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मुफ़्त के सलाहकारों से रहें सावधान (Stay Away From Free And Unwanted Advises)

अगर आपको शारीरिक (Physical) या मानसिक कष्ट (Mental Distress) हो या वैवाहिक जीवन की बढ़ती मुश्किलें, या फिर किसी भी तरह की अन्य समस्या (Problem) हो, तो फ़िक्र न करें, आपकी समस्या के समाधान के लिए आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं, घर बैठे और राह चलते आपको आपकी समस्या के मिलेंगे सैकड़ों उपाय, वो भी मुफ़्त में. जी हां, हमारे देश में मुफ़्त के सलाहकारों की बड़ी तादाद है, आपसे भी ये यक़ीनन हर रोज़ टकराते होंगे. तो क्या आपने कभी सोचा कि लगभग कितने तरह के सलाहकार हैं हमारे आसपास और क्यों देते हैं वो इतनी सलाहें, नहीं न, तो हम बताते हैं.

Unwanted Advises

सलाहकारों की क़िस्में

इस दुनिया में हर क़िस्म के लोग होते हैं. हर फील्ड में भी हर क़िस्म के लोग पाए जाते हैं, तो भला ऐसा कैसे हो सकता है कि मुफ़्त के सलाहकारों की क़िस्में न हों. यक़ीन मानिए इन्हें आप भी जानते हैं, बस कभी ग़ौर नहीं किया.
मुफ़्त के डॉक्टर
शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो, आपको बस बोलने भर की देर है, हर दूसरा आदमी ख़ुद पर आज़माया हुआ बेहतरीन नुस्ख़ा आपको बताएगा, भले ही आपके बॉडी टाइप और उसके बॉडी टाइप में कितना ही फ़र्क़ क्यूं न हो. यह तो कुछ भी नहीं, कुछ लोग तो अस्पताल में भर्ती मरीज़ को देखने कम उसकी रिपोर्ट्स और एक्स-रे देखने ज़्यादा जाते हैं. ऐसे लोगों को मेडिकल साइंस का एम भी पता नहीं होता, पर एक्स-रे की रिपोर्ट इतनी गंभीरता से देखते हैं, जैसे इनसे बड़ा कोई डॉक्टर नहीं. साथ ही डायटीशियन बनकर मरीज़ को डायट आदि के ढेरों टिप्स भी देकर आते हैं. सावधान: सेहत बहुत ही गंभीर मामला है, बिना सही जानकारी के किसी तकलीफ़ के लिए किसी को मुफ़्त सलाह देना उसके लिए नुक़सानदायक भी हो सकता है. - हर व्यक्ति का बॉडी टाइप अलग-अलग होता है, ज़रूरी नहीं, जो नुस्ख़े आप पर कारगर रहे हों, वही दूसरों पर भी कारगर साबित होंगे. इस बात का ध्यान रखें और न मुफ़्त के डॉक्टर बनें और न ही मुफ़्त की सलाहों पर ग़ौर करें. - किसी भी तरह की तकलीफ़ में एक्सपर्ट डॉक्टर से संपर्क करें.
मुफ़्त के रिलेशनशिप एक्सपर्ट
शादी के बाद पति को मुट्ठी में रखना है, वरना ससुराल में तुम्हारी कोई अहमियत नहीं होगी... सास-ससुर की बहुत ज़्यादा जीहज़ूरी न करना, वरना ज़िंदभीगर उनकी ग़ुलामी करनी पड़ेगी... ननद और जेठानी से ख़ुद को आगे रखना... लड़कों को ससुरालवालों का ज़्यादा ख़्याल नहीं रखना चाहिए, वरना उनकी वैल्यू कम हो जाती है... से लेकर पति-पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए, उन्हें बच्चे कब पैदा करने चाहिए... जैसे विषयों पर अक्सर लोग सलाह देते रहते हैं. ज़रूरी नहीं कि सभी सलाहें ग़लत ही हों, पर ज़्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि ऐसे विषयों पर मुफ़्त सलाह बांटनेवालों का निजी अनुभव कटु होता है, जिसके कारण वो ऐसी सलाहें देते हैं. सावधान: जिस तरह हर व्यक्ति अलग होता है, उसी तरह हर घर का माहौल भी अलग होता है. ज़रूरी नहीं, जो बातें एक घर में होती हों, वो दूसरे घरों में भी हो. इसलिए किसी को भी कोई भी सलाह देने से पहले इन पहलुओं पर सोच लें. - लोग हमेशा अपने अनुभव के आधार पर सलाह देते हैं, जो ज़रूरी नहीं कि आपके लिए सही ही हो, इसलिए किसी विश्‍वासपात्र से ही अपनी समस्या बांटें. - पति-पत्नी का रिश्ता, बच्चे पैदा करना, न करना, कब करना, जैसे विषय बेहद निजी हैं, जिन पर दूसरों की दख़लंदाज़ी लोगों को पसंद नहीं. - ऐसे रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स से हर कोई दूर भागता है, इसलिए अगर आपको भी मुफ़्त सलाह देने की आदत हैं, तो इससे बचें.
