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कहानी- लाखों में…3 (Story Series- Lakhon Mein…3)

“ओफ़्फ़ो मम्मी! आप क्या जानो आर्टिस्ट क्या होता है? सुर साधना किसे कहते हैं? पिछले एक हफ़्ते से उसने ढंग से कुछ खाया-पीया भी नहीं है. सब मेरी ग़लती है. मुझे ही घर छोड़ने की जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए.” उसने भुनभुनाते हुए फोन काट दिया. रागिनी को अकेले ही घर आया देख हरीश अपनी प्रसन्नता छिपा नहीं पाए, “अरे! नैना नहीं आई, वहां सब ठीक तो है न?” यह सुनकर रागिनी शांत भाव से बोली, “उम्मीद तो है सब ठीक हो जाएगा और तुम्हारी अधैर्य बेटी को कुछ सद्बुद्धि आएगी. वैसे भी उसे कब यहां आना था. वो तो बस ये चाहती है कि वो नील को बुरा-भला कहे और हम नील को भला कहकर उसके चुनाव पर सही की मोहर लगाकर उसे आत्मतुष्टि पहुंचाएं.” मोबाइल की घंटी से फिर विचार बाधित हुए, रागिनी का नंबर देखकर उसने संभलते हुए कहा, “हेलो मम्मी, मैं घर से बाहर थी, यह बात नील को पता ही नहीं चली. वो बेचारा सुबह से रियाज़ कर रहा है. कल एक कॉन्सर्ट है, इसलिए आज मैं उसे कोई झटका नहीं देना चाहती हूं, उसकी परफॉर्मेंस बिगड़ जाएगी.” इस पर रागिनी तेज़ स्वर में बोली, “बिगड़ती है तो बिगड़ने दे और हां, उसका दिमाग़ कहां रहता है. बीवी तीन घंटे से घर में नहीं थी और उसे पता नहीं चला, किस दुनिया में रहता है नील?” “ओफ़्फ़ो मम्मी! आप क्या जानो आर्टिस्ट क्या होता है? सुर साधना किसे कहते हैं? पिछले एक हफ़्ते से उसने ढंग से कुछ खाया-पीया भी नहीं है. सब मेरी ग़लती है. मुझे ही घर छोड़ने की जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए.” उसने भुनभुनाते हुए फोन काट दिया. रागिनी को अकेले ही घर आया देख हरीश अपनी प्रसन्नता छिपा नहीं पाए, “अरे! नैना नहीं आई, वहां सब ठीक तो है न?” यह सुनकर रागिनी शांत भाव से बोली, “उम्मीद तो है सब ठीक हो जाएगा और तुम्हारी अधैर्य बेटी को कुछ सद्बुद्धि आएगी. वैसे भी उसे कब यहां आना था. वो तो बस ये चाहती है कि वो नील को बुरा-भला कहे और हम नील को भला कहकर उसके चुनाव पर सही की मोहर लगाकर उसे आत्मतुष्टि पहुंचाएं.” हरीश रागिनी के खुलासे पर हैरान थे, “जानते हो हरीश, नैना के जाने के बाद नील ने उसकी लिखी पर्ची पढ़ ली थी. नैना का  फोन स्विच ऑफ आने पर उसने मुझे फोन करके सारी बात बताई. वह बेचारा सॉरी बोलते हुए उसे मनाने आ रहा था, पर मैंने ही मना कर दिया. अभी जब नैना घर गई, तो मैंने नील को कॉल करके सतर्क कर दिया. हमारी योजना के आधार पर ही उसने ऐसे दर्शाया कि नैना के जाने का उसे पता ही नहीं चला. हर बार वह तिल का ताड़ बनाती है, मैंने सोचा इस बार मैं ही तिल का ताड़ बना दूं.” यह भी पढ़ेइन 9 आदतोंवाली लड़कियों से दूर भागते हैं लड़के (9 Habits Of Women That Turn Men Off) “अब समझा,  तुम यहां पर ओवर रिएक्ट करके नैना के मन में नील की उपस्थिति को टटोल रही थी.” “क्या करती, समझाकर तो देख लिया.  