इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री को न जाने किसकी नज़र लग गई है. आए दिन कोई न कोई ग़मगीन ख़बर सुनने को मिल रही है. जहां टीवी एक्टर शाहिर शेख के पिता का इंतकाल हुआ, तो वहीं गायक शान की मां सोनाली मुखर्जी भी नहीं रहीं. उनकी मां भी गायिका थीं. उन्होंने 1970 से लेकर 2000 तक काफ़ी गाने कोरस के रूप में गाए.
शान अपनी मां के बेहद क़रीब थे. अक्सर वे ख़ास मौक़े पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मां के साथ तस्वीरें शेयर करते रहते थे. मां के जाने के ग़म ने उन्हें अंदर तक तोड़कर रख दिया. मां के देहांत के समय वे काम के सिलसिले में बाहर थे.
शान ने सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम अकाउंट पर मां के नहीं रहने की ख़बर दी. कहा कि वे एक उदार आत्मा, नेक इंसान और प्यारी मां थीं. हम सभी के लिए गहरी क्षति है. उन्होंने कहा कि नींद में ही उनका देहांत हुआ था. उन्होंने लोगों से गुज़ारिश कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए कृपया प्रार्थनाओं द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दे.
इसके पहले शान के मित्र गायक कैलाश खेर ने भी ट्वीट करके इस ख़बर की पुष्टि की थी और अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि बड़े भाई शान की मां का देहावसान हो गया है. परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की सद्गति की प्रार्थनाएं. तीनों लोक के अधिपति भगवान शिव से प्रार्थना है कि हमारे शान भैया के परिवार को ये दुख सहन करने की शक्ति मिले. अनन्त प्रार्थना ॐ…
शान की मां भी गायिका थीं. उन्होंने कई सालों तक फिल्मों में कोरस सिंगर के तौर पर अपनी आवाज़ दी. जब शान तेरह साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था, तब उन्हें और उनकी बहन को मां ने अकेले ही पाला-पोसा था. उनके पिता भी म्यूज़िक इंडस्ट्री से जुड़े थे. वे कंपोजर थे. उन्होंने कई फिल्मों के लिए म्यूज़िक कंपोज किया था.
शान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने मधुर स्वभाव और अपने दिलकश आवाज़ के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने एक से एक बेहतरीन गाने गाए हैं, जिसमें से उनकी जब से तेरे नैना… कुछ तो हुआ है… चार कदम… बहती हवा सा था वो… जैसे सुपर-डुपर हिट गाने रहे हैं. लोगों ने उनके आवाज़ को ख़ूब पसंद किया. सारेगामापा, स्टार वॉइस ऑफ इंडिया, सारेगामापा लिटिल चैंप्स रियालिटी सिंगिंग शो के होस्ट भी रहे हैं. उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बेहतरीन गानों के लिए कई फिल्मफेयर व आईफा अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं. ईश्वर उनकी मां की आत्मा को शांति प्रदान करें.
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