त्योहारों पर आपने जलेबी, गुलाबजामुन और रसगुल्ले तो ज़रूर बनाए होंगे. खाएं भी होंगे, लेकिन चाशनी बच गई है, तो फेंकने की बजाय आप उसे दोबारा इस्तेमाल भी कर सकते हैं आइए हम आपको बताते हैं कैसे?
1. मीठा दलिया बनाते समय उसमें शक्कर डालने की बजाय स्वादानुसार बची हुई चाशनी मिला सकते हैं.
2. गेेहूं के आटे में सौंफ, मैश किया हुआ केला और चाशनी मिलाकर घोल बनाएं. गरम तेल में पकौड़े डालकर करारे गुलगुले बनाएं.
3. गेहूं के आटे में चाशनी डालकर गूंध लें. इस गुंधे हुए आटे की मीठी पूरी या परांठा बनाकर ब्रेकफास्ट में खाएं.
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4. पूरनपोली का पूरन बनाते समय चाशनी का प्रयोग करें. पूरन बनाते समय नरम चने दाल में चाशनी डालकर पकाएं. ड्राय होने तक भून लें. गुंधे हुए मैदे या आटे में भरकर पूरनपोली बनाएं.
5. चाशनी में गेहूं का आटा और मैश किया केला मिलाकर घोल बनाएं. इस घोल से छोटे-छोटे पैनकेक बनाकर खाएं.
6. केसरी भात या मीठे चावल बनाते समय उसमें शक्कर की बजाय चाशनी डालें.
7. शाही राइस बनाने के लिए चावल को पानी भिगोने की बजाय चाशनी में डुबोकर रखें. फिर पकाएं. स्वाद और भी बढ़ जाएगा.
8. शक्करपारे और बालूशाही बनाने के लिए भी चाशनी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
9. शाही टुकड़ा बनाने के लिए बे्रेड को सुनहरा होने तक तल लें. फिर बची हुई चाशनी में डुबोकर रखें. रबड़ी डालकर ड्रायफ्रूट्स से सजाकर सर्व करें.
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- देवांश शर्मा
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