कहते हैं, ‘मैरिजेस आर मेड इन हैवेन’ यानी जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं, पर शादी के बंधन निभाने तो इसी ज़मीन पर पड़ते हैं. हमारे यहां विवाह को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. शादी यानी दो दिलों का मिलन. दो अजनबी विवाह बंधन में बंधकर एक हो जाते हैं. इनकी पसंद चाहे एक न हो, विचार और व्यक्तित्व चाहे अलग हो, पर ये साथ-साथ पूरा जीवन निभा लेते हैं. अब यहां पर सवाल यह उठता है कि क्या जीवनसाथी से अपनी सभी भावनाएं शेयर करनी चाहिए? आइए, इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं.
शेयरिंग से नज़दीकियां व प्यार बढ़ता हैैः एक-दूसरे से जब हम अपने मन की बातें कहते हैं, तो हम एक-दूसरे के क़रीब आ जाते हैं. साथ ही दुख-सुख बांटने से कपल्स में प्यार भी बढ़ता है. आप एक-दूसरे की मदद कर पाते हैं और मुसीबत में हिम्मत बंधाते हैं.
बड़े निर्णयों में हमेशा सलाह-मशवरा लेंः बच्चों की शादी, करियर, नौकरी, घर बनाने जैसे बड़े निर्णयों को हमेशा शेयर करना चाहिए. इससे जीवनसाथी का विश्वास बढ़ता है और उसमें भी ज़िम्मेदारी की भावना आती है. आपको भी जुड़ाव महसूस होता है.
जीवनसाथी से तारीफ़ सुखद अनुभूतिः बाहर के लोग कितनी ही तारीफ़ कर लें, पर यदि पति या पत्नी अपने मुंह से कह दे, तो हमेशा ही अच्छा लगता है. जीवनसाथी की ओर से मिला प्रोत्साहन दुगुना उत्साह व जोश भर देता है.
शेयर करना इतना अच्छा है, तो क्या हर बात शेयर करेंः कदापि नहीं. जीवनसाथी अलग-अलग व्यक्तित्व के होते हैं. भिन्न-भिन्न परिवेश, संस्कृति और पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने के कारण उनकी समझ, मान्यताओं और सोच में अंतर होना स्वाभाविक है. ऐसे में हर बात शेयर करना घातक हो सकता है.
कई राज़ खुल जाते हैंः भावुकता में रोमांस के पलों में बताए गए राज़ कई बार रिश्तों में ऐसी दरारें डाल देते हैं, जिन्हें पाटना असंभव हो जाता है. राज़ अक्सर किसी का भी भला नहीं करते. ऐसी बात मुंह से न निकले, तो ही अच्छा है. पिछले अफेयर्स, कोई बुरी बात, कोई अप्रिय घटना दोहराने या बताने से भविष्य में रिश्तों पर असर पड़ता है.
ग़लतफ़हमियां पनपती हैंः कई बार कहनेवाले के कहने में और सुननेवाले के सुनने में ग़लती होने या सही तरी़के से नहीं समझ पाने से ग़लतफ़हमियां जन्म लेती हैं, जो रिश्तों में बाद में कड़वाहट घोल देती हैं.
पुरुष और स्त्री की सोच में फ़र्क़ हैः एक ही बात को पुरुष और स्त्री दोनों अलग-अलग रूपों में लेते हैं. पति द्वारा पड़ोसन की तारीफ़ पर हो सकता है पत्नी जल-भुन जाए और पति अपने सहकर्मी की पत्नी द्वारा प्रशंसा को सहज ले ले. पुरुष और स्त्री की प्रतिक्रिया व्यक्त करने का अंदाज़ भी अलग-अलग ही होता है. कुछ सीक्रेट भी तो होः किसी भी रिलेशनशिप में कुछ जानने व करने को बचा रहे, तो संबंध आगे तक चलते हैं. सारी बातें और सारी भावनाएं, यदि खोलकर रख दी जाएं, तो संबंध उबाऊ व नीरस होने लगते हैं.
जिज्ञासा बरक़रार रहेः संबंधों में एक-दूसरे के प्रति थोड़ी जिज्ञासा बनी रहनी चाहिए. एलीमेन्ट ऑफ सरप्राइज़ रिश्तों में नयापन भर देता है और जैसे-जैसे एक-दूसरे के बारे में जानेंगे, रिश्तों की डोर मज़बूत होती जाएगी.
