‘मेट्रो इन दिनों’ में सारा अली खान पहली बार आदित्य रॉय कपूर के साथ स्क्रीन शेयर कर रही हैं. अनुराग बासु के निर्देशन में धर्मा प्रोडक्शन तले बनी इस फिल्म में दिल को छू लेने वाली कहानी है.
- हम भाग्यशाली हैं, जो ऐसे देश में रहते हैं, जहां हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी है और इसके लिए हमें प्रोत्साहित भी किया जाता है. मेरा यह मानना है कि हम जिस बात पर विश्वास करते हैं, उसके लिए हमें खड़े रहना चाहिए, फिर चाहे वो सोशल, एनवायरमेंटल, पॉलिटिकल हो या हमारे कार्यस्थल से जुड़ा मुद्दा ही क्यों न हो.
- जब कभी साहस की बात होती है, तो पुरुष या फिर शारीरिक रूप से मज़बूत शख्सियत के बारे में ही सोचा जाता है. लेकिन भावनात्मक और मानसिक दृढ़ता में नारी का कोई विकल्प नहीं. उसके साहस की परिभाषा अलग है, जो बेहद मज़बूत और ताक़तवर है.
- ‘मर्डर मुबारक’ की बांबी टोडी हो या फिर ‘ऐ वतन मेरे वतन’ की उषा मेहता दोनों ही क़िरदार अलग और एकदम जुदा थे. एक ही समय में दोनों में तालमेल बैठना मुश्किल था, पर मैंने किया.
- मैंने अपनी हर फिल्म से कुछ न कुछ सीखा है. हर क़िरदार को निभाने के साथ ही कुछ नए अनुभव भी मिलते रहे हैं. लेकिन आप यह नहीं कह सकते कौन सी फिल्म हिट हो जाएगी और कौन सी नहीं चलेगी. स्क्रिप्ट से तो मुझे ‘कुली नंबर वन’ और ‘लव आज कल’ दोनों ही हिट लगी थी, लेकिन ये फिल्में नहीं चलीं.
- फिल्म 'लव आज कल' की नाकामयाबी से मैंने सीखा कि जब आप गिरते हैं, तब उठना और फिर दौड़ना भी ज़रूरी हो जाता है.
एक्टिंग एक प्रैक्टिस है, आप जितना प्रैक्टिस करते हैं, उसमें निखार आता जाता है. लॉकडाउन के समय काफ़ी मेहनत की थी, जिसका मुझे फ़ायदा भी हुआ. मेरे अंदर शिष्य की तरह सीखने की भावना हमेशा रही और उसे मैं हमेशा बरक़रार रखना चाहूंगी. आमतौर पर मानना है कि फेलियर से सीखते हैं, पर मुझे लगता है कामयाबी से भी सीखा जा सकता है.
सभी की अपनी-अपनी क़िस्मत और एक अलग जगह होती है. परेशानी तब होती है, जब हम किसी और की तरह बनने की कोशिश करते हैं. मेरा यह मानना है कि मेरे जैसा कोई नहीं, जब भी मैं बड़े पर्दे पर आती हूं, तो कुछ नया लेकर आती हूं.
- मैं मंदिरों के दर्शन करती हूं या जहां कहीं भी घूमने-फिरने जाती हूं, तो यह मेरी व्यक्तिगत पसंद है. यदि मेरी जीवनशैली से किसी को समस्या हो रही है, तो इसमें मैं कुछ नहीं कर सकती. हां मेरी एक्टिंग से कोई समस्या है, तो मैं सोच सकती हूं, क्योंकि मैं अपने फैंस के लिए ही एक्टिंग करती हूं.
- आलिया भट्ट, कियारा आडवाणी ने करियर के पीक पर शादी की, जो काबिल-ए-तारीफ़ है. यह अच्छी पहल है. एक्ट्रेस को भी शादी के बाद एक्टिंग का भरपूर मौक़ा मिलना चाहिए.
मुझे और मेरे पिता (सैफ अली खान), हम दोनों को पढ़ने का काफ़ी शौक है. अक्सर अपनी जर्नी में हम किताबों को अपना साथी बनाकर चलते हैं.
- ऊषा गुप्ता
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