सुनो, तुम आज मना लेना ये दिवस.. कोई टोके अगर कि बस एक ही दिन? तो कह देना, हां एक…
यह सब कहते हुए अनिरूद्ध का कंठ भर आया. उसके लफ़्ज़ों से उसके भावों का कोई मेल नहीं था. वह…
काग़जी फूलों की हैं यह बस्तियां ढूंढ़ते फिरते हैं बच्चे तितलियां और बढ़ती जा रही हैं लौ मेरी तेज़ जितनी…
खामोशी के साये में खोए हुए लफ़्ज़ हैं… रूमानियत की आग़ोश में जैसे एक रात है सोई सी… सांसों की हरारत है, पिघलती सी धड़कनें… जागती आंखों ने ही कुछरूमानी से सपने बुने… मेरे लिहाफ़ पर एक बोसा रख दिया था जब तुमने, उसके एहसास आज भी महक रहे हैं… मेरी पलकों पर जब तुमने पलकें झुकाई थीं, उसे याद कर आज भी कदम बहक रहे हैं… लबों ने लबों से कुछ कहा तो नहीं था, पर आंखों ने आंखों की बात पढ़ ली थी, वीरान से दिल के शहर में हमने अपनी इश्क़ की एक कहानी गढ़ ली थी… आज भी वोमोड़ वहीं पड़े हैं, जहां तुमने मुझसे पहली बार नज़रें मिलाई थीं, वो गुलमोहर के पेड़ अब भी वहीं खड़े हैं जहां तुमने अपनेहोंठों से वो मीठी बात सुनाई थी… आज फिर तुम्हारी आवाज़ सुनाई दी है, आज फिर प्यार के मौसम ने अंगड़ाई ली है, तुम्हारे सजदे में में सिर झुकाए आज भी बैठा हुआ हूं, तुम्हारी संदली ख़ुशबू से मैं आज भी महका हुआ हूं… आ जाओ किमौसम अब सुहाने आ गए, हवा में रूमानियत और मेरी ज़िंदगी में मुहब्बत के ज़माने आ गए! गीता शर्मा डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z…
रवि के गाल पर तड़ाक से तमाचा पड़ा. रवि की आंखों के सामने अंधेरा छा गया. सावित्री का यह रूप…
“मैं तो उनके साथ ही रहती हूं. आज तक तो उन्होंने किसी से मिलने से मना नहीं किया. तुम लोग…
हिजाब की मथानी से मक्खन कम मट्ठा ज़्यादा निकल रहा है. जनता नौकरी, रोज़गार, शिक्षा और सुकून चाहती है, लेकिन…
ये क्या कह गया माली? ये अनपढ़ उनकी समस्या का कारण और निवारण एक साथ बता गया. तुरंत जाकर माथुर…
एक रहेन ईर एक रहेन बीर एक रहेन फत्ते एक रहेन हमहू ईर कहे चलो हम न्यूज़ देखी बीर कहे…
"आप तो जा ही रही हैं, भगवान के पास, तो उन्हें आप सीधे ही मेरा संदेश दे देना. शायद तब…