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कहानी- पीढ़ियों का नज़रिया… 1 (Story Series- Pidhiyon Ka Nazariya… 1)

 

Pidhiyon Ka Nazariya मगर वो हां कर चुका था. नहीं, उससे हां करवाई जा चुकी थी. मजबूरी और बेबसी में उसे एक-एक करके सभी पर ग़ुस्सा आने लगा. कितना समझाया था उसने कि कोई वहां उससे कुछ नहीं पूछेगा, मगर नहीं सबके सब... कुछ भी हो, एक बार तो उस लड़की से मिलना ही होगा. मगर बड़ों को बताए बिना? ऐसे संस्कार सैंडी के नहीं थे.

        सैंडी को लग रहा था कि उसका दिमाग़ प्रेशर कुकर बन गया है, जो किसी भी समय फट सकता है. ये सब कुछ क्या और कैसे होता चला गया, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. क्या वो सच में एक ऐसे इंसान के साथ सारी ज़िंदगी बिताने की स्वीकृति दे चुका है, जिसे न तो वो अभी ठीक से जान सका है और न ही वो इंसान उसे? पिछले चार-पांच घंटे उसकी आंखों के आगे फास्ट मोशन में चल रहे चलचित्र की तरह घूम रहे थे. कितनी देर बैठा रहा वो उस लड़की के साथ अकेले में, याद नहीं आ रहा... पर इतना याद है कि जितनी बार भी किसी मुद्दे पर आने की कोशिश की थी, कोई न कोई बीच में टपक पड़ा था और बात फिर औपचारिक दिशा में मुड़ गई थी. बेमतलब की हज़ार बातें हुईं और मतलब की हर बात अधूरी रह गई. क्या-क्या बातें थीं उसके दिल में जो न हो सकीं. और वो सबसे ज़रूरी बात...   यह भी पढ़ें: भारत की हरनाज़ संधू ने जीता ‘मिस यूनिवर्स 2021’ का ख़िताब, देखें हरनाज़ की ख़ूबसूरत तस्वीरें… (Harnaaz Sandhu Brings Home Miss Universe Crown After 21 Years)   नहीं, अपनी ज़िंदगी का वो स्याह हिस्सा बताए बिना वो हां नहीं कर सकता था. ये तो किसी को धोखा देना हुआ. नहीं, वो किसी को धोखा नहीं दे सकता. वो भी इतनी भली लड़की को जिसके भलेपन ने ही तो सबको सम्मोहित-सा कर दिया था. मगर वो हां कर चुका था. नहीं, उससे हां करवाई जा चुकी थी. मजबूरी और बेबसी में उसे एक-एक करके सभी पर ग़ुस्सा आने लगा. कितना समझाया था उसने कि कोई वहां उससे कुछ नहीं पूछेगा, मगर नहीं सबके सब... कुछ भी हो, एक बार तो उस लड़की से मिलना ही होगा. मगर बड़ों को बताए बिना? ऐसे संस्कार सैंडी के नहीं थे. सैंडी रातभर सोचता रहा और दूसरे दिन जनवरी की कड़क सर्दियों में माहौल का पारा जून सा चढ़ गया.   यह भी पढ़ें: 6 रिलेशनशिप गुरु, जो रिश्ते में दे सकते हैं आपको बेस्ट सलाह( 6 Relationship Gurus, Who Can Give You Best Relationship Advice)   सबके माथे पर छलकती पसीने की बूंदें गवाह थीं कि सब ख़ामोशी के बाद आनेवाले तूफ़ान को झेलने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए हैं. ताऊजी और सैंडी आमने-सामने बैठे थे.

अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें...

भावना प्रकाश   अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

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