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‘108 प्राचीन मंदिर-108 अनसुनी कहानियां’ पॉपुलर शो पंड्या स्टोर को छोड़कर एक्टर अक्षय खरोडिया महज़ 27 की उम्र में निकले अध्यात्म की राह पर, 108 मंदिरों के दर्शन कर पूरी करेंगे अपनी धार्मिक यात्रा… (Spiritual Journey: Popular Show Pandya Store Fame Akshay Kharodia To Visit 108 Temples Across India, Deets Inside)

ग्लैमर की दुनिया से जुड़े होने के बावजूद अक्षय खरोड़िया अपनी संस्कृति से काफ़ी प्रभावित हैं और इस बार एक्टर ने सिर्फ़ 27 की उम्र में ऐसा फ़ैसला लिया है जिसने सबको चौंका दिया. अक्षय पॉपुलर शो पंड्या स्टोर में अहम भूमिका में हैं और ये शो काफ़ी अच्छा परफ़ॉर्म भी कर रहा है लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि एक्टर ने शो से ब्रेक लिया है और इसकी वजह है उनकी धार्मिक यात्रा.

अक्षय ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के ज़रिये सबको सूचित किया है कि वो धार्मिक यात्रा पर निकल रहे हैं. इसमें वो पूरे देश के 108 प्राचीन मंदिरों के दर्शन करेंगे और उनसे जुड़ी अनसुनी कहानियां सबको सुनायेंगे.

एक्टर ने अपनी पोस्ट में कैप्शन दिया है- ‘108 प्राचीन मंदिर-108 अनसुनी कहानियां’ अक्षय ने मीडिया पोर्टल की दिये इंटरव्यू में कहा है कि वो बचपन से ही पौराणिक कथाओं के प्रति काफ़ी रुझान रखते हैं. उनकी दादी मां उनको कहानियांसुनाया करती थीं और उनके मम्मी-पापा भी उनको भजन-कीर्तन में ले जाया करते थे.

एक्टर ने कहा कि मुझे बचपन से ही अपनी सभ्यता और संस्कृति काफ़ी प्रभावित करती थी. मैं क्लब में चिल करने की बजाय मंदिर जाना पसंद करता हूं. बचपन से ही मुझे इतना कुछ सिखाया गया है कि ये सब मेरे मन में बैठ गई हैं और शो के दौरान मुझे एहसास हुआ कि जीवन बहुत छोटा है और मैं शुरू से ही रामायण-महाभारत की कहानियों के बारे में जानने को उत्सुक रहा हूं. रावण के अस्तित्व को मैंने देखा है तो अगर रावण है तो राम भी होंगे. बस इन्हीं कारणों से मैंने इस यात्रा का निर्णय किया है.

एक्टर का कहना है कि मुझे अपनी सांस्कृतिक विरासत और उनसे जुड़े किससे-कहानियों को और नज़दीक से जानने का मौक़ा मिलेगा. मुझे उनके अस्तित्व के बारे में जानने का अवसर मिलेगा. मैं वो तमाम अनुभव और कहानियां सबके साथ शेयर करूंगा. ये बेहद ख़ास अनुभव होगा.

ग़ौरतलब है कि एक्टर का सांस्कृतिक प्रेम शुरू से ही झलकता आया है, क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी रूही का बर्थडे भी बद्रीनाथ में 5000 साल पुराने गोपेश्वर मंदिर में मनाया था.

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