स्मार्ट ट्रिक्स (Smart tricks for perfect couple)
आप जैसे हैं वैसे ही रहें, साथ ही अपने पार्टनर को भी उसके उसी रूप में स्वीकारें: एक अच्छी रिलेशनशिप की शुरुआत ही एक्सेपटेंस यानी स्वीकारने के भाव से होती है. कपल्स को कभी भी एक-दूसरे को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और न ही एक-दूसरे से परफेक्शन की उम्मीद करनी चाहिए. शेयररिंग ज़रूरी है: जब आप एक रिश्ते में बंधे होते हैं, तो मन में यह बात नहीं आनी चाहिए कि यह मेरा है और यह तेरा. जो भी कुछ है आप दोनों का है. आप पर आपके पार्टनर का भी हक़ है, इसलिए शेयरिंग बेहद ज़रूरी है, फिर चाहे वो बातें शेयर करना हो या कोई छोटी से छोटी चीज़. इससे आपकी बॉन्डिंग स्ट्रॉन्ग होगी. बहुत ज़्यादा रोक-टोक न करें: जो चीज़ आपके पार्टनर को ख़ुशी देती हो, उसे करने दें. हर बात पर एक-दूसरे को रोकना-टोकना ठीक नहीं. अगर आपके पति को दोस्तों के साथ पार्टी करने का मन है, तो करने दें. इसी तरह यदि पत्नी को भी शॉपिंग करनी हो, तो उसे उत्साहित करें, न कि ताना दें. तुम्हें जिससे प्यार है, मुझे भी उससे प्यार है: एक-दूसरे को यह एहसास दिलाते रहें कि आप दोनों को ही एक-दूसरे की पसंद से प्यार है. अक्सर ज़्यादातर कपल्स एक-दूसरे के रिश्तेदारों को पसंद नहीं करते और यही बातें झगड़े की वजहें भी बनती हैं. आप यही सोचें कि शादी के बाद आपको एक-दूसरे के परिवारों को स्वीकारना ही होगा, आख़िर वो आपका भी परिवार है अब. एक-दूसरे के स्वभाव के अंतर को सकारात्मक रूप से लें: दो अलग चीज़ें भी मिलकर लाजवाब हो सकती हैं, इसी थ्योरी को ध्यान में रखें और एक-दूसरे के अलग व्यक्तित्व को सराहें और इस अंतर को एंजॉय करें. कभी भी एक जैसा बनने की कोशिश करने की ग़लती न करें. जलन की भावना को बहुत ज़्यादा हावी न होने दें: यह इंसानी फ़ितरत है कि कभी न कभी हमें किसी न किसी बात से ईर्ष्या या द्वेष होता ही है. लेकिन इन कमज़ोरियों को इतना हावी न होने दें कि आपके रिश्ते को ये प्रभावित करने लगें. मन में बेवजह के शक व शंकाएं न पालें. भरोसा करना सीखें. समस्या से बचें या भागें नहीं: आपके दिन की शुरुआत आपके पार्टनर से होती है, तो झगड़ा या विवाद होने की स्थिति में आपकी शाम भी एक-दूसरे से बिना बात किए नहीं ढलनी चाहिए. रात को मुंह फेरकर मन में ग़ुस्सा रखने से समस्या अगले दिन तक खिंच जाती है. बेहतर होगा उसे उसी दिन बात करके सुलझा लिया जाए. सरल बनें, ख़ुश रहें: रिश्तों में हम जितना ज़्यादा सरल बनेंगे और छल-कपट से दूर रहेंगे, रिश्ते उतने ही मज़बूत बनेंगे. आप दोनों साथ इसीलिए हो कि एक-दूसरे को अपनी उपस्थिति से ख़ुश रख सकें, जीने का हौसला व उमंग दे सकें. हमेशा इस बात को ध्यान में रखेंगे, तो कोई भी नकारात्मक विचार हावी नहीं होगा. जो