- जब कभी अपने किसी से मनमुटाव हो, तो उस पर व्यंग्यबाण न कसें. फिर चाहे वो पति-पत्नी, पैरेंट्स या फिर भाई-बहन ही क्यों न हों. अक्सर अपनों द्वारा किए गए पर्सनल कमेंट्स मन को अधिक आहत करते हैं.
- इंसानी फ़ितरत रही है कि वे ग़लतफ़हमी को दूर करने की कोशिश कम करते हैं या फिर देरी से करते हैं. ऐसा न करें. जितनी जल्दी हो सके बातचीत द्वारा मतभेद को दूर करें.
- एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल न करें. इससे आपसी कड़वाहट अधिक बढ़ जाती है, जो संबंधों को भी कमज़ोर बना देती है.
- ध्यान रहे, मनमुटाव रिश्ते से बढ़कर नहीं, इसलिए कभी भी रिश्ते में ईगो को आड़े न आने दें. आपसी विवाद को जितनी जल्दी भूलेंगे, रिश्ते उतनी जल्दी मधुर बनेंगे व ट्रैक पर आएंगे.
- कई बार ऐसा भी होता है कि कोई हमें समझ ही नहीं पाता. ऐसे में बेहतर होगा कि शांत रहें और सही मौक़ा मिलने पर अपनी बात को रखें.
- जब भी किसी बात पर बहस, मतभेद या आपसी नाराज़गी होती है, तो हम ख़ुद को सही और दूसरे को क़सूरवार ठहराते हैं. लेकिन एकबारगी आप दूसरे के पहलू से भी सोचने की कोशिश करें. यदि आप उसकी जगह होते, तो क्या करते या क्या हो सकता था. इस तरह समस्याएं जल्दी सुलझती हैं.
- मैं क्यों बोलूं या पहले समझौता करूं... यहीं पर आकर अक्सर संबंधों की गाड़ी अटक जाती है और मनमुटाव बढ़ जाता है. हमारा अहम् कहें या फिर नाराज़गी, जो पहल करने से रोकती है. लेकिन आपके द्वारा अपनेपन से की गई प्यारभरी पहल न केवल दूसरे के ग़ुस्से को दूर करती है, बल्कि मनमुटाव को भी ख़त्म कर देती है.
- हर रोज़ सुबह स्नान करने के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें.
- किचन में बैठकर खाना खाने से घर में राहु का प्रभाव कम होता है और सुख-शांति बनी रहती है.
- स़फेद चंदन की बनी कोई भी मूर्ति ऐसे स्थान पर रखें, जहां से परिवार के सभी सदस्यों की नज़र उस पर पड़े.
- यदि घर के पुरुष सदस्यों के बीच मनमुटाव व तनाव है, तो घर में कदम के पेड़ की डाली रखें.
- हर महीने घर के सदस्यों व घर में आए सभी मेहमानों की संख्या के बराबर मीठी रोटियां बनाकर गाय, कुत्ते आदि जानवरों को खिलाएं. इससे घर में आपसी मनमुटाव, बीमारी, झगड़ा, फ़िज़ूलख़र्ची आदि दूर होगी.
- घर की उत्तर-पूर्व दिशा में डस्टबिन यानी कूड़ादान न रखें. इससे घर में आपसी मनमुटाव बढ़ता है.
- यदि परिवार की महिलाओं में अक्सर मनमुटाव बना रहता है, तो सभी महिलाएं एक साथ लाल रंग के कपड़े न पहनें.
- रेखा कुंदर
Link Copied