लाइफस्टाइल के नए फंडे (How Modern Lifestyle Has Changed Our Perception Of Life & Fitness)
यह तो सच है कि ज़िंदगी और इसे जीने का अंदाज़ (Lifestyle) पहले से बहुत बदल (Changed) गया है और हम उन बदलावों के बीच ख़ुद को एडजस्ट करने में लगे हैं. कुछ बदलाव अच्छे होते हैं, तो कुछ ज़रूरी होते हैं, कुछ हमें तनाव दे जाते हैं, तो कुछ मजबूरी होते हैं... पर ज़िंदगी है, हर पल बदलती है... इसे ही तो लाइफ कहते हैं और इन बदलावों के बीच सामंजस्य बैठाने के तौर-तरीक़ों को हम लाइफस्टाइल का नाम दे देते हैं. क्या कुछ नया जुड़ता जा रहा है और क्या कुछ तेज़ी से बदलता जा रहा, इसी विषय को हम समझने का प्रयास करेंगे, ताकि इस बदलाव की प्रक्रिया को सहजता से ले सकें और अपनी लाइफस्टाइल को भी बेहतर बना सकें. क्या हैं ये लाइफस्टाइल के न्यू फंडे, आइए जानें. स्वैग ज़रूरी है... लोग, लोगों की ज़रूरतें, उनके तौर-तरी़के... सब कुछ हर पल में तेज़ी से बदल रहा है. इसी बदलाव का लेटेस्ट व हॉट ट्रेंड है स्वैग. जी हां, आज की लाइफस्टाइल में अगर आपके पास स्वैग नहीं है, तो आपकी ज़िंदगी बेकार है. यही वजह है कि लोग कभी अपने लुक्स के साथ, तो कभी अपने स्टाइल के साथ एक्सपेरिमेंट करने लगे हैं. हेयरस्टाइल और हेयरकलर्स में भी यह स्वैग उतर आया है, कभी देसी स्वैग, तो कभी स्वैगवाली टोपी, कभी चलने का स्टाइल, तो कभी आपका अंदाज़... हर चीज़ में स्वैग ज़रूरी हो गया है. यह बदलते लाइफस्टाइल का सबसे बड़ा बदलाव है. फिटनेस है न्यू हॉटनेस... लाइफस्टाइल का सबसे ज़्यादा असर हमारी हेल्थ और फिटनेस पर पड़ता है. हमारी डायट बदलती है, रहने का ढंग भी बदलता है, साथ ही ढेर सारा स्ट्रेस भी होता है. ये सब हमें अनफिट और अनहेल्दी बनाता है. लेकिन अब नहीं, क्योंकि लोग अब फिट रहना पसंद करते हैं. चाहे कितना भी तनाव हो या कितना ही वर्कलोड हो, फिटनेस के लिए टाइम निकालते हैं. जिम जाते हैं, हेल्दी डायट भी लेते हैं और यह बहुत ही पॉज़ीटिव बदलाव है, क्योंकि फिटनेस ही अब हॉटनेस की नई परिभाषा. सोशल साइट्स अब बन गई हैं शो ऑफ साइट्स... लोगों का नया घर बन चुकी हैं ये सोशल साइट्स. क्या खा रहे हैं, क्या सोच रहे हैं, रिलेशनशिप स्टेटस क्या है, हॉलीडे प्लान्स, वीकेंड पार्टीज़... सब कुछ वो यहीं शेयर और पोस्ट करते हैं. घर के मेंमर्स अब फिज़िकली पास होकर भी वो सब नहीं जान पाते, जो सोशल साइट्स पर फ्रेंड बने दूर-दराज़ बसे लोग जान लेते हैं. लेकिन इसमें भी चौंकानेवाली बात यह है कि लोग यहां ईमानदार नहीं हैं, हर किसी का मक़सद स़िर्फ ‘दिखावा’ यानी ‘शो ऑफ’ ही होता है. भले ही निजी ज़िंदगी उतनी हैपनिंग न हो, लेकिन सोशल साट्स भी सबकी ज़िंदगी की एक अलग ही तस्वीर नज़र आती है. एक नक़लीपन होता है वहां, जिसे जानबूझकर हम हक़ीक़त समझकर ख़ुद को ख़ुश करने का बहाना बना लेते हैं. यह जितना रोमांचक है, उतना ही