तुम्हारी पसंद, वही मेरी पसंद: अगर आप दोनों की पसंद और रुचियां अलग भी हैं, तो भी एक-दूसरे की हॉबीज़ में दिलचस्पी लेना सीखें. पति को क्रिकेट मैच पसंद है और पत्नी को कुकरी शो, ऐसे में क्रिकेट के वक़्त पत्नी कोसे और कुकरी शो के वक़्त पति, तो छोटी-सी बात का बतंगड बनते देर नहीं लगेगी. और अगर पत्नी भी थोड़ा क्रिकेट में रुचि दिखाए व पति कुकिंग में तो बात बन जाए. अपने प्रॉमिसेज़ ब्रेक न करें: एक-दूसरे से वादा करें, तो हर हाल में निभाएं, वरना विश्वास खोता चला जाता है. भले ही किसी मूवी या डिनर का भी वादा किया हो, तो अगर किसी कारणवश निर्धारित दिन को न जा पाएं हों, तो किसी और दिन प्लान करें. इससे यह संदेश जाएगा कि आप पार्टनर की ख़ुशी का ख़्याल रखते हैं और अपने वादे ज़रूर निभाते हैं. चीटिंग न करें: आपके पास दुनिया का सबसे अच्छा पार्टनर है, तो भला किसी और से फ्लर्ट क्यों करना. अक्सर फ्लर्टिंग के चक्कर में ही इमोशनल रिश्ते बन जाते हैं, जिससे समस्या हो सकती है. फ्लर्ट ही करना है, रोमांस ही करना है, तो एक-दूसरे से करें, इससे आपके रिश्तों की गर्माहट भी बनी रहेगी और वो गहरा भी होगा. प्यार का इज़हार करते रहें: प्यार का इज़हार आपके रिश्ते में रोमांस को बरक़रार रखता है, इसलिए कभी फोन पर, तो कभी मैसेज द्वारा आई लव यू जैसे प्यारे शब्द कहते रहें. अच्छे सपोर्टर बनें: ऑफिस के काम में या फिर घर की किसी भी ज़िम्मेदारी में एक-दूसरे का हाथ बंटाएं. अपनी तरफ़ से हमेशा पूछते रहें कि क्या हम आपकी मदद कर सकते हैं? अक्सर पत्नियां यह सोचती हैं कि घर-प्रापर्टी या पति के प्रोफेशन से जुड़ी परेशानियों में वो कुछ नहीं कर सकतीं और पति यह सोचते हैं घरेलू ज़िम्मेदारियां, रिश्ते-नाते तो पत्नी का डिपार्टमेंट है. यह सोच न रखें, आप दोनों को ही हर वक़्त, हर मौ़के पर एक-दूसरे के सहयोग की ज़रूरत होती ही है. एक-दूसरे को सपोर्ट करते रहें. कॉम्प्लिमेंट्स देना कभी न भूलें: चाहे लुक्स के मामले में हो, फिटनेस के मामले में या फिर किसी कामयाबी पर भी एक-दूसरे को कॉम्प्लिमेंट ज़रूर दें. आपकी सराहना आपके पार्टनर के लिए ख़ास मायने रखती है. वो उम्मीद करते हैं कि अपने साथी से उन्हें कॉम्प्लिमेंट मिले. जो आदतें या बातें नापसंद हों, उन्हें भी कहें: ज़्यादातर रिश्ते कुछ ग़लतफ़हमियों के चलते ही टूटते हैं. ये ग़लतफ़हमियां तब होती हैं, जब हमें एक-दूसरे की आदतें पसंद नहीं होतीं. बेहतर होगा कि जो बातें पसंद न हों या जिन्हें लेकर विवाद होता हो, उन्हें आपसी बातचीत से सुलझा लें. पर्सनल अटेंशन दें: आप दोनों कितने ही बिज़ी क्यों न हों, पर एक-दूसरे के लिए समय ज़रूर निकालें. दो-चार दिन की छुट्टि लेकर कहीं बाहर जाएं, जहां स़िर्फ आप दोनों ही हों. परिवार की भीड़ में भी सबसे