निर्देशक- अनीस बज़्मी
रेटिंग- 3 स्टार्स
अनीस बज़्मी की फिल्में हमेशा एंटरटेनिंग होती है. उनकी फिल्म मुबारकां भी इस दर्शकों को एंटरटेन कर रही है. लंबी-चौड़ी स्टारकास्ट वाली इस फिल्म में कॉमेडी का तड़का लगा है. कहानी है करण और चरण (अर्जुन कपूर) की है, जो जुड़वां भाई हैं, लेकिन इनक परवरिश अलग-अलग जगह हुई है. सिंगल चाचा करतार सिंह यानी अनिल कपूर ने अपने एक भतीजे को बडे भाई (पवन मल्होत्रा) के पास पंजाब में रखा है, जबकि दूसरे को बहन (रत्ना पाठक शाह), जो कि लंदन में रहती है, इसके पास रखा है. दोनों अलग माहौल में बड़े होते हैं और दोनों को प्यार हो जाता है. एक जैसी शकल होने पर कहानी में ढेरों कंफ्यूज़न होते हैं और साथ ही होती है ख़ूब कॉमेडी भी.
क्यों देखें फिल्म?
अनिल कपूर के लिए आपको ये फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए. एक बार फिर अनिल ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ़ एक नंबर है. कमाल का अभिनय किया है उन्होंने. अनीस बज़्मी भी दर्शकों की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं. लोकेशन और गाने भी आपको एंटरटेन करेंगे. इलियाना और आथिया को जितना रोल दिया गया है, उसमें वो बिल्कुल फिट लग रही हैं. सबसे ख़ास बात ये फिल्म आप अपने परिवार के साथ देख सकते हैं.
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फिल्म- इंदु सरकार
स्टारकास्ट - कीर्ति कुल्हारी, नील नितिन मुकेश, अनुपम खेर, तोता रॉय चौधरी, सुप्रिया विनोद
निर्देशक - मधुर भंडारकर
रेटिंग - 3 स्टार्स
मधुर भंडारकर की विवादित फिल्म इंदु सरकार आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद रिलीज़ हो ही गई.
फिल्म इमर्जेंसी के बैकग्राउंड पर आधारित है, इस आप इमर्जेंसी की कहानी नहीं कह सकते हैं. यह एक लड़की इंदु (कीर्ति कुल्हाड़ी) की कहानी है, जो कवयित्री बनना चाहती है. लेकिन उसकी शादी एक सरकारी अफसर नवीन सरकार (तोता रॉय चौधरी) के साथ हो जाती है. इंदु और उसके पति के बीच झगड़े तब शुरू होते हैं, जब नवीन सरकार का साथ देने लगता है. इंदु इमर्जेंसी के दौरान सरकार के रवैये से ख़ुश नहीं होती है और सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा शुरू कर देती है. फिल्म पिंक में दमदार ऐक्टिंग करने वाली कीर्ति ने एक बार फिर साबित किया है कि वो एक अच्छी ऐक्ट्रेस हैं.
70 के दशक को फिल्म के कलर, मेकअप और कपड़ों के ज़रिए बेहद ही अच्छे तरीक़े से दिखाया गया है. उस दौरान नसबंदी, मीडियाबंदी जैसे मुद्दों को भी दिखाने की कोशिश की गई है.
नील नितिन मुकेश फिल्म का एक सरप्राइज़ पैकेज हैं. अनुपम खेर, तोता रॉय चौधरी ने भी अभिनय का जौहर दिखाया है. सिनेमैटोग्राफी और डायलॉग्स भी फिल्म में आपकी दिलचस्पी बनाए रखेंगे. मधुर भंडारकर का निर्देशन हमेशा की तरह काफ़ी रियल और कमाल का है.
क्यों देखें फिल्म?
एक अलग फिल्म देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए ही है. मधुर भंडारकर के फैन हैं, तो ये फिल्म आपको निराश नहीं करेगी.
फिल्म- राग देश
डायरेक्टर- तिग्मांशु धुलिया
स्टारकास्ट- कुणाल कपूर, अमित साध, मोहित मारवाह
रेटिंग- 2.5 स्टार्स
पान सिंह तोमर और साहेब, बीवी और गैंगस्टर जैसी फिल्में बनाने वाले तिग्मांशु एक बार फिर एक अलग विषय पर फिल्म ले आए हैं राग देश.
कहानी है साल 1945 की जहां इंडियन नेशनल आर्मी के तीन ऑफिसर- शहनवाज (कुणाल कपूर), गुरबक्श सिंह ढिल्लन (अमित साध) और कर्नल प्रेम सहगल ( मोहित मारवाह ) की जिन पर देशद्रोह का आरोप है और उन पर मुकदमा चलाया जाता है. बीमार वकील भुलाभाई देसाई (केनेथ देसाई) इनका केस लड़ते हैं. ये तीनों देशद्रोह के आरोप से बचते हैं या नहीं, उसके लिए तो आपको ये फिल्म देखनी होगी.
तिग्मांशु धुलिया का डायरेक्शन ज़बरदस्त है.फिल्म को वास्तविकता के क़रीब लाने के लिए उन्होंने कॉस्ट्यूम से लेकर डायलॉग्स तक हर चीज़ पर मेहनत की है. आज़ादी से पहले का सेट हूबहू बनाने में तिग्मांशु सफल रहे हैं. फिल्म के सभी कलाकारों की ऐक्टिंग अच्छी है. फिल्म में एक ही गाना है, जिसे अलग-अलग मौक़ों पर बजाया जाता है.
क्यों देखे ये फिल्म?
देशभक्ति पर यूं तो कई फिल्में बनी हैं, लेकिन इस फिल्म की कहानी थोड़ी अलग है. फिल्म का सब्जेक्ट नया है. आज़ादी से पहले के कई वाक्यों को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है, इसलिए एक बार आप ये फिल्म देख सकते हैं.
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