बचत होनी चाहिएः कई बार पत्नियां पति को बिना बताए घर ख़र्च से भी काफ़ी पैसे बचा लेती हैं. यदि ये बातें शेयर कर लें, तो बचत ही न हो पाए और आड़े व़क्त के लिए भी कुछ न बचे, इसीलिए इस तरह की बातें न शेयर करना ही समझदारी है.
सरप्राइज़ हमेशा अच्छे लगते हैंः पति-पत्नी में से किसी के भी तरफ़ से दी गई सरप्राइज़ पार्टी, चाहे एनीवर्सरी की हो या बर्थडे की, हमेशा अच्छी लगती है. जीवनसाथी से कुछ चीज़ें छिपाने के बड़े मीठे नतीजे मिलते हैं.
नकारात्मक भावनाएं व्यक्त न करेंः कई बार एक-दूसरे के विषय में हमें निगेटिव फील हो सकता है, पर ये बातें सीधे ही पार्टनर को न बताएं. उसे बुरा लगेगा. अपनी भावनाओं को कुछ समय दें. हो सकता है कि समस्या का समाधान हो जाए. पार्टनर की आदतों या व्यवहार से परेशानी हो, तो क़रीबी मित्र से कहकर मन हल्का कर लें. कई बार कुछ बातें शेयर न करने से पार्टनर मानसिक रूप से परेशान हो सकता है. भावनात्मक रूप से ख़ुद को असुरक्षित भी महसूस कर सकता है. मनोविशेषज्ञों का मानना है कि जीवन की महत्वपूर्ण बातें
पति-पत्नी को न स़िर्फ शेयर करनी चाहिए, बल्कि एक-दूसरे की राय का सम्मान भी करना चाहिए.पति को ये बातें कभी न बताएं...
मायके की कमज़ोरियांः कई बार महिलाएं अपने माता-पिता, बहन-भाई या रिश्तेदारों की बुराई पति के समक्ष कर देती हैं या उनकी कमियां उजागर कर देती हैं. उस व़क्त तो अच्छा लगता है, पर परेशानी तब होती है, जब पति इन्हीं बातों पर व्यंग्य कसने लग जाते हैं, फिर सिवाय अफ़सोस करने के कुछ हाथ नहीं रह जाता है.
पूर्व प्रेम-प्रसंगः ईमानदारी में, भावुकता में या अधिक साफ़गोई दिखाने की कोशिश में कभी भी अपना कोई पुराना प्रेम-प्रसंग पति से शेयर न करें. मेल ईगो इसे कभी बर्दाश्त नहीं कर पाता.
शारीरिक संबंध रहे हों तोः विवाह पूर्व यदि आपके शारीरिक संबंध किसी से रहे हों, तो भूल के भी न बताएं. पति चाहे कितना भी खुले विचारों का या फॉरवर्ड क्यों न हो, संबंधों में दरार आ ही जाती है.
पति के घरवालों की बुराईः आपकी सास, जेठ, देवर, ससुर चाहे आपको कितने ही नापसंद हों, पति के सामने उनकी बुराई कदापि न करें. पति कभी पत्नी के मुंह से अपने घरवालों की बुराई पसंद नहीं करेंगे, चाहे वे सभी बातें सच ही क्यों न हों.
पति की पसंदीदा महिला की बुराईः पति यदि किसी अन्य महिला को बहुत पसंद करें या उसकी ख़ूबियों के क़ायल हों, तो यक़ीनन पत्नी को बुरा तो लगेगा, पर उस महिला को नीचा दिखाने के चक्कर में उसकी बुराई पति से कभी न करें. पति उसके प्रति और आकर्षित हो जाएंगे और आपकी सही बात को भी ईर्ष्या समझेंगे.अब यह निर्णय आपको लेना है कि कौन-सी बातें पार्टनर से शेयर करनी चाहिए और कौन-सी नहीं. ऐसी बातें जिनसे दुख-अवसाद पैदा हो, या जिनसे रिश्तों में कड़वापन आए, न बताना ही श्रेयस्कर है. लेकिन वे बातें, जिनसे ख़ुशियां मिलें, ज़रूर बताएं.
- पूनम
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