नज़रें बचाकर थोड़ी-बहुत शरारतें ़व छेड़छाड़ जरूर करें. यही पर्सनल अटेंशन आप दोनों को और क़रीब लाएगी और आप कहलाएंगे परफेक्ट कपल. पति-पत्नी नहीं, दोस्त बनें: दोस्ती का रिश्ता बहुत अनमोल और सबसे अलग होता है. हम अपने दोस्तों के साथ सबकुछ शेयर कर सकते हैं, क्योंकि हमें यह पता होता है कि वो ही हैं, जो हमें समझ सकते हैं, हमारा भला चाहते हैं और वो हमारी बुरी बातों और अदतों पर भी जजमेंटल नहीं होंगे. यही विश्वास पति-पत्नी के बीच जबतक नहीं बनेगा, तब तक वो परफेक्ट कपल नहीं बन पाएंगे. ऐसा विश्वास जहां पता हो कि यह तो हमारा दोस्त है, यही हमें समझ पाएगा और किसी भी बात का बुरा नहीं मानेगा. एक-दूसरे को कंट्रोल करने की कोशिश कभी न करें: एक-दूसरे को मुट्ठी में रखने की जो हमारे यहां प्रवृत्ति है, उससे बाहर निकलें. डॉमिनेटिंग होने की कोशिश में आप अपने साथी से दूर न हो जाएं कहीं. कभी भी अपने साथी को प्रभावित करने या उसे कंट्रोल करने की कोशिश न करें. आप दोनों जीवनसाथी हैं, ख़ुद को एक-दूसरे का प्रतिस्पर्धी न समझें. साथी की कमज़ोरियों और इनसेक्योरिटीज़ को समझें: आप जानते हैं कि आपका साथी किन बातों पर जल्दी अपसेट हो जाता है और आपका कौन-सा व्यवहार उसमें असुरक्षा की भावना को बढ़ता है, ऐसे में सबसे अच्छा होगा कि वो बातों और व्यवहार न किया जाए, जिससे साथी को तकलीफ़ होती है. कई बार मात्र अपने मज़े के लिए पार्टनर को जलाने के उद्देश्य से भी लोग ऐसी चीज़ें करते हैं. उन्हें लगता है पार्टनर को जलाने से उनमें प्यार और बढ़ेगा, लेकिन यह सोच ग़लत है. ऐसा करके आप उन्हें हर्ट करेंगे, न कि प्यार बढ़ाएंगे. कुछ बातें न बताना ही बेहतर होता है: माना आपको ईमानदार रहना चाहिए और सब कुछ शेयर करना चाहिए, लेकिन अगर आपको किसी के प्रति कोई आकर्षण महसूस हो रहा है या आपकी कोई सेक्सुअल फैंटसी है, तो उसे शेयर न ही करें, तो बेहतर होगा, क्योंकि भले ही आपका साथी कितना ही समझदार क्यों न हो, पर इन मामलों में मन में बेवजह की शंका घर कर सकती है. ख़ुद को पार्टनर की जगह रखकर सोचें: जब भी कोई वाद-विवाद या बहस हो जाए या पार्टनर से अनबन हो, जो उसकी प्रतिक्रिया को एकदम से सही-ग़लत कहकर मुंह न फुला लें. हमेशा ऐसी परिस्थितियों में ख़ुद को एक-दूसरे की जगह रखकर ज़रूर सोचें कि अगर आप उनकी जगह होते, तो आप कैसे रिएक्ट करते और आपको कैसा लगता. यक़ीन मानिए इससे बहुत हद तक समस्या और आपसी विवाद सुलझ जाएगा. कभी-कभी एक-दूसरे को अकेला भी छोड़ें: अगर आपके पार्टनर का मूड ठीक नहीं और वो कुछ देर अकेले रहना चाहे, तो भी पीछे न पड़े रहें कि मूड ख़राब होने की वजह वो आपको उसी वक़्त बताए. उसे समय दें, थोड़ी देर बाद वो ख़ुद ही आपसे शेयर करेंगे/करेंगी. स्पेस देना बहुत ज़रूरी है, वरना एक-दूसरे