न्यूयॉर्क बेस्ड एक इंटीरियर कंपनी द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार, लगभग 85% लोगों को घर ख़रीदने से ज़्यादा तनावपूर्ण काम घर का रेनोवेशन कराना लगता है. इस तनाव का कारण है- बजट की कमी, मटेरियल ख़रीदना और सही कॉन्ट्रैक्टर का चुनाव न करना आदि. यदि आप भी अपने घर को तनावरहित होकर रेनोवेट कराने की सोच रहे हैं, तो यहां पर बताई महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखें.
- बिना बजट प्लान किए घर के रेनोवेशन का काम शुरू करने की ग़लती कभी न करें.
- रेनोवेशन के लिए बजट बनाने से पहले आर्किटेक्चर, इंटीरियर डिज़ाइनर और कॉन्ट्रैक्टर से मिलकर बजट का आइडिया ले लें.
- बजट का लेखा-जोखा करते समय कॉन्ट्रैक्टर, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन आदि की फीस, मटेरियल का ख़र्च आदि अनुमानित ख़र्चों की लिस्ट बनाएं.
- इस बजट के अलावा एक एमर्जेंसी रिज़र्व फंड बनाएं. उसका उपयोग तभी करें, जब आपको उसकी बहुत ज़्यादा जरूरत हो.
- मास्टर प्लान बनाए बिना घर का रेनोवेशन आरंभ करने की भूल न करें.
- मास्टर प्लान बनाते समय कॉन्ट्रैक्टर को पहले से ही अपनी रिक्वायरमेंट बता दें.
- मास्टर प्लान के अनुसार काम शुरू होने के बाद बार-बार बदलाव न करवाएं.
- बार-बार आर्किटेक्चरल चेंजेस (तोड़-फोड़) करने से मटेरियल का नुक़सान तो होगा ही, आपका बजट भी बिगड़ेगा. इसलिए आर्किटेक्चर या कॉन्ट्रैक्टर के साथ मिलकर पहले ही मास्टर प्लान फाइनल करें.
- रेनोवेशन का काम आरंभ करने से पहले 2-3 कॉन्ट्रैक्टर्स से मिलकर अनुमानित बजट का आइडिया ज़रूर लें.
- कॉन्ट्रैक्ट फाइनल करने से पहले सारी डिटेल्स- हार्डवेयर, केबिनेट्स, फ्लोरिंग व उनका मेहनताना आदि टर्म्स और कंडीशन्स को लिखित में लें.
- रेनोवेशन के लिए ऐसे एक्सपर्ट व प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्टर का चुनाव करें, जो आपको डेकोर स्टाइल, डिज़ाइन और काम पूरा होने की अनुमानित अवधि के बारे में विस्तार से बताए और वित्तीय हानि होने से भी बचाए.
- रेनोवेशन के दौरान मटेरियल की क्वालिटी के साथ समझौता करने की ग़लती न करें.
- बजट को नियंत्रित रखने के लिए केबिनेट्स के हैंडल्स, लाइटिंग, स्विच आदि एक्सेसरीज़ रिटेलर से ख़रीदने की बजाय होलसेल मार्केट से ही ख़रीदें.
- रेनोवेशन कराते समय अपनी पसंद को ध्यान में रखते हुए कलरफुल ग्लास, टाइल डिज़ाइन आदि सामान पर अधिक ख़र्च न करें.
- कॉन्ट्रैक्टर को पूरा पेमेंट करने से पहले सारे घर का रेनोवेशन, फिक्स्चर्स और फिनिशिंग को अच्छी तरह से चेक करें.
किचन रेनोवेशन मिस्टेक्स
- किचन में रेनोवेशन कराते समय सिंक, फ्रिज और गैस को एक ही दिशा में रखने की ग़लती न करें, बल्कि उन्हें ट्रायंगल शेप में रखने की व्यवस्था करें.
- किचन में लीकेज से बचने के लिए सिंक को पानी की पाइपलाइन के क़रीब और सही तरी़़के से लगवाएं.
- पाइपलाइन की फिटिंगवाली जगह को कवर करना न भूलें.
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- किचन अप्लायसेंस और बर्तनों के रखने के लिए जहां तक हो सके, अधिक से अधिक स्टोरेज बनाएं.
- किचन को रेनोवेट करते समय काउंटर टॉप/स्लैब पर पर्याप्त खुली जगह छोड़ें, ताकि काम करते समय किसी तरह की परेशानी न हो.
- सही वेंटिलेशन न होने के कारण किचन में काम करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. अत: किचन को रेनोवेट कराते समय किचन चिमनी/एग्ज़ॉस्ट फैन लगाना न भूलें.
- लाइटिंग की भी उचित व सही व्यवस्था करें.
बाथरूम रेनोवेशन मिस्टेक्स
- बाथरूम में बाथरूम फैन/एग्ज़ॉस्ट फैन को नज़रअंदाज़ करने की ग़लती न करें. सही वेंटिलेशन न होने के कारण फ्लोर पर नमी जमी रहती है, जिसके कारण पेंट भी ख़राब होता है. - तोड़-फोड़ शुरू करने से पहले बाथरूम में लीकेज चेक करना न भूलें. कई बार बजट व मटेरियल की कमी के कारण लीकेज की तरफ़ हमारा ध्यान नहीं जाता. - टे्रंडी व ब्रांडेड बाथरूम फिटिंग्स व फिक्स्चर्स (वॉश बेसिन, शावर, टॉयलेट पॉट और टैप्स आदि) ख़रीदने के चक्कर में बजट बिगाड़ने की भूल न करें. - रेनोवेशन कराते समय वायरिंग केसाथ-साथ पुरानी लाइट्स भी बदलें. इसके लिए एनर्जी सेविंग लाइट्स बेस्ट ऑप्शन हैं. - बाथरूम के लिए ऐसी फ्लोरिंग का चुनाव करें, जो ड्यूरेबल और वॉटर रेज़िस्टेंट हो. - छोटी, लेकिन अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरे घर का रेनोवेशन कराने के चक्कर में हम अक्सर छोटी-छोटी चीज़ों को चेक करना भूल जाते हैं, जैसे- लाइट, नल, शावर और पानी की फिटिंग आदि. इसलिए कॉन्ट्रैक्टर के घर से निकलने से पहले पूरे घर की फिटिंग व फिक्स्चर्स ज़रूर चेक करें. तभी कॉन्ट्रैक्टर को फाइनल भुगतान करें.- अभिषेक शर्मा
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