“आज तुम लोग बड़े हो गए, तो तुम्हें उनकी ज़रूरत नहीं? उन्हें फिर क्या मिल गया इतने साल अपने जीवन…
द्रौपदी स्वयंवर मैं अग्निसुता, मैं स्वयंप्रभा मैं स्वयं प्रभासित नारी हूं मैं यज्ञ जन्मा, और पितृ धर्मा नहीं किसी से…
“लत अच्छी हो या बुरी, एक बार लग जाए, तो फिर छूटती नहीं है. मैं तो चाहता हूं बच्चों-बड़ों सब…
"चेंजिंग रूम में अकेले में कपड़े चेंज करना कोई गुनाह तो है नहीं, जो लड़कियां डर जाएं. गुनाह तो इसने…
"तुम ना वसु, एकदम अजीब-सा रिएक्शन दे रही हो… दिनभर अरुण के बारे में बात कर सकती हो, ढूंढ़-ढूंढ़कर उनकी…
हमारे अपने हालात चाहे जैसे चल रहे हों, हम इस बात की ख़बर ज़रूर रखते हैं कि हमारे पडोसियों के…
"मैं आपकी तरह बंजर ज़मीन पर फसल के झूठे सपने नहीं उगाना चाहता. मुझे शहर में अच्छी नौकरी मिल रही…
आज की दुनिया में तो कुछ चतुर सुजान ने वक़्त की डिमांड देखते हुए सच बोलने पर जीएसटी लगा दी…
देखा था पहली बार वसंत को तुम्हारी आंखों से छलकते प्यार में महसूस किया था टेसू की तरह रक्तिम अपने…
कितना डर गए होंगे तुम जब वह गाड़ी हमसे टकराई थी. शायद तुमने मुझे ढूंढ़ा भी होगा, कितना दर्द हुआ…