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कहानी- सुख 2 (Story Series- Sukh 2)

 

मैं बाकी बातों को भूलकर उनके 'अब' पर अटककर रह जाती.. अब का क्या मतलब? यही न कि मायके में तुम वहीं से ख़रीदती रही, हैसियत थी नहीं तुम्हारी बड़े शोरूम में जाने की, 'अब' तो मत जाओ, जब पानी की तरह पैसा बहा सकती हो... दिल में एक किरच चुभकर रह जाती. 

      ... "ऐसे मुंह फाड़कर मत हंस दिया करो पार्टी में.. मिडिल क्लास औरतों की तरह, लेवल मेंटेन करो.. ऐटलीस्ट कुछ घंटों के लिए ही सही..." दीपक आए दिन इस तरह की क्लास लेकर मुझे आहत करते रहे और मैं हाई क्लास की छत पर जानेवाली सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश में बार-बार गिरती रही.. कभी मैंने खिलते रंग की चादर बिछा दी, तो वो मिडिल क्लास पसंद हो गई, कभी मैंने माली के बच्चे को गोद में उठा लिया, तो मेरा वो लगाव मिडिल क्लास बर्ताव में गिना गया. खोमचे, ठेले का खाना, तो दूर की बात थी, सासू मां से जब लोकल बाज़ार जाने के लिए पूछा, तो उन्होंने मुझे ऐसे देखा जैसे अब धरती फट जाएगी, "तुम वहां जाओगी? ड्राइवर दुनियाभर में बताएगा कि मेमसाब उस गली-कूचे से दुपट्टे ख़रीदती हैं.. अब तो ये सब बंद करो." यह भी पढ़ें: शादी से पहले ज़रूरी है इन 17 बातों पर सहमति (17 Things Every Couple Must Talk About Before Getting Marriage)   मैं बाकी बातों को भूलकर उनके 'अब' पर अटककर रह जाती.. अब का क्या मतलब? यही न कि मायके में तुम वहीं से ख़रीदती रही, हैसियत थी नहीं तुम्हारी बड़े शोरूम में जाने की, 'अब' तो मत जाओ, जब पानी की तरह पैसा बहा सकती हो... दिल में एक किरच चुभकर रह जाती. पतली गलियों के बाहर लटकते सतरंगी दुपट्टे मुझे आवाज़ दे-देकर बुलाते रहते और मैं एक शोरूम में चौगुनी क़ीमत अदा कर के भी अतृप्त घर आती. एक घुटन हावी होने लगी थी. पहले तो मायके जाकर थोड़ी देर के लिए ही सही, लेकिन सांस तो ले लेती थी, लेकिन अब वो ठौर भी मुझसे छूट गया था. पापा-मम्मी क़रीब डेढ़ साल पहले भाई के पास दिल्ली शिफ्ट हो गए थे और मेरा अपना ही शहर मेरे लिए अनजान हो गया था. सहेलियां धीरे-धीरे छूटने लगीं, कुछ शादी करके दूसरे शहरों में चली गईं. माला की शादी यहीं हुई थी, लेकिन हमारे आर्थिक स्तर के अंतर ने हमारी दोस्ती के बीच में भी खाई बना दी थी. "तुमने तो अपने घर दुबारा बुलाया ही नहीं..." उसने जब कभी शिकायत की, मैं टाल गई. क्या बताती उसे कि जब पहली बार वो घर आई थी, उसके जाने के बाद घर में कैसी-कैसी बातें हुई थीं! उसके कपड़े, उसका पर्स, उसके बच्चे के कपड़े, सब कुछ दिनभर चर्चा का विषय था. यह भी पढ़ें: मां बनने वाली हैं तो पति को 10 अलग अंदाज़ में दें मां बनने की ख़ुशखबरी (10 Cute Ways To Tell Your Husband You’re Pregnant)   सासू मां ने अपनी उम्र की गंभीरता भूलकर, माला के बच्चे की नकल करके दीपक को बताया था, "पता है दीपक, ऐसे.. ऐसे टूट पड़ा था उसका बच्चा बिस्किट की प्लेट पर..." मेरा मन घिन से भर उठा था, 'छि:.. एक बच्चे को भी नहीं छोड़ा जाता यहां...' मैंने बात काटी, "तो क्या हुआ! बच्चे तो ऐसे ही करते हैं. भले ही अपने यहां ना खाएं, कहीं जाते हैं तो खा लेते हैं..." दीपक ने तेज़ी से 'ना' में गर्दन हिलाई, "नो.. नेवर.. मैंने कभी ऐसा नहीं किया, पूछो मम्मा से..."

अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें

[caption id="attachment_208091" align="alignnone" width="213"]Lucky Rajiv लकी राजीव[/caption]       अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

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