ख़तरनाक भी हो सकता है. लेकिन आज की लाइफस्टाइल का यह अभिन्न हिस्सा बन चुका है, जिससे फिल्हाल तो दूर-दूर तक निजात मिलना नामुमकिन ही लग रहा है. इंस्टाग्राम पर फिटनेस का बोलबाला- इन सेलेब्स ने उड़ाए सबके होश... जैसाकि हम पहले भी बता चुके हैं कि आज की लाइफस्टाइल में फिटनेस ही हॉटनेस की नई परिभाषा बन चुकी है, तो ऐसे में कई ऐसे सेलेब्स हैं, जो इन दिनों इंस्टाग्राम पर अपनी फिटनेस को लेकर ही काफ़ी हॉट टॉपिक बन चुके हैं. वो अक्सर अपने फिटनेस वीडियोज़ और डायट टिप्स व हेल्दी लाइफस्टाइल के पिक्चर्स शेयर करते रहते हैं. वो अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल्स भी देते हैं यदि कोई उनसे पर्सनली फिटनेस ट्रेनिंग लेना चाहे तो. इनमें सेलेब्स में टॉप पर हैं- मंदिरा बेदी, भाग्यश्री, मिलिंद सोमन, विराट कोहली, शिल्पा शेट्टी, सुष्मिता सेन, जैकलिन फर्नांडिस, मलिका शेरावत, शीबा, करिश्मा तन्ना, जॉन अब्राहम, गौतम गुलाटी, प्रिंस नरुला आदि. यह भी पढ़ें: अब डिप्रेशन दूर भगाएगा किराये का बॉयफ्रेंड… रेंट ए बॉयफ्रेंड ऐप, एक अनोखी पहल! (RABF: This App Lets You Rent A Boyfriend To Cure Depression)इंडिया के टॉप फिटनेस इंस्टाग्रामर्स, जिन्हें ज़रूर करें फॉलो
आज के समय में अधिकतर लोग फिटनेस फ्रीक हैं, ऐसे में आप भी अगर फिटनेस में दिलचस्पी रखते हैं, तो इन इंस्टाग्रामर्स को ज़रूर फॉलो करें. - रोहित खंडेलवाल: मिस्टर इंडिया 2016 रोहित को देखते ही आप उनकी फिटनेस लेवल को जान जाएंगे. फिट रहना न स़िर्फ उनके प्रोफेशन की डिमांड है, बल्कि उनका पैशन भी है. - मिलिंद सोमन: इन्हें कौन नहीं जानता और फिटनेस के प्रति इनके पैशन से भी हम सभी वाक़िफ़ हैं. मिलिंद के लिए मानो उम्र रुक सी गई हो और वो आज हम सभी को इंस्पायर करते हैं. - बानी: अपनी ख़ूबसूरती से लेकर बिंदास अंदाज़ के लिए बानी जानी जाती हैं, वहीं उनकी फिटनेस भी किसी से छिपी नहीं. बानी को उनके रफ-टफ अंदाज़ के लिए ही सभी पसंद करते हैं. - गौतम गुलाटी: बिग बॉस के विनर बनकर गौतम ने हर किसी का दिल जीत लिया था. शो के दौरान भी गौतम की फिटनेस और हॉट बॉडी सबकी चर्चा का विषय बनी रहती थी. मल्टी टैलेंटेड गौतम फिटनेस को लेकर काफ़ी गंभीर हैं और यही वजह है कि फिटनेस उनकी पहचान बन चुकी है. - नम्रता पुरोहित: नम्रता राष्ट्रीय स्तर की स्क्वैश प्लेयर थीं और स्टेट लेवल की फुटबॉल प्लेयर भी थीं, लेकिन एक बार घुड़सवारी के दौरान वो गिर गई थीं और उनके घुटने में गंभीर चोट आ गई थी, जिसके चलते उनकी सर्जरी तो हो गई, लेकिन उन्हें स्पोर्ट्स को करियर के तौर पर छोड़ना पड़ा. उनके पिता, जो एक सेलिब्रिटी फिटनेस एक्सपर्ट थे, उन्होंने नम्रता को पिलेट्स प्रैक्टिस करने की सलाह दी. उसके बाद नम्रता दुनिया की सबसे कम उम्र की सर्टिफाइड स्टॉट पिलेट्स इंस्ट्रक्टर बनीं. आज फिटनेस की दुनिया में वो एक जाना-माना