सुनील ने आगे बताया कि उन्हें कैसे पहली टीवी