पर्दे पर चमकते सितारे कभी-कभी इतने अकेले हो जाते हैं कि उनकी खोज-ख़बर लेने वाला भी कोई नहीं होता. ऐसा ही कुछ हाल है पाक़ीज़ा फिल्म के ऐक्ट्रेस गीता कपूर का. 58 साल की गीता को उनके अपनों ने दर्द दिया है. गीता के बेटे ने कुछ महीने पहले गोरेगांव के एसआरवी हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया था, लेकिन फिर वो कभी लौटा ही नहीं. गीता बेटे का इंतज़ार करती ही रह गईं. बेटे को याद करके गीता की आंखें नम हो जाती हैं. अस्पताल में उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था. अस्पताल का बिल भी बाक़ाया था. ख़बरें हैं कि अस्पताल ने कई बार गीता के बेटे राजा को फोन भी लगाया, लेकिन उन्होंने फोन तक नहीं उठाया. गीता की बेटी पूजा ने भी अस्पताल के फोन का कोई जवाब नहीं दिया. यह ख़बर जब फिल्ममेकर अशोक पंडित और रमेश तौरानी तक पहुंची, तो दोनों ही गीता की मदद के लिए आगे आए और हॉस्पिटल का बिल भरकर गीता को डिस्चार्ज कराया.
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