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मूवी रिव्यू- लैला मजनूं/पलटन (Movie Review- Laila Majnu/Paltan)

Laila Majnu/Paltan
लैला मजनूं
प्रेम कहानी पर जितनी भी फिल्में बनाई जाए, लोगों को पसंद आती ही है, बस कहानी और कलाकारों के अभिनय में दम होना चाहिए. निर्देशक इम्तियाज़ अली के भाई साजिद अली यही बाज़ी मार जाते हैं. इस फिल्म के ज़रिए उन्होंने निर्देशन की दुनिया में क़दम रखा है. साथ ही फिल्म में लैला-मजनूं बने अविनाश तिवारी और तृप्ति डिमरी ने भी अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की है. प्रेमी-प्रेमिका की नोक-झोंक, दोनों का मिलना-बिछुड़ना, परिवार-ज़माने का विलेन बन जाना... यही सब है फिल्म में. लेकिन इसके बावजूद ख़ूबसूरत लोकेशन, कलाकारों का अभिनय, भावनाप्रदान दृश्य बांधे रखते हैं. फिल्म की कहानी इम्तियाज़ अली ने लिखी है. फिल्म के कुछ संवाद और दृश्य बेहतरीन हैं. संगीत मधुर है. गीत लैला ओ लैला... हाफिज़ हाफिज़... पहले से ही हिट हो गए हैं. पहली ही फिल्म होने के बावजूद अविनाश व तृप्ति डिमरी ने प्रभावशाली अभिनय किया है. दोनोंं ही सहज लगे हैं. परमीत सेठी, सुमित कौल ने भी अपने अभिनय के साथ न्याय किया है. लव स्टोरी मूवी देखनेवालों को फिल्म ज़रूर पसंद आएगी.
पलटन
जे. पी. दत्ता देशभक्ति और उस पर भी ख़ासकर युद्ध पर आधारित फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं. बॉर्डर, एलओसी कारगिल... फिल्मों को दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया था. अब वे पलटन के रूप में भारत-चीन के बीच हुए युद्ध को लाए हैं. फिल्म की ख़ासयित रही है- वॉर सीन में रियल फौजियों के साथ फिल्माया जाना. इस फिल्म के द्वारा जे.पी. दत्ता बारह साल बाद वापसी कर रहे हैं, लेकिन फिल्म में ख़ास नयापन नहीं है. जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, सोनू सूद, गुरमीत चौधरी, सिद्धार्थ कपूर, लव सिन्हा, हर्षवर्धन राणे, ईशा गुप्ता, सोनल चौहान सभी कलाकारों ने अपने क़िरदार के साथ न्याय किया है. लेकिन फिल्म दर्शकों उस तरह का प्रभाव नहीं छोड़ पाएगी, जैसा कि दत्ता साहब की फिल्मों के साथ होता है. अनु मलिक और संजॉय चौधरी की संगीत भी बस ठीक-ठाक है.  

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