नैना हमेशा से ही ऐसी रही है कन्फ्यूज़-सी. याद करो, बचपन में जब वह अपनी पसंद का कोई खिलौना लेकर घर आती थी, तब उसमें बुराई निकालती थी. हम उसका  आत्मविश्‍वास बढ़ाने के लिए उसके चुने खिलौने की जितनी ख़ूबियां गिनाते थे, वो उतनी बुराई खोजती थी. उसकी इस आदत से परेशान होकर जब मैं भी उसकी हां में हां मिलाकर खिलौने की बुराई करती, तब वह अपने खिलौने में ख़ूबियां ढूंढ़कर उसकी प्रशंसा करती.उसकी यह आदत अभी भी नहीं बदली. मानती हूं कि नील मुझे शुरू में नहीं पसंद था, पर उसका सादापन, उसकी कला और नैना के प्रति उसके समर्पण को मैंने भांपकर ही हामी भरी. ऐसे में नैना जब-तब उसकी आलोचना करती, तो मुझे उसके व्यवहार में उसका वही बचपना दिखता.” हरीश ने पत्नी के इस पक्ष को समझकर प्रशंसाभरी नज़रों से देखा, तो वह भावुक होकर बोली, “हर मां चाहती है कि उसकी बेटी मायके हंसी-ख़ुशी आए... नील  सीधा-सादा लड़का है. उसे गिटार का पैशन है, यह कितनी अच्छी बात है...  वरना तो लोगों को लड़कियां, शराब और न जाने कैसे-कैसे व्यसन होते हैं. अपना नील तो गिटार में व्यस्त रहता है. कलाकार है,  उसमें भी इस बेवकूफ़ लड़की को आपत्ति है.” बातों-बातों में हरीश-रागिनी घर आए. दो दिन तक न उन्होंने नैना को फोन किया और न ही नैना ने उन्हें. तीन दिन बाद नैना का रागिनी के मोबाइल पर फोन आया. “मम्मी आज का अख़बार देखा आपने? आप जिसे कोस रही थीं, वो यूरोप जा रहा है. उसकी परफॉर्मेंस को देखते हुए उसे ‘वेव्स ग्रुप’ में गिटार बजाने का मौक़ा मिला है. इस दिन का नील को कब से इंतज़ार था, और हां... नील कह रहे थे यूरोप ट्रिप उनकी तरफ़ से मेरे जन्मदिन का उपहार है. सोचो, मैं अपना जन्मदिन यूरोप में सेलिब्रेट करूंगी. क्या हुआ, अब आप चुप क्यों हैं? आपकी सहेली के देवर का बेटा ही अपनी बीवी को यूरोप नहीं घुमा सकता, नील जैसा एक आम इंसान भी अपनी बीवी को यूरोप घुमाने के लिए दिन-रात एक कर सकता है.” नील ‘आम’ कहां है, वो तो कलाकार है. रागिनी कहना चाहती थी, पर चुप रही फिर ठंडी सांस लेकर बोली, “मेरी सहेली के देवर के बेचारे बेटे की शादी तो खटाई में पड़ गई है, उसके शराब पीने की लत को देखकर एक लड़की ने उसे रिजेक्ट कर दिया.” “हे भगवान! और आप उससे मेरी शादी करवा रही थीं. थैंक गॉड कि नील को गिटार का नशा है. कम से कम उसका नशा हमें प्राउड मोमेंट तो देगा. कम से कम अब तो मान लो कि नील से अच्छा जीवनसाथी कोई हो ही नहीं सकता.” यह भी पढ़ेLearn English, Speak English: अंग्रेज़ी होगी शानदार, अगर सीखेंगे ये शब्द व वाक्य (Basic English: Common Phrases That Are Incredibly Useful) “‘हां भई, मान लिया तेरा नील हज़ारों में एक है.” कहे बिना रागिनी रह नहीं पाई, तो नैना बोली, “देखा, इसमें भी कंजूसी, ‘लाखों में एक’ नहीं कह सकती थीं.” रागिनी फोन रखकर एक बार फिर अपने प्यारे दामाद का मैसेज पढ़कर मुस्कुराने लगी, जिसमें उसने अपने दांपत्य के ‘तारनहार’ अर्थात् मां समान सास के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कोटिश: धन्यवाद लिखा था. Minu tripathi      मीनू त्रिपाठी

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