वो मुझे हटाते हुए सोफे पर बिस्किट की पूरी प्लेट लेकर बैठ गया और सारे बिस्किट खा गया. इतना ही नहीं, हमें चाय पीते देख उसने चाय भी मांगी. और तो और जब उसके बच्चे स्कूल से आए और खाना खाने लगे, तो रोहित भी उनकी बगल वाली कुर्सी पर बैठकर खाना मांगने लगा. रोहित की हरक़त देखकर मुझे बहुत शर्म आई.” रोहित की मां की तरह आप भी कभी न कभी अपने लाड़ले/लाड़ली के इस तरह के व्यवहार पर शर्मिंदा हुई होंगी.
क्या करें?
ऐसा अक्सर होता है कि बच्चे घर में तो कुछ नहीं, लेकिन बाहर जाने पर उम्मीद से ज़्यादा खाते हैं. बच्चों की इस आदत पर शर्मिंदा होने की ज़रूरत नहीं है. अगर आपका बच्चा किसी के घर ज़्यादा खाता है, तो उसे खाने दीजिए.
4. प्राइवेट बातें शेयर करना
वो ऐड तो आपको याद होगा ही, जिसमें मेहमान के पूछने पर छोटा-सा बच्चा अपने पापा की नकल करके दिखाता है. सब बहुत हंसते हैं, लेकिन कुछ पल बाद बच्चे के मां-बाप की श़क्ल बिगड़ जाती है, जब बच्चा नकल करते हुए पापा घर में कपड़े धोते हैं, मम्मी की डांट सुनते हैं आदि बातें भी कह जाता है. इस तरह मुमक़िन है कि सबके सामने बच्चा आप दोनों की कुछ प्राइवेट बातें भी शेयर कर दे.
क्या करें?
उस समय बच्चे की बात को हंसकर टाल दें, लेकिन अगली बार से इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चे के सामने इस तरह की बातें न करें.
5. मेहमानों के सामने मारना
आपने भी ये महसूस किया होगा कि बच्चे की बात न सुनने या उसे बहुत ज़्यादा अटेंशन न देने पर वो चिढ़ जाता है और ग़ुस्से में आपको मारने लगता है या आपके बाल नोचने लगता है. ऐसे में कई पैरेंट्स ग़ुस्सा हो जाते हैं और मेहमानों के सामने ही बच्चे को मारने लगते हैं. इससे पूरा माहौल बिगड़ जाता है.
क्या करें?
बच्चे को मारने की ग़लती न करें और न ही सबके सामने उसे डांटें. बेहतर होगा कि आप बच्चे को लेकर वहां से चली जाएं या उसे प्यार से अपनी गोद में लेकर दुलारें.
6. होटल में ज़िद्द करना
बच्चों को बाहर ले जाना मतलब बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी उठाना. वीकेंड में रिफ्रेशमेंट के लिए जब आप होटल में जाते हैं, तो कई बार ऐसा होता है कि बच्चा अपनी जगह बैठने की बजाय पूरे होटल में उधम-चौकड़ी मचाता रहता है. ये तो फिर भी ठीक है, लेकिन बुरा तो तब लगता है, जब बच्चा दूसरी टेबल के पास जाकर खड़ा हो जाता है और वही खाने को मांगता है, जो वो लोग खा रहे होते हैं. इस तरह की स्थिति आपके साथ ही उस टेबल पर बैठे लोगों को भी असहज कर देती है. उन्हें समझ नहीं आता कि बच्चे को खाने को दें या उसे वहां से हटाएं.
क्या करें?
इस तरह की बातों को कभी भी दिल से न लगाएं और न ही शर्मिंदा हों. बच्चे को प्यार से अपने पास बुलाएं या ख़ुद ले आएं. इसके बाद उसकी फेवरिट डिश ऑर्डर करें. उसे डांटने, मारने या घूरने की ग़लती न करें. घर से निकलते समय जितनी भी बातें आप बच्चे को सिखाती हैं, वो भूल जाता है. बाहर जाकर वो वही करता है, जो उसे अच्छा लगता है. आपका सोशल स्टेटस, रूल्स-रेग्युलेशन आदि बातें बच्चे के दिमाग़ में नहीं रहतीं. अतः उसकी अजीबोग़रीब हरकतों के लिए उसे डांटने या मारने की ग़लती न करें. जैसे-जैसे वो बड़ा होगा उसे आपकी बात समझ में आती जाएगी. बच्चे को उम्र से पहले समझदार बनाने की कोशिश न करें.
- श्‍वेता सिंह

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