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बचपन में झेला रंगभेद, सांवलेपन की वजह से कई बार हुईं रिजेक्ट, कुछ ऐसी है ‘झांसी की रानी’ फेम उल्का गुप्ता की कहानी (Faced Apartheid in Childhood, Was Rejected Many Times Due to Dark Colour, Know Story of ‘Jhansi Ki Rani’ Fame Ulka Gupta)

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी... जी हां, इतिहास की वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की गाथा को दर्शाने के लिए बॉलीवुड में जहां फिल्में बनी हैं तो वहीं छोटे पर्दे पर भी सीरियल के माध्यम से उनकी जीवनी को दिखाने की कोशिश की जा चुकी है. बात करें छोटे पर्दे के सीरियल 'झांसी की रानी' की तो इसमें मनु का किरदार निभाकर एक्ट्रेस उल्का गुप्ता को खूब शोहरत मिली थी और उनकी एक्टिंग को लोगों ने खूब सराहा भी था, लेकिन उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए भी काफी संघर्ष करने पड़े थे. उल्का गुप्ता को बचपन में जहां रंगभेद का सामना करना पड़ा तो वहीं ऑडिशन के दौरान कई बार उन्हें रिजेक्ट भी कर दिया गया. आइए जानते हैं झांसी की रानी फेम उल्का गुप्ता की कहानी...

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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'झांसी की रानी' में मनु का किरदार निभाने वाली सांवली रंगत की उल्का गुप्ता को इस सीरियल से घर-घर में पहचान मिली, लेकिन असल ज़िंदगी में उनकी कहानी भी संघर्षों से भरी रही है. 12 अप्रैल 1997 में उल्का का जन्म सिनेमा से ताल्लुक रखने वाली फैमिली में हुआ था. मायानगरी मुंबई में जन्मीं उल्का के पिता गगन गुप्ता भी एक्टर हैं, जिन्हें कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में देखा जा चुका है. यह भी पढ़ें: करण सिंह ग्रोवर से अंकिता लोखंडे तक, जब अपनी मनमानी और खराब रवैये के चलते शो से आउट हुए टीवी के ये सितारे (From Karan Singh Grover to Ankita Lokhande, When These TV Stars Were Thrown Out of The Show due to Their Arbitrary and Bad Attitude)

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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भले ही उल्का का जन्म चकौचौंध से भरी मायानगरी मुंबई में हुआ हो, लेकिन उनकी फैमिली बिहार के सहरसा से ताल्लुक रखती है. उल्का बचपन से ही अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए ग्लैमर इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना चाहती थीं और उन्होंने काफी कम उम्र से ही अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत भी कर ली थी.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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बताया जाता है कि उल्का ने महज 7 साल की उम्र में टीवी की दुनिया में कदम रख दिया था और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत 'रेशम डंक' नाम के सीरियल से की थी. हालांकि इस सीरियल में नज़र आने के बाद जब उल्का किसी ऑडिशन के लिए जाती थीं तो वहां से उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगती थी. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह थी उनकी सांवली रंगत.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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बचपन से ही रंगभेद का सामना करने के बाद सांवले रंग के कारण उल्का गुप्ता को न सिर्फ ऑडिशन में रिजेक्शन मिले, बल्कि उन्हें कई किरदारों से भी हाथ धोना पड़ा. इसके बाद एक स्क्रिप्ट की डिमांड के हिसाब से उल्का को काम मिला, जिसमें उन्हें सांवली लड़की का ही किरदार निभाना था. उल्का ने सीरियल ‘सात फेरे’ में सलोनी की बेटी का किरदार निभाया था और उनकी एक्टिंग को काफी सराहा गया.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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बार-बार अपने रंग के कारण रिजेक्शन झेलने के बाद आखिरकार उल्का को वो सीरियल मिल गया, जिसने उनकी किस्मत बदल दी. दरअसल, साल 2009 में उल्का को 'झांसी की रानी' सीरियल में मनु का किरदार मिला. छोटे पर्दे पर झांसी की रानी बनकर उल्का छा गईं और घर-घर में अपने किरदार के लिए पॉपुलर हो गईं. उन्होंने मनु के किरदार को पर्दे पर जीवंत कर दिखाया और उसके बाद फिर उन्हें पलटकर पीछे नहीं देखना पड़ा. इस सीरियल के बाद उन्होंने साउथ फिल्मों का रुख किया.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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उल्का को साल 2015 में तेलुगु फिल्म 'आंध्रा पोरी' मिल गई, जो साउथ फिल्मों में उनकी डेब्यू फिल्म मानी जाती है. इसके बाद साल 2016 में उन्हें 'रुद्रमादेवी' में अनुष्का शेट्टी के बचपन का किरदार निभाते हुए देखा गया. साउथ फिल्मों में दर्शकों का दिल जीतने के बाद उल्का ने फिल्म 'ट्रैफिक' से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की. यह भी पढ़ें: ‘ब्यूटी विद ब्रेन’ हैं टीवी की ये फेमस बहुएं, कोई है एमबीए तो किसी ने की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई (These Famous Bahus of TV Are ‘Beauty with Brain’, Some are MBA and Some Have Studied Engineering)

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम
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बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहली फिल्म करने के बाद उल्का को 'मिस्टर कबड्डी' और 'सिंबा' जैसी फिल्मों में देखा गया. बड़े पर्दे पर आने के बाद भी उल्का ने छोटे पर्दे को नहीं छोड़ा और वो टीवी के साथ-साथ फिल्मों में अपने करियर को आगे बढ़ा रही हैं. बहरहाल, अपनी कामयाबी से एक्ट्रेस ने यह साबित कर दिया है कि अगर आपके अंदर टैलेंट है तो सावली रंग के बावजूद अपना एक अलग मुकाम हासिल किया जा सकता है.

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