से खीझ होने लगती है. शुक्रिया अदा करना सीखें: अक्सर पति-पत्नी के रिश्ते में शुक्रिया की औपचारिकता नहीं रहती, लेकिन जब भी आपका पार्टनर आपकी कोई भी मदद करे या कॉम्प्लिमेंट भी दे, तो उसे शुक्रिया कहें या कुछ ऐसा कहें, जो उसके दिल को छू जाए, जैसे- आप उन्हें यह एहसास दिलाएं कि आपका उनके जीवन में क्या महत्व है और उनके बिना आप कितने अधूरे हैं. पैंपर करें, केयरिंग बनें: जैसे किसी बच्चे की देखभाल करते हैं, उसी तरह से एक-दूसरे की केयर भी करें और पैंपर भी करें. रिश्तों में कभी-कभी बचपना भी अच्छा लगता है, बच्चों जैसी निश्छलता रिश्ते का परफेक्ट बनाती है. सरप्राइज़ दें: किसी ख़ास ओकेज़न पर ही सरप्राइज़ दें यह ज़रूरी नहीं, जिस दिन आप कोई सरप्राइज़ प्लान करेंगे आपके साथी के लिए तो वही दिन ख़ाद बन जाएगा. कभी कोई गिफ्ट ले आएं, तो कभी घर पर ही कुछ स्पेशल करें, जिससे रूमानियत बढ़े और आप दोनों एंजॉय करें. सुरक्षाकवच बनें: अपने साथी को हमेशा यह महसूस कराएं कि आप उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा उनकी ढाल बनोगे. दुनिया की कितनी ही बड़ी मुसीबत क्यों न आ जाए, आप उनका साथ कभी नहीं छोड़ोगे. एक-दूसरे पर यह विश्वास ही आपके रिश्ते को बेहद मज़बूत बनाएगा. ईगो को बीच में कभी न आने दें: अक्सर हम अपने छोटे-से ईगो के लिए बड़ी-बड़ी ख़ुशियां दांव पर लगा देते हैं, लेकिन जहां प्यार होगा, वहां ईगो की जगह ही नहीं होनी चाहिए. बहस के दौरान एक-दूसरे को जितनी आसानी से बुरा-भला कह देते हैं, उतनी ही आसानी से अगर सॉरी भी बोल देंगे, तो कोई समस्या ही नहीं होगी. अगर बोल नहीं पा रहे, तो एसएमएस कर दें, किसी पेपर पर लिखकर भेज दें या फिर फूलों के गुलदस्ते के साथ कोई नोट और प्यारा-सा गिफ्ट भी बुरा आइडिया नहीं है. सेक्स लाइफ को नज़रअंदाज़ न करें: किसी भी शादी में सेक्स की भी उतनी ही अहमियत होती है, जितना प्यार का होना ज़रूरी है. बिज़ी लाइफ में सेक्स को नज़रअंदाज़ न करें. अपने रिश्ते में ठंडापन कभी न आने दें. एक-दूसरे की सेक्स की ज़रूरतों को भी महत्व दें. यह कोई ज़रूरी नहीं कि सेक्स में पहल स़िर्फ पति ही करे, पत्नी को भी उतना ही उत्साह और पॉज़ीटिव तरी़के से रुचि दिखनी चाहिए. फिटनेस रखें बरक़रार: आप फिट रहेंगे, तो पार्टनर को अच्छा ही लगेगा. आपका आकर्षण उन्हें आपकी तारीफ़ करने से रोक नहीं पाएगा. दोनों साथ में जॉगिंग पर जाएं, साथ में योगा क्लास जॉइन करें, एक्सरसाइज़ करें. यह भी ज़रूर जताएं कि आप दोनों स़िर्फ हेल्थ के लिए ही नहीं, एक-दूसरे का आकर्षित करने के लिए भी फिट बने रहना चाहते हैं. फिर देखिए, आपके पार्टनर की निगाहों में बस आप ही आप और उनके दिल में आपके लिए बेशुमार प्यार.
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