मुफ़्त के लवगुरू
आज का ज़माना प्यार का कम और अफेयर का ज़्यादा है. आपको अपने स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या आस-पड़ोस में ऐसे मुफ़्त के लवगुरू बहुत मिल जाएंगे, जिनका काम ही अफेयर करनेवालों को मुफ़्त सलाह बांटना है. इन लवगुरुओं की तादाद फिल्मों और मोबाइल फोन ने कुछ ज़्यादा ही बढ़ा दी है. इनके टिप्स से कुछ लोगों को फ़ायदा भी होता है, पर फेल होनेवालों की संख्या ज़्यादा है. प्यार-मोहब्बत टिप्स से नहीं, जज़्बात से होते हैं. सावधान: हो सकता है कि किसी के बताए गुरु मंत्रों से एक बार आप किसी का दिल जीत लें, पर आपका प्यार अगर सच्चा नहीं, तो टिक नहीं पाएगा और अगर सच्चा हो, तो उसे किसी टिप्स की ज़रूरत नहीं. - रोमियो-मजनू बनने के चक्कर में बहुत-से यंगस्टर्स पढ़ाई-लिखाई, करियर, रिश्ते-नाते सब दांव पर लगा देते हैं, जो कहीं से भी सही नहीं. - प्यार इंसान को एक और बेहतर बनाता है, पर अक्सर देखा गया है कि ज़्यादातर यंगस्टर्स को प्यार नहीं अफेयर करना होता है.
मुफ़्त के करियर काउंसलर्स
कहते हैं हमेें वह काम करना चाहिए, जिसमें हमारा पैशन हो, पर आजकल ज़्यादातर लोग हमें यही सलाह देते हैं कि काम वो करना चाहिए, जिसमें पैकेज अच्छा मिलता है. आपके रिश्तेदारों में चाचा, मौसा, मामा या भइया, ज़रूर ऐसे होंगे, जिन्होंने अपना करियर बनाने के लिए इतने पापड़ बेले होते हैं कि उनका अनुभव अच्छा-ख़ासा होता है. अक्सर देखा गया है कि मुफ़्त की सलाह देनेवाले ये करियर काउंसलर्स ज़िंदगी में ख़ुद कोई ख़ास मुकाम हासिल नहीं कर पाते, पर दूसरों से बड़ी अपेक्षाएं रखते हैं. किस स्टूडेंट को कौन-सा कोर्स करना चाहिए, यह निर्णय लेने का हक़ ये अपने पास रखना पसंद करते हैं. सावधान: करियर से हमारी रोज़ी-रोटी ही नहीं, हमारा पैशन भी जुड़ा होता है. - करियर का चुनाव किसी के भी पसंद और पैशन के अनुसार होना चाहिए. - अच्छे पैकेज के लालच में भले ही आप किसी करियर का चुनाव कर लें, पर एक समय के बाद वही काम आपके तनाव का कारण बनने लगता है. - एक करियर के फेलियर पर दूसरा करियर शुरू कर पाना इतना आसान नहीं होता, इसलिए कोई भी करियर चुनने में किसी की सलाह के बजाय अपने दिल की सुनें.
