सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कैंपेन ट्रेंड कर रहा है, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा है कि दिवाली के मौके पर किसी भी ऐसे प्रोडक्ट को न ख़रीदें जिसके एड में मॉडल ने बिंदी न लगाई हुई हो. ये है नो बिंदी नो बिज़नेस कैंपेन, जिसे एक महिला राइटर ने शुरू किया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि ये मैं अपने लिए कर रही हूं. इस दिवाली किसी भी ऐसे ब्रांड कुछ नहीं ख़रीद रही हूं, जिनकी मॉडल्स को बिना बिंदी के दिखाया जा रहा है. #NOBINDINOBUSINESS
इसी ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी ने भी पलटवार किया है और ट्वीट किया है कि नो बिंदी नो बिज़नेस? ये एक महिला कि पसंद होनी चाहिए कि उसे क्या पहनना है! हिंदू धर्म में पसंद का सम्मान किया जाता है! अब आगे क्या आप पर्दा सिस्टम और फिर सतीप्रथा को भी वापस लाना चाहते हैं? किसी भी संस्कृति को महिला के पहनावे से क्यों मापा जाता है? मैं तब और भी हैरान हो जाती हूं जब कोई महिला ही इस तरह की अवधारणा को बढ़ावा देती है!
दिव्यांका के इस ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रियाआ रही है और अधिकांश लोग उनको ही हिदायत दे रहे हैं कि पहले आप पूरा माजरा समझें, मात्र एक ट्वीट को पढ़ कर लेकिन उसके अर्थ को बिना समझे ही आप प्रतिक्रिया दे रही हैं… एक ने कहा ये मात्र बिंदी की बात नहीं है बल्कि उन ब्रांड्स के विरोध में है जो हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान नहीं करते.
दिव्यांका ने जवाब में कहा कि मैं खुद हिंदू हूं, ब्राह्मण परिवार से हूं पर मैं बिंदी नहीं लगाती, हाल ही में मैंने एक दिवाली विज्ञापन की शूटिंग बिना बिंदी के की, ब्रांड्स का इससे कोई लेना देना नहीं होता, इसलिए ज़रूरत है धार्मिक फ़ैशन की अवधारणा से बाहर निकलकर सही हैश टैग के इस्तेमाल की. दिव्यांका ने तमाम महिलाओं को भी कहा है कि वो भी सही चीज़ के प्रमोशन में उनका साथ दें!
बात दिव्यांका की करें तो सभी जानते हैं वो टीवी की फेमस एक्ट्रेस हैं, हाल ही में ख़तरों के खिलाड़ी में दिखी थीं और कुछ समय पहले क्राइम पट्रोल शो की एंकरिंग में बिना दुपट्टे के सूट पहनने पर भी उनको ट्रोल किया गया था, जिसका उन्होंने करारा जवाब दिया था.
Photo Courtesy: Instagram/Twitter