संगीत के जादूगर पंचम दा को आज भी म्यूज़िक इंडस्ट्री का गुरु माना जाता है. म्यूज़िक के साथ जो एक्सपेरिमेंट्स उन्होंने किए हैं, वो शायद ही किसे ने किए होंगे. संगीतकार एस. डी बर्मन के बेटे आर.डी.बर्मन यानी पंचम दा संगीत की दुनिया में तब क्रांति ले आए, जब उन्होंने गानों में अलग तरह की आवाज़ें, म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स से अलग-अलग तरह की धुनें बनाने लगे. पंचम दा ने ऐसा संगीत बनाया, जिसकी कल्पना किसेे ने नहीं की थी. महज़ नौ साल की उम्र में अपना पहला गाना कंपोज़ करने वाले पंचम दा ने कैबरे को भी अपने गाने के ज़रिए एक नई पहचान दी. उन्होंने अपने 33 साल के करियर में हर तरह का संगीत बनाया और आज की जेनेरेशन के लिए एक मिसाल कायम कर गए. बॉलीवुड में पंचम दा के नाम से मशहूर आर.डी.बर्मन को यह नाम दिया अशोक कुमार ने, जब उन्होंने बर्मन साहब को संगीत के पांचों सुर सा रे गा मा पा... गाते हुए सुना. उनकी आख़िरी फिल्म रही 1942 ए लव स्टोरी, जिसके गानों ने सबके दिलों को एक बार फिर छू लिया था. 4 जनवरी 1994 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके गाने हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे.
बर्थ एनीवर्सरी: आर.डी.बर्मन से ‘पंचम दा’ बनने का सफ़र रहा यादगार, देखें पंचम दा के 10 बेहतरीन गानें (Happy Birthday Pancham Da)
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