मशहूर अभिनेता और कॉमेडियन महमूद अपने कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते थे. उनकी कॉमेडी इस कदर लोगों को पसंद थी कि उनके लिए ख़ासतौर पर फिल्मों में रोल क्रिएट किए जाते थे, जिसे लोग ख़ूब पसंद करते थे. महमूद के पिता मुमताज अली जाने-माने कलाकार थे. वे थिएटर आर्टिस्ट थे और स्टेज शो करते थे. पिता से प्रभावित होकर ही महमूद की अभिनय में दिलचस्पी बढ़ी.
आज हम यहां पर महमूद से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा बताने जा रहे हैं, जब उन्होंने इस सुपरस्टार को तमाचा जड़ दिया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभिनेता, हास्य कलाकार के साथ-साथ महमूद एक अच्छे निर्देशक भी रहे हैं. उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में बनाई थीं. वे निर्माता भी रहे. फिल्म इंडस्ट्री में उनकी काफी साख थी. थप्पड़वाला वाकया कुछ इस तरह था कि महमूद ने अपनी एक फिल्म 'जनता हवलदार' में राजेश खन्ना और हेमा मालिनी को लिया था.
इस फिल्म की शूटिंग वे अपने फॉर्म हाउस पर कर रहे थे. महमूद समय के काफ़ी पाबंद थे. अनुशासन में रहना उन्हें पसंद था. उनकी कोशिश रहती थी कि शूटिंग के समय उनकी टीम और सभी कलाकार भी समय के पाबंद रहे.
एक बार महमूद के बेटे शूटिंग के समय राजेश खन्ना को देखे और केवल हाय-हेलो कहकर निकल गए. उस समय राजेश खन्ना सुपरस्टार थे. उनकी तूती बोलती थी. उनका काफ़ी दबदबा और रूआब था फिल्म इंडस्ट्री में. महमूद के बेटे का यह रवैया उन्हें खल गया और उन्हें अच्छा नहीं लगा. तब से वे शूटिंग पर देरी से आने लगे. लापरवाही करने लगे. महमूद और टीम को उनका घंटों इंतज़ार करना पड़ता. इस फिल्म में महमूद का पैसा लगा था और वे संजीदगी से इसे बना रहे थे. उन्हें राजेश खन्ना पर ग़ुस्सा आ गया. जब एक दिन हमेशा की तरह राजेश खन्ना सेट पर देर से पहुंचे, तो उन्होंने ग़ुस्से में आकर उन्हें थप्पड़ जड़ दिया. इससे राजेश खन्ना सन्न रह गए और सेट के सब लोग भी.
तब महमूद ने उन्हें कहा कि आप सुपरस्टार होंगे अपने घर के. मैंने इस फिल्म में अपना पैसा लगाया है. आपको भी पूरा पेमेंट दिया है. सभी लोगों ने काफ़ी मेहनत की है. सब आपका घंटों इंतज़ार करते हैं. आपका इस तरह का रवैया सभी को दुखी कर रहा है… तब राजेश खन्ना को अपनी ग़लती का एहसास हुआ और उसके बाद वे समय पर आने लगे.
आज महमूद का जन्मदिन है, तो उनसे जुड़ी और भी कुछ दिलचस्प बातें आपको बताते हैं. उन्होंने अभिनय की शुरुआत बतौर बाल कलाकार से की थी. बॉम्बे टॉकीज की 'क़िस्मत' उनकी पहली फिल्म थी, जो साल 1943 में रिलीज़ हुई थी. वे जब संघर्ष करे थे, तब उन दिनों वे मशूहर अदाकारा मीना कुमारी को टेनिस सिखा रहे थे. उनकी छोटी बहन मधु से महमूद को प्रेम हो गया. उन्होंने अपने जान देने की धमकी देकर मधु से शादी कर ली. महमूद ने 300 से भी अधिक फिल्मों में काम किया. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष करनेवाले काफ़ी कलाकारों की मदद भी की थी. साथ ही उन्हें अपनी फिल्मों में अभिनय करने का मौक़ा भी दिया था. उन्होंने अमिताभ बच्चन को करियर बनाने में भी मदद की थी. शुरुआती उनके संघर्ष के दिनों में उन्हें सहारा भी दिया था.
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