कविता- आज हमारा दिन है… (Poetry- Aaj Hamara Din Hai…)

सुनो, तुम आज मना लेना ये दिवस.. कोई टोके अगर कि बस एक ही दिन? तो कह देना, हां एक…

March 8, 2022

कहानी- रैन बसेरा (Short Story- Rain Basera)

यह सब कहते हुए अनिरूद्ध का कंठ भर आया. उसके लफ़्ज़ों से उसके भावों का कोई मेल नहीं था. वह…

March 5, 2022

ग़ज़ल- इक दुआ बनती गई मेरे लिए… (Gazal- Ek Dua Banti Gai Mere Liye…)

काग़जी फूलों की हैं यह बस्तियां ढूंढ़ते फिरते हैं बच्चे तितलियां और बढ़ती जा रही हैं लौ मेरी तेज़ जितनी…

March 3, 2022

काव्य: मुहब्बत के ज़माने… (Poetry: Mohabbat Ke Zamane)

खामोशी के साये में खोए हुए लफ़्ज़ हैं… रूमानियत की आग़ोश में जैसे एक रात है सोई सी…  सांसों की हरारत है, पिघलती सी धड़कनें… जागती आंखों ने ही कुछरूमानी से सपने बुने…  मेरे लिहाफ़ पर एक बोसा रख दिया था जब तुमने, उसके एहसास आज भी महक रहे हैं… मेरी पलकों पर जब तुमने पलकें झुकाई थीं, उसे याद कर आज भी कदम बहक रहे हैं… लबों ने लबों से कुछ कहा तो नहीं था, पर आंखों ने आंखों की बात पढ़ ली थी, वीरान से दिल के शहर में हमने अपनी इश्क़ की एक कहानी गढ़ ली थी…  आज भी वोमोड़ वहीं पड़े हैं, जहां तुमने मुझसे पहली बार नज़रें मिलाई थीं, वो गुलमोहर के पेड़ अब भी वहीं खड़े हैं जहां तुमने अपनेहोंठों से वो मीठी बात सुनाई थी…  आज फिर तुम्हारी आवाज़ सुनाई दी है, आज फिर प्यार के मौसम ने अंगड़ाई ली है, तुम्हारे सजदे में में सिर झुकाए आज भी बैठा हुआ हूं, तुम्हारी संदली ख़ुशबू से मैं आज भी महका हुआ हूं…  आ जाओ किमौसम अब सुहाने आ गए, हवा में रूमानियत और मेरी ज़िंदगी में मुहब्बत के ज़माने आ गए! गीता शर्मा डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z…

February 26, 2022

कहानी- दूसरा तमाचा (Short Story- Dusra Tamacha)

रवि के गाल पर तड़ाक से तमाचा पड़ा. रवि की आंखों के सामने अंधेरा छा गया. सावित्री का यह रूप…

February 26, 2022

लघुकथा- भगवान का पता (Short Story- Bhagwan Ka Pata)

“मैं तो उनके साथ ही रहती हूं. आज तक तो उन्होंने किसी से मिलने से मना नहीं किया. तुम लोग…

February 25, 2022

व्यंग्य- हिजाब पर सियासत (Satire Story- Hijab Par Siyasat)

हिजाब की मथानी से मक्खन कम मट्ठा ज़्यादा निकल रहा है. जनता नौकरी, रोज़गार, शिक्षा और सुकून चाहती है, लेकिन…

February 20, 2022

कहानी- बाग़बान (Short Story- Baghban)

ये क्या कह गया माली? ये अनपढ़ उनकी समस्या का कारण और निवारण एक साथ बता गया. तुरंत जाकर माथुर…

February 19, 2022

कविता- ईर, बीर, फत्ते और हम (Kavita- Eer, Bir, Phatte Aur Hum)

एक रहेन ईर एक रहेन बीर एक रहेन फत्ते एक रहेन हमहू ईर कहे चलो हम न्यूज़ देखी बीर कहे…

February 18, 2022

कहानी- आत्महत्या (Short Story- Aatamhatya)

"आप तो जा ही रही हैं, भगवान के पास, तो उन्हें आप सीधे ही मेरा संदेश दे देना. शायद तब…

February 13, 2022
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