नाम हैं. - रेसलर संग्राम सिंह: कोई सोच भी नहीं सकता था कि आर्थराइटिस से पीड़ित कोई व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पहलवान बन सकता है, लेकिन संग्राम सिंह ने यह कर दिखाया. उन्होंने न स़िर्फ देश का नाम रौशन किया है, बल्कि वो मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं और फिटनेस के लिए लोगों को प्रेरित करते रहते हैं. बिग बॉस में भी संग्राम के देसी अंदाज़ को सभी ने पसंद किया था और रियल लाइफ में भी उनके फाइटिंग स्पिरिट के सभी कायल हैं. - विनोद चन्ना: विनोद आज फिटनेस फील्ड का बहुत बड़ा नाम हैं. ये सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर हैं. बड़े-बड़े सेलेब्स इनके काम का लोहा मान चुके हैं. हालांकि विनोद के लिए यहां तक का सफ़र बेहद मुश्किलों भरा था. बचपन उन्होंने बेहद ग़रीबी देखी. शरीर से वो बहुत ही दुबले-पतले थे. उन्हें अक्सर लोग ‘सुकड़ा’ कहकर चिढ़ाते थे. इसी बात ने उन पर ऐसा असर डाला कि उन्होंने अपने शरीर पर ही काम करने का इरादा बना लिया, लेकिन पैसों की तंगी के कारण वो जिम नहीं जा सके. तब उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ ख़ुद काम करने की सोची. वो सैलेरी का छोटा-सा हिस्सा ही घर में देते थे, बाकी अपनी फिटनेस ट्रेनिंग पर ख़र्च करते थे. घरवाले उन पर तब नाराज़ होते थे, क्योंकि घर पर पैसों की ज़रूरत थी, लेकिन उनके अनुसार यदि मैं आज ख़ुद पर ध्यान देकर काबिल बन जाऊंगा, तब ही तो परिवार को भविष्य में बेहतर कुछ दे पाऊंगा... विनोद टॉप रेटेड फिटनेस ट्रेनर बनना चाहते थे और फिटनेस के प्रति उनके पैशन ने ही उन्हें वो सब कुछ दिया, जिसके सपने वो देखा करते थे. वो प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर भी थे और कई प्रतियोगिताओं में विजेता भी बने. - प्रशांत सावंत: इनकी इंस्टा आईडी से ही आपको इनके फिटनेस प्रेम का अंदाज़ा हो जाएगा. जी हां, प्रशांतसिक्सपैक नाम से है इनकी आईडी और ये भी बहुत बड़े सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर हैं. चाहे शाहरुख हों या आलिया, वरुण धवन, अजय देवगन और अभिषक बच्चन इनके क्लाइंट्स हैं. दहिसर के 10/10 के छोटे से कमरे में बड़े परिवार के साथ रहनेवाले प्रशांत इस मुक़ाम तक पहुंचेंगे यह किसी ने नहीं सोचा था. कॉलेज ड्रापआउट, जिन्हें परिवार के लोग भी गंभीरता से नहीं लेते थे, आज बादशाह ख़ान के फिटनेस ट्रेनर हैं. प्रशांत बचपन में बहुत मोटे थे, लेकिन वो हमेशा से अच्छा दिखना चाहते थे. जो चीज़ फैशन के लिए शुरू हुई, वो पैशन में बदल गई और उनके वर्क स्टाइल के बड़े-बड़े स्टार्स भी कायल हो गए. यह भी पढ़ें: लव से लेकर लस्ट तक… बदल रही है प्यार की परिभाषा (What Is The Difference Between Love And Lust?) लाइफस्टाइल तो बदल रही है, पर क्या हम बदल रहे हैं... फिटनेस एथलीट श्वेता मेहता रोडीज़ राइज़िंग 2017 की विनर श्वेता की स्टोरी आपको ज़रूर इंस्पायर करेगी. एक आईटी प्रोफेशनल से रोडीज़ तक का सफ़र आसान नहीं था श्वेता के लिए. वो फिटनेस और बिकनी एथलीट हैं. एशियन बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भी वो भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. आज की बदलती लाइफस्टाइल और उसके इंपैक्ट के बारे में हमने ख़ुद श्वेता से बात की... “आज से बस 3 साल पहले तक की बात है कि मुझे यह भी नहीं पता था कि जिम आख़िर होता क्या है. मैं पीठ दर्द से परेशान रहती थी. यह समस्या तब से थी, जब में 12वीं में पढ़ रही थी. स्पॉन्डिलाइटिस से जूझना वैसे भी आसान नहीं होता. पढ़ाई पूरी होने के बाद में जॉब करने लगी और मेरा 12 घंटे का डेस्क जॉब मेरे बैक पेन को और बढ़ा रहा था. मुझे एक्सरसाइज़ करने का समय ही नहीं मिलता था, लेकिन मेरे लिए यह ज़रूरी हो गया था कि सिक्योर फ्यूचर, जॉब, सैलरी के मायाजाल से बाहर निकलूं. मैंने हिम्मत की और आज रिज़ल्ट सबके सामने है. आज फिटनेस ही मेरी पहचान बन चुकी है. मैंने अपनी लाइफस्टाइल चेंज की और मुझे मेरे सपनों की लाइफ मिली. मैं फिटनेस एथलीट हूं, पिछले 3 सालों में 5-6 कॉम्पटीशन्स जीत चुकी हूं. मैं हरियाणा की हूं और मैंने कभी स्लीवलेस कपड़े तक नहीं पहने थे. मेरे पैरेंट्स को मेरी बिकनी की पिक्चर्स के लिए यहां तक सुनना पड़ता था कि क्या आपकी बेटी नाइट क्लब में काम करती है... लेकिन आज मैं कामयाब हूं, तो वही लोग मेरा सम्मान करते हैं. मेरा यही कहना है कि अपने सपनों को मत बदलो, कुछ ऐसा करो कि लोगों का नज़रिया बदले. मेरी कामयाबी में बहुत बड़ा रोल मेरे पैरेंट्स के सपोर्ट का है और हेल्दी लाइफस्टाल का भी है और अब मैं इस लाइफस्टाइल को बदलना नहीं चाहती, जो भी चीज़ मेरी फिटनेस के आड़े आती है, मैं उसे करती ही नहीं. क्योंकि फिटनेस और हेल्दी लाइफस्टाइल से कोई समझौता नहीं करना है. हमारे यहां प्रॉब्लम यह है कि हम समय और परिस्थितियों के अनुसार न ख़ुद को ढालते हैं और न ही अपना डायट बदलते हैं. उदाहरण के तौर पर कोई कहता है कि भई हम तो पंजाबी हैं, हम तो तगड़ा ही खाते हैं, कोई कहता है हम गुजराती हैं, मीठा तो छोड़ नहीं सकते... इसी तरह से हम ट्रेडिशन के नाम पर वही डायट फॉलो करते हैं, जो हमारे दादाजी के समय में खाया जाता था. लेकिन यह भी तो सोचो कि वो समय अलग था, उनका काम अलग था. आज हम सभी डेस्क जॉब करते हैं, कहां से पचेगा तगड़ा खाना...? बेहतर होगा कि मीठा कंट्रोल करें, ऑयली फूड अवॉइड करें, एक्सरसाइज़ करें. ख़ुद की बॉडी से प्यार करें. तब जाकर आप हेल्दी बनोगे. कुछ चीज़ें हम सभी को पता होती हैं, लेकिन हम फॉलो नही करते, जैसे- पानी भरपूर पीएं, ऑयली-फैटी फूड कम खाएं, मीठा ज़्यादा न खाएं, प्रोटीन अधिक लें... आदि... लेकिन हम जानते हुए भी फॉलो नहीं करते. मैं बस हेल्दी चीज़ें लेती हूं और