बच्चों से चिढ़...
ऐसा नहीं कि हर शख़्स को बच्चे प्यारे लगते हैं. ऐसे भी युवाओं की कमी नहीं है, जिन्हें बच्चे और उनका रोना-धोना, शोर-शराबा बिल्कुल भी पसंद नहीं. ऐसे लोगों के लिए शादी और बच्चा दोनों ही काला पानी की सज़ा जैसे हैं. शादी करने के बाद बच्चे होने का दबाव तो रहता ही है, यही डर(Marriage Fears) उन्हें शादी न करने के लिए प्रेरित करता है.
एक्सपर्ट की सलाह- कहते हैं, बच्चों में हम अपना बचपन जीते हैं. वो बचपन जिसे हम छोटेपन में उतना जान-समझ नहीं पाते हैं. अपने बचपन यानी फ्लैश बैक में जाने का हमारे पास यह ख़ूबसूरत मौक़ा होता है.
सेक्स का हौव्वा...
हम चाहे जितने मॉडर्न हो जाएं, पर आज भी सेक्स को लेकर हमारे मन में डर और भ्रांतियां ज्यों की त्यों बनी हुई हैं. कई बार दोस्तों की बातें, आधी-अधूरी नॉलेज भी सेक्स को लेकर ग़लतफ़हमियां पैदा कर देती हैं. पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने का डर, उसकी इच्छाओं को पूरी न कर पाने का भय आदि शंका-आशंकाएं बनी रहती हैं.
एक्सपर्ट की सलाह- रिश्ते और प्यार के एहसास को एक मुकम्मल मुक़ाम देता है सेक्स. यदि सेक्स के बारे में अच्छी और पूरी जानकारी हो, तो इससे डरने(Marriage Fears) की बजाय इससे जुड़े सुखद लम्हे दिलों को रोमांच से भर देते हैं.
करियर में रुकावट...
आज के दौर में पढ़ाई और करियर को हर कोई महत्व देने लगा है, फिर चाहे लड़के हो या लड़कियां. इनमें से कई अति महत्वाकांक्षी और वर्कहोलिक क़िस्म के होते हैं. उनके लिए करियर बनना और जीवन में एक मुक़ाम हासिल करना शादी-ब्याह, बीवी-बच्चे से कहीं बढ़कर होता है. उन्हें यह डर बराबर सताता रहता है कि कहीं शादी के बाद अन्य ज़िम्मेदरियों और पूरा करते-करते करियर में वे कहीं बहुत पीछे न छूट जाएं. ऐसे लोगों के लिए उनका करियर, जॉब और क़ामयाबी ही सब कुछ होती है.
एक्सपर्ट की सलाह- ज़िंदगी में हर चीज़ की अपनी ख़ूबसूरती है. फिर चाहे वो करियर, नौकरी हो या शादी. टाइम मैनजमेंट और पॉज़ीटिव एटीट्यूड हो, तो जीवन में हर काम को ख़ूबसूरत अंजाम दिया जा सकता है.
कमिटमेंट का डर...
वैवाहिक जीवन को सफल बनाने के लिए कमिटमेंट का होना बेहद ज़रूरी होता है और इसी से बचना चाहता है बैचुलर गु्रप. उन्हें करियर, जॉब और दोस्ती का कमिटमेंट तो मंज़ूर है, पर शादी का नहीं. क्योंकि इस कमिटमेंट में आपको जाने-अनजाने में कई समझौते और त्याग करने पड़ते हैं.
एक्सपर्ट की सलाह- ज़िंदगीभर हम न जाने कितने एडजस्टमेेंट और कमिटमेंट करते हैं और उसे पूरा करने की कोशिश भी करते हैं. फिर शादी से जुड़े कमिटमेंट को लेकर हिचक क्यों? ध्यान रहे, खुले विचार, सकारात्मक सोच और आपसी सामंजस्य हर कमिटमेंट को पूरा करने का सबब बनती है, फिर वो शादी ही क्यों न हो!
- ऊषा गुप्ता
https://www.merisaheli.com/smart-pre-marriage-preparations-for-couples/
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