2008 बीजिंग ओलिंपिक में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाने का गौरव देनेवाले, देश की शान बढ़ानेवाले निशानेबाज़ अभिनव बिंद्रा को मेरी सहेली की ओर से जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. 28 सितंबर 1982 को उत्तराखंड में जन्मे अभिनव ने महज़ 26 साल की उम्र में देश के लिए वो कारनामा कर दिखाया था, जो अब तक किसी ने नहीं किया. बीजिंग ओलिंपिक में देश को 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में जब गोल्ड मेडल मिला था और दुनिया के सामने भारत का तिरंगा लहराया था, उस व़क्त अभिनव की उपलब्धि पर स़िर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में तहलका मच गया था. अभिनव के जन्मदिन के मौ़के पर एक नज़र डालते हैं उनकी अब तक की उपलब्धियों पर. (Abhinav Bindra)
सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने
अभिनव बिंद्रा के नाम कई रिकॉर्ड हैं. अभिनव भारत के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे, जिन्होंने मलेशिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया. इतना ही नहीं 2000 सिडनी ओलिंपिक में हिस्सा लेनेवाले अभिनव बिंद्रा भारत की ओर से सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे.
म्यूनिख में जब दंग रह गए लोग
2001 म्यूनिख वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर बिंद्रा ने अपनी फील्ड के धुरंधरों के होश उड़ा दिए थे
कॉमनवेल्थ गेम्स में है एकक्षत्र राज
अभिनव बिंद्रा वैसे तो अपने खेल में माहिर हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 2002 से लेकर अब तक के हर कॉमनवेल्थ गेम्स में बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. बिंद्रा ने 2002, 2006, 2010 और 2014 में स्वर्ण पदक जीता.
ओलिंपिक में दिलाया देश को पहला स्वर्ण पदक
ओलिंपिक में देश को इंडिविज़ुअल गेम में पहला स्वर्ण पदक दिलानेवाला कोई और नहीं, बल्कि अभिनव बिंद्रा ही हैं. दुनिया के सामने भारतीय राष्ट्रगान का मान बढ़ाने का कारनामा अभिनव ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में किया था.
2016 ओलिंपिक में कुछ पॉइंट्स से चूक गए थे अभिनव
अब इसे भाग्य का खेल ही कहेंगे कि लगातार दमदार खेल का प्रदर्शन करनेवाले अभिनव जब रियो ओलिंपिक में प्रदर्शन करने उतरें, तो वह कुछ पॉइंट्स से पीछे रह गए और देश को कोई भी मेडल नहीं दिला पाए. इसमें अभिनव के खेल की कोई कमी नहीं थी, बल्कि उनके राइफल के बदलने से ये सब हुआ था.
अवॉर्ड्स की लिस्ट
2000 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाज़ा गया.
2001 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
2009 में पद्म भूषण अवॉर्ड मिला.
जब माता-पिता ने घर में ही बनवाया शूटिंग रेंज
बचपन से ही होनहार अभिनव के करतब का अंदाज़ा उनके माता-पिता को हो गया था. तभी तो घर में ही उन्होंने शूटिंग रेंज बनवा दिया, ताकि अभिनव अपने अनुसार प्रैक्टिस कर सकें.
शूटिंग को कहा अलविदा
सफलता के शिखर पर पहुंचकर संन्यास लेने की बात करके बिंद्रा ने अपने प्रशंसकों के साथ ही शूटिंग वर्ल्ड को भी चौंका दिया है. हाल ही में अभिनव ने शूटिंग से संन्यास ले लिया. अभिनव ने कहा कि अब इस फील्ड में नए खिलाड़ियों को मौक़ा देना चाहिए. हम आपको बता दें कि भले ही अभिनव शूटिंग ट्रैक पर आपको दिखाई नहीं देंगे, लेकिन वह खेल से जुड़े रहेंगे और उभरते हुए खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे.
- श्वेता सिंह