अनहेल्दी चीज़ें अवॉइड करती हूं, यही है डायट. मैं अपना खाना ख़ुद बनाती हूं. दिन में 6 बार खाती हूं, 2 बार जिम जाती हूं... मैं अपना ये रूटीन नहीं बदलती और इसीलिए फिट रहती हूं.” वीकेंड्स के बदलते रूल्स... एक व़क्त था, जब वीकेंड्स को आराम करने में ही बिताया जाता था. सभी लोग ज़्यादातर घर पर ही रहना पसंद करते थे, ताकि हफ़्तेभर की थकान मिट सके, लेकिन अब थकान व स्ट्रेस भगाने के तरी़के बदल गए हैं. लोग बाहर घूमने जाते हैं. पूरी प्लानिंग करते हैं कि कैसे हर वीकेंड को वो यादगार बना सकें. वर्क मोर, पार्टी हार्ड... वर्क लोड हर जगह, हर क्षेत्र में बढ़ा है. ऐसे में ज़्यादा काम करना ज़रूरी भी है और मजबूरी भी, लेकिन इस वर्क लोड के बदले लोग ख़ुद को ख़ुश करने के रास्ते भी ढूंढ़ लेते हैं. यह ख़ुशी उन्हें मिलती है पार्टी करके. फ्रेंड्स के साथ पार्टी करने का एक भी मौका आजकल कोई नहीं छोड़ता, बल्कि लोग तो बहाने ढूंढ़ते हैं कि कब पार्टी करके अपने वर्क लोड के स्ट्रेस को दूर कर सकें, क्योंकि बदलती लाइफस्टाइल में स्ट्रस बस्टर्स भी बदल गए हैं. एक समय था, जब परिवार के साथ बैठकर खाना खाने व अपनी तकली़फें शेयर करने से तनाव दूर होता था, वहीं अब फ्रेंड्स के साथ पार्टी करके, एंजॉय करके स्ट्रेस दूर किया जाने लगा है. महंगे गैजेट्स बन गए हैं सबकी ज़रूरत... भले ही आपकी सैलरी या घर की कंडीशन ऐसी न हो कि आप लैग्ज़री को अपनी लाइफस्टाइल बना सकें, लेकिन यह भी सच है कि जैसे-तैसे महंगे गैजेट्स आप ज़रूरी अफोर्ड या मैनेज कर लेते हैं, क्योंकि वो इस लाइफस्टाइल की ज़रूरत बन चुके हैं. पर्सनल काम ही नहीं, ऑफिशियल काम के लिए भी यह ज़रूरी हो गया है. बेसिक फोन्स अब आउटडेटेड हो गए हैं, स्मार्ट फोन्स ने लाइफ में जगह बना ली है. वाईफाई अब घर-घर की ज़रूरत है, डेटा कार्ड से लेकर नोट पैड तक सभी कुछ एक ही घर में अब देखने को मिलता है, क्योंकि बच्चों के स्कूल प्रोजेक्ट्स से लेकर घरवालों की शॉपिंग तक इन्हीं से होती है. क्या शो ऑफ बनकर रह गई है ज़िंदगी...? आज लोग ज़िंदगी जीने से कहीं ज़्यादा दिखावे में यकीन करने लगे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है सोशल नेटवर्किंग साइट्स, जो एक तरह से तो बहुत बड़ा ज़रिया है लोगों से जुड़ने का, लेकिन हमने इन्हें शो ऑफ की जगह बना डाला. यहां लोग अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ से ख़ुद को बहुत अलग दिखाने की होड़ में लगे रहते हैं. अपनी लाइफस्टाइल को बहुत ही हैपनिंग दिखाते हैं. इसके पीछे एक वजह यह भी होती है कि यहां लोगों का स्ट्रेस कम हो जाता है, कुछ पल के लिए भ्रम में रहकर ख़ुद को हल्का और पॉज़ीटिव महसूस करते हैं, लेकिन यह सही है कि अपने नए जूते-कपड़ों से लेकर लेटेस्ट गैजेट्स व कार तक की पिक्चर्स लोग यहां सबसे पहले शेयर करते हैं. घरवालों को भी पता नहीं होता है, लेकिन आप