राजकुमार हिरानी की फिल्म यानी भरपूर मनोरंजन के साथ संदेश देनेवाली मूवी. फिर चाहे वो मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस., लगे रहो मुन्ना भाई, थ्री इडियट्स, पीके, संजू ही क्यों न हो. उनकी निर्देशित हर फिल्म बेहतरीन होने के साथ सुपर-डुपर हिट रही. एक बार फिर वे डंकी लेकर आए हैं, जो शाहरुख खान के साथ उनकी पहली फिल्म है, जिसमें प्यार, रोमांस, कॉमेडी, देशभक्ति, ड्रामा सब कुछ होने के साथ-साथ तर्कपूर्ण संदेश भी है.
डंकी का तात्पर्य डंकी फ्लाइट से है. इसमें दो देशों के बीच यात्रा करने के लिए गैरक़ानूनी रास्ता अपनाया जाता है. अक्सर जिन्हें अपनी पसंद के किसी देश में जाने की इज़ाज़त नहीं मिल पाती है, तब वे अवैध रूप से वहां जाते हैं. लेकिन इस तरह गैरक़ानूनी रूप से दूसरे देश में दाख़िल होने में ख़तरे भी बहुत होते हैं.
अच्छा, अब बात करते हैं डंकी फिल्म की. कहानी बस इतनी सी है कि पांच दोस्त, जिनमें हार्डी-शाहरुख खान, सुखी-विक्की कौशल, मनु-तापसी पन्नू, बुग्गु-विक्रम कोचर, बल्ली-अनिल ग्रोवर अवैध तरी़के से लंदन जाने की प्लानिंग करते हैं. अपनी इस यात्रा में उन्हें तमाम परेशानियों और उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है. जो हंसाती, गुदगुदाती है, तो आंखें भी भीगो देती है.
पंजाब के लाल्टू गांव में हार्डी मनु, बग्गु व बल्ली से मिलता है. वे सभी किसी तरह से जुगाड़ करके लंदन जाना चाहते हैं. इसमें उनकी मदद करते हैं गुलाटी-बोमन ईरानी, जो अंग्रेज़ी के शिक्षक हैं और इंग्लिश सीखाने का सेंटर चलाते हैं. वहीं पर इन चारों का सुखी-विक्की कौशल से आमना-सामना होता है. आख़िरकार ये सभी अंग्रेज़ी सीखकर स्टूडेंट वीज़ा पर विदेश पहुंचते हैं. लेकिन इस बीच बहुत कुछ घटता है और वे सभी घर वापसी के लिए बेचैन हो जाते हैं. आगे की कहानी फिल्म देखकर ही एंजॉय की जाए, तो बेहतर है.
राजकुमार हिरानी की फिल्मों की ख़ासियत रही है कि वे अपने सभी कलाकारों के साथ न्याय करते हैं, फिर चाहे वो बड़ा स्टार हो या आम कलाकार. उनकी यही ख़ूबी डंकी में भी देखने को मिलती है.
अभिनय में हर किसी ने बाज़ी मारी है. शाहरुख अपने पूरे जोश में रहे, तो शुरुआत में उनकी संवाद अदायगी थोड़ी खलती है. वे पहली बार हिरानीजी के साथ काम कर रहे हैं, जिसे लेकर वे बेहद उत्साहित भी रहे. यहां तक कि उन्होंने राजकुमार हिरानी को अपना सांता क्लाज़ तक कह दिया.
तापसी के साथ शाहरुख की केमेस्ट्री तरोताज़गी का एहसास कराती है. तापसी ने भी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है. विक्की कौशल की यह ख़ासियत रही है कि रोल छोटा हो या बड़ा वे अपने लाजवाब अभिनय से हर किसी का दिल जीत लेते हैं. इसकी बानगी लोगों ने संजू फिल्म में देखी ही थी. यहां पर भी सुखी के कैरेक्टर में उन्होंने हंसाने-रुलाने के साथ ख़ूब वाहवाही लूटी. शाहरुख ने भी अपने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें विक्की के साथ काम करके अच्छा लगा और बहुत कुछ सीखने को भी मिला.
कॉमेडियन सुनील ग्रोवर के भाई अनिल ग्रोवर ने भी बढ़िया अभिनय किया है. सुनील ने भी सभी कलाकारों, फिल्म और अपने भाई की जमकर तारीफ़ करने, शुभकामनाएं देने के साथ बड़े मज़े में फिल्म के गाने के साथ कहा कि मैं तो लुट पुट गया…
इसके अलावा विक्रम कोचर, बोमन ईरानी, ज्योति सुभाष सभी ने अपने किरदार को भरपूर जिया है. वैसे भी बोमनजी की तो विशेषता रही है कि वे हर किरदार में पूरी तरह से ढल जाते हैं, फिर वो हीरो का हो या विलेन का.
फिल्म की कहानी पर राजकुमार हिरानी, कनिका ढिल्लन और अभिजात जोशी ने बेहद मेहनत की ही, जो फिल्म के हर दृश्य में दिखती है. सी. के. मुरलीधरन, मनुष नंदन, अमित रॉय की सिनेमैटोग्राफी ख़ूबसूरत है. प्रीतम चक्रवर्ती का संगीत लुभाता भी है, तो कहीं पर गुनगुनाने को मजबूर भी कर देता है.
इसमें अमन पंत ने बैकग्राउंड म्यूज़िक के तौर पर अच्छा साथ दिया है. जावेद अख़्तर, स्वानंद किरकिरे, सोनू निगम, अरिजित सिंह के गीत-गायकी सुमधुर है. सोनू की आवाज़ में निकले थे कभी हम घर से… बेइंतहा ख़ूबसूरत बन पड़ा है.
राजकुमार हिरानी ने फिल्म में तिहरी भूमिका निभाई है, वे निर्देशन के अलावा फिल्म की कहानी लिखने के साथ निर्माता के तौर पर भी जुड़े हुए हैं. प्रोड्यूसर के रूप में उनका साथ निभा रही हैं गौरी खान यानी शाहरुख खान की धर्मपत्नी, रेड चिलीस एंटरटेंमेंट और जियो स्टूडियो.
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