मुफ़्त के फिटनेस एक्सपर्ट्स
आज की भागदौड़ और तनाव भरी ज़िंदगी में हर कोई हेल्थ और फिटनेस से जूझ रहा है. ऐसे में बहुत-से लोग मुफ़्त के फिटनेस एक्सपर्ट्स बने फिरते हैं. रोज़ाना पुशअप किया करो...क्रंचेज़ मारा करो... कार्डियो किया करो... 2-4 योगासन किया करो... सलाह मिली और आप लग गए फिटनेस बनाने और दो दिन बाद पता चला शरीर के सारे पुर्ज़े तकलीफ़ देने लगे. मुफ़्त के फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह ने आपको डॉक्टर के पास पहुंचा दिया. सावधान: एक्सरसाइज़ और योग ऐसे विषय हैं, जो हमेशा सही एक्सपर्ट्स की निगरानी में किए जाने चाहिए. इसलिए बिना सोच-समझे किसी की भी फिटनेस सलाह न मान लें. - फिटनेस एक्सपर्ट्स व योगा टीचर्स हर किसी के बॉडी टाइप और हेल्थ कंडीशन्स को देखकर उन्हें एक्सरसाइज़ और योग की सलाह देते हैं. - योग व एक्सरसाइज़ के डायट व लाइफस्टाइल से जुड़े अपने कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत ज़रूरी होता है, जो आपके मुफ़्त के फिटनेस एक्सपर्ट को कभी पता नहीं होंगे. - एकसरसाइज़ या योग के लिए किस समय करें, उससे पहले या उसके बाद कितने अंतराल पर खाएं-पीएं आदि का बहुत ध्यान रखना पड़ता है. - हेल्थ और फिटनेस के मामले में कभी भी बिना सोचे-समझे किसी की सलाह न मानें. आप अपनी सेहत के प्रति जागरूक हैं, तो सही एक्सपर्ट्स से मिलिए, वरना मुफ़्त में तो लेने के देन पड़ सकते हैं. यह भी पढ़ें:  शादी के बाद क्यों बढ़ता है वज़न? जानें टॉप 10 कारण (Top 10 Reasons For Weight Gain After Marriage) Unwanted Advises
मुफ़्त के फाइनेंशियल एडवाइज़र्स
कम समय में दुगुना फ़ायदा मिलेगा, पैसे जमा कर दो... लोन लेकर फलां जगह इन्वेस्ट कर दो, फ़ायदे में रहोगे... ऐसी स्कीम दोबारा नहीं आएगी, कहीं से भी जुगाड़ करके पैसे भर दो... शेयर मार्केट अच्छा चल रहा है, इन्वेस्ट करो... मेरे दोस्त के दोस्त ने फलां स्कीम ली थी, तुम भी ट्राई करो... रिस्क लोगे, तभी तो फ़ायदा मिलेगा... जैसी तमाम सलाह देनेवाले हमारे मुफ़्त के फाइनेंशियल एडवाइज़र्स होते हैं, जो कहीं दूर से नहीं बल्कि हमारे पड़ोस या रिश्तेदारों में से एक होते हैं. अगर आपका कोई रिश्तेदार इंश्योरेंस एजेंट है, तो ज़रूरत हो न हो, बेवजह के इन्वेस्टमेंट और प्लान आपकी झोली में डालकर वह अपना टारगेट ज़रूर पूरा करेंगे. सावधान: फाइनेंशियल एडवाइज़र्स हमेशा यही सलाह देते हैं कि कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से पहले यह देखें कि वह आपके लिए कितना ज़रूरी है, उसके अच्छे रिर्ट्न्स कब तक मिलेंगे, इन्कम टैक्स रिटर्न में कितना फ़ायदेमंद साबित होगा आदि. - शेयर मार्केट और म्यूच्युअल फंड में निवेश रिस्की होता है, बिना सही जानकारी के आप अपने पैसे डूबो देंगे. - लोन लेकर इन्वेसट करनेवाले अक्सर दोहरी मार खाते हैं. एक तरफ़ बिना सोचे-समझे इन्वेस्टमेंट में नुक़सान तो दूसरी तरफ़ लोन भरने का बोझ आपकी फाइनेंशियल स्थिति को डगमगा सकता है. - कोई फलां बिज़नेस में अच्छे पैसे कमा रहा है, तो ज़रूरी नहीं, आप भी कमा लें. बिज़नेस एक हुनर है, जो हर किसी में नहीं होता. - कभी भी अपने मुफ़्त एडवाइज़र की बातों में आकर या किसी की देखा-देखी फाइनेंस के ़फैसले न लें. - कम समय में ज़्यादा पैसे कमानेवाले स्कीम्स के अक्सर भंडाफोड़ होते हैं, फिर भी लोग ऐसी लुभावनी स्कीम्स में पैसे लगाने से ख़ुद को रोक नहीं पाते. - अगर लोगों को समझ में आ जाए कि कोई बिना कुछ किए उन्हें इतने सारे पैसे भला क्यों और कहां से लाकर देगा, तो ऐसी घटनाएं ही न हों. - जैसे अपवाद हर जगह होते हैं, वैसे ही हो सकता है, आपके मुफ़्त फाइनेंशियल एडवाइज़र की मुफ़्त सलाह से आपको फ़ायदा भी हो जाए. पर कोई भी काम हमेशा सोच-समझकर करें.
