Close

पहला अफेयर- तीन दिवसीय प्यार! (Love Story- Teen Divasiy Pyar)

वो मोहित के स्टेशन आने की ख़ुशी और बिछड़ने के ग़म दोनों को शब्द नहीं दे पा रही थी. मैंने उसके चेहरे को पूरी तरह से पढ़ लिया था. थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, “इश्क़ हो गया तुम्हें मोहित से.” वो हंसते हुए बोली, “शायद हां!”

मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती थी. हमारे स्कूल से प्रति वर्ष संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में कुछ स्टूडेंट्स का चयन होता था. उस वर्ष मेरा और मेरी प्रिय सखी माही का चयन हुआ था. हम दोनों सखी बड़े उत्साह से खेल प्रतियोगिता में भाग लेने भोपाल गए थे. हम दोनों का

चोली-दामन जैसा साथ था, इसलिए खेल से ज़्यादा हमें साथ रहने का आकर्षण था. भोपाल पहुंचने पर हमारी विभिन्न जगहों से आए खेल प्रतिभागियों से मुलाक़ात हुई. उन्हीं प्रतिभागियों में एक लड़का भोपाल के पास के शहर विदिशा से भी आया था. धीरे-धीरे सबका परिचय हुआ तो ज्ञात हुआ कि उस लड़के का नाम मोहित था.

मेरी सहेली माही गोरा रंग, लंबी छरहरी, काफ़ी आकर्षक थी. बातों ही बातों में उसका मोहित से अच्छा परिचय हो गया. तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता में माही और मोहित कब प्रीत के धागे में बंध गए पता ही नहीं चला.

कहते हैं न कि कुछ लोगों से अल्प समय में ही ऐसी पहचान हो जाती है, जो एक अरसे में भी पूरी नहीं हो पाती. ऐसा ही माही और मोहित के साथ हुआ. खेल प्रतियोगिता के बाद सभी प्रतिभागी झीलों की नगरी भोपाल भ्रमण पर गए. वहां माही और मोहित दोनों साथ ही नज़र आ रहे थे. झील में बोटिंग की तो माही और मोहित एक ही नाव में बैठे थे. बातों ही बातों में माही ने बताया कि उसे चाय पीने का बहुत शौक है. जब माही नाव से उतर रही थी, तो उसका रूमाल गिर गया था. मोहित ने उसे संभालकर अपने पास रख लिया था.

यह भी पढ़ें: पहला अफेयर- कच्ची उम्र का पक्का प्यार (Love Story- Kachchi Umar Ka Pakka Pyar)

जब सब लोग घूम कर वापस जाने लगे, तो मोहित ने सभी से चाय का आग्रह किया, क्योंकि थोड़ी देर पहले ही माही ने चाय पीने का शौक बताया था. माही और मोहित दोनों एक-दूसरे के साथ अधिकतम समय गुज़ारना चाहते थे. यादों को सहेजना चाहते थे. उन दोनों ने ही प्यार की कशिश महसूस की थी.

माही और मोहित पहले प्यार के मखमली एहसास से रू-ब-रू हो ही पाए थे कि समय ने जाने की दस्तक दे दी. खेल आयोजन पूरा हो गया और सभी की वापसी का समय भी आ गया. माही और मुझे मोहित से पहले जाना था. इसलिए मोहित माही को विदा करना चाहता था. चूंकि उस समय मोबाइल का दौर नहीं था, इसलिए हम दोनों स्टेशन पहुंच गए और मोहित से मुलाक़ात नहीं हो पाई.

माही की नज़रें स्टेशन पर भी मोहित को ढूंढ़ रही थीं और जब ट्रेन रवाना होने को हुई, तो दूर से मोहित आता दिखाई दिया. उसने बाय करने के लिए हाथ बढ़ाया. माही ने भी बाय किया और उसकी आंखों में पानी आ गया. पास खड़ी मैं उसके चेहरे पर आए हर्ष मिश्रित विदाई के भावों को पढ़ रही थी. अपनी सखी के जीवन के पहले प्यार को मैं क़रीब से महसूस कर रही थी. हम दोनों बिन बताए ही एक-दूसरे के भावों को समझ लेते थे. माही के जीवन में हुई पहले प्यार की दस्तक मुझे मखमली फाहे की तरह दिल में शबनम सी लग रही थी.

यह भी पढ़ें: पहला अफेयर: रोमांटिक स्टोरी- नीली छतरीवाली लड़की… (Pahla Affair: Romantic Story- Neeli Chhatriwali Ladki)

ट्रेन चलने पर थोड़ी देर तक माही कुछ असामान्य सी रही. वो मोहित के स्टेशन आने की ख़ुशी और बिछड़ने के ग़म दोनों को शब्द नहीं दे पा रही थी. मैंने उसके चेहरे को पूरी तरह से पढ़ लिया था. थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, “इश्क़ हो गया तुम्हें मोहित से.” वो हंसते हुए बोली, “शायद हां!”

उसके बाद उसकी मोहित से कभी मुलाक़ात नहीं हुई. उसकी वो शायद हां, कभी पूरी हां नहीं हो पाई.

आज जब हम दोनों सहेलियां फोन पर बात करते हैं, तो मैं जब भी उसके तीन दिवसीय प्यार की याद दिलाती हूं, तो वो कहती है कि मैं उस एहसास को कभी नहीं भूल सकती. नज़रें अभी भी उसे ढूंढ़ती हैं कि काश एक बार मुलाक़ात हो जाए!

पहला प्यार जीवन में मुक़म्मल न भी हो, तो उसके एहसास ताउम्र  बने रहते हैं. माही की आंखों का वो पहला प्यार मुझे भी एक सुखद अनुभूति देता है.

- रश्मि वैभव गर्ग

यह भी पढ़ें: पहला अफेयर: आवाज़ की दुल्हन (Pahla Affair: Awaaz Ki Dulhan)

Share this article

https://www.perkemi.org/ Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Situs Slot Resmi https://htp.ac.id/ Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor https://pertanian.hsu.go.id/vendor/ https://onlineradio.jatengprov.go.id/media/ slot 777 Gacor https://www.opdagverden.dk/ https://perpustakaan.unhasa.ac.id/info/ https://perpustakaan.unhasa.ac.id/vendor/ https://www.unhasa.ac.id/demoslt/ https://mariposa.tw/ https://archvizone.com/