कहां पार्टी कर रहे हो और किन के साथ, यह आपके चेकइन्स से सोशल साइट्स पर सभी को पता चल जाता है. यह भी पढ़ें: जानें 21 दिलचस्प तथ्य (21 Interesting Facts That Will Amaze You) रिलेशनशिप स्टेटस- इसमें छुपाने की क्या बात है... अब लोग हिचकते नहीं है, भले ही वो लिव इन में हों या एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर कर रहे हों, उन्हें लगता है कि इसमें छिपाने की क्या बात है. आख़िर हमारी लाइफ है, हमें चाहे जैसे जीएं. लोग क्या कहेंगे का डर अब लोगों के मन से काफ़ी हद तक निकल चुका है और यह अच्छी बात भी है, क्योंकि कम से कम नकली ज़िंदगी तो नहीं जीते. जो हैं, जैसे हैं, सबके सामने हैं. ऑउटस्पोकन, आउटगोइंग बन गई है कॉन्फिडेंस और स्मार्टनेस की नई पहचान... शर्म-संकोच आज के समय में दब्बूपन की निशानी मानी जाती है. ज़्यादा बोलना, खुलकर बोलना यह जताता है कि आप कॉन्फिडेंट और स्मार्ट हो. पहले कम बोलनेवाले और संकोची इंसान को लोग संस्कारी मानते थे, लेकिन बदलती लाइफस्टाइल ने संस्कारों के मायने भी बदल दिए हैं. अगर आप कम बोलते हैं, ज़्यादा शर्माते हैं, तो आपको पर्सनैलिटी डेवलेपमेंट क्लासेस जॉइन करने की सलाह भी मिलते देर नहीं लगेगी, क्योंकि आज के समय की ज़रूरत है कि आप शर्म-संकोच हटाकर बिंदास बनें. चाहे पर्सनल लाइफ हो या प्रोफेशनल, सभी जगह यही डिमांड है. सेक्स पर बात करना अब संकोच या शर्म की बात नहीं जैसे खाना-पीना-सोना, वैसे ही सेक्स, इसमें शर्माने की क्या बात है... जी हां, आजकल अधिकांश लोग यही मानते हैं. सेक्स अब प्राइवेसी का विषय नहीं रहा. लोग उस पर खुलकर बात भी करते हैं और इसे बुरा भी नहीं समझते. एक तरह से हम कह सकते हैं कि सेक्स को लेकर थोड़ी मैच्योरिटी और खुलापन तो आया है समाज में. लड़कियां भी इसे सहजता से लेती हैं. अपनी मूल ज़रूरत पर शर्माने की क्या बात है, ऐसा लोग मानने लगे हैं. लोग अब सेक्स को गंदा या बेशर्मी न मानकर स्वाभाविक व नैसर्गिक चीज़ समझने लगे हैं, यही वजह है कि अब वो खुलकर उस पर बात करते हैं. इसकी ज़रूरत भी है, ताकि सेक्सुअल डिसीज़ व सेक्स संबंधी अन्य मानसिक व शारीरिक समस्याओं का निवारण आसानी से हो सके. बच्चों को भी सेक्स एजुकेशन मे महत्व पर ज़ोर दिया जाने लगा है, ताकि वो भी यौन शोषण से बच सकें. पीरियड्स पर अब खुलकर बोलते हैं... इसी तरह से पीरिड्स पर भी बात करना, खुलकर चर्चा करने को लोग सहजता से लेने लगे हैं. यह एक प्राकृतिक क्रिया है, तो इसमें शर्मिंदगी या झिझक क्यों? ख़ुद लड़कियां व कई संस्थाएं भी आगे आकर सोशल साइट्स के ज़रिए अपने कैंपेन को चला रही हैं और लोगों में जागरूकता ला रही हैं. ऐसे में लाइफस्टाइल में आए कुछ नए बदलाव वाक़ई काबिले तारीफ़ हैं, जिससे समाज पहले के मुकाबले अधिक परिपक्व व सहज हो सकेगा.- गीता शर्मा
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