क्यों है सलाहकारों की इतनी भरमार?
- आदत से मजबूर अब सवाल उठता है कि आख़िर हमारे देश में लोगों को मुफ़्त सलाह देेने की इतनी अच्छी आदत क्यों है? और जो जवाब सबसे पहले सूझता है, वो है आदत. कुछ लोगों की आदत ही होती है, मुफ़्त में सलाह देने की. आप सलाह मांगो न मांगो, वो आपको ज़रूर देकर जाएंगे. - ज्ञान बघारने का शौक़ यह भी काफ़ी देखा जाता है कि लोगों को अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने का बहुत शौक़ होता है. आप उनसे किसी विषय पर बात छेड़कर तो देखिए, आपको ऐसे-ऐसे लफ़्ज़ सुनने को मिलेंगे, जो शायद एक्सपर्ट्स भी इस्तेमाल न करते हों. अपने ज्ञान प्रदर्शन के लिए ही ज़्यादातर लोग सलाह बांटते रहते हैं. - सामाजिक दायित्व मुफ़्त के सलाहकारों की बढ़ती तादात के ज़िम्मेदार कहीं न कहीं हम भी हैं. हम भी तो अपना रोना किसी के भी सामने लेकर बैठ जाते हैं, ऐसे में हमें उस दुख से उभारना वह अपना सामाजिक दायित्व समझते हैं और भरसक प्रयास करते हैं, आपको उस दुख से उबारने का. - ख़ुद को बेस्ट साबित करने का मौक़ा सबके सामने ख़ुद को बेस्ट साबित करने के लिए कुछ लोग बेवजह दूसरों से उनके बारे में पूछ-पूछकर सलाह देते रहते हैं. यदि किसी विषय पर चर्चा हो रही हो, तो इनकी सलाह का पिटारा जल्दी बंद नहीं होता. मुफ़्त की सलाह के साइड इफेक्ट्स भले ही हमें ऐसा लगता हो कि मुफ़्त की चीज़ हमेशा फ़ायदेमंद होती है, पर ऐसा है नहीं. इसके भी साइड इफेक्ट्स हैं और कुछ तो बहुत ही गंभीर होते हैं. ज़िंदगीभर की लत - अंबिकाजी की उम्र क़रीब 45 साल है. उन्हें मसूड़ों और दांतों में दर्द की शिकायत होने लगी, तो उन्होंने डेंटिस्ट को दिखाने की बजाय अपनी सहेलियों से इस बात का ज़िक्र किया. जैसा कि अपेक्षित था, सबने अपने-अपने तजुर्बे के मुताबिक उन्हें ढेरों मुफ़्त की सलाहें दे दीं, पर उसमें से एक सलाह उन्हें जंच गई, जो थी, कच्ची तंबाकू को थोड़ी देर के लिए दांतों के नीचे दबाकर रखने की. अंबिकाजी ने इसे आजमाना शुरू किया और उन्हें दर्द में राहत महसूस हुई और फिर क्या था, धीरे-धीरे उन्हें इसकी लत लग गई. यह समझने के बावजूद कि तंबाकू से कैंसर होता है, वो इस लत से ख़ुद को आज़ाद नहीं कर पा रहीं.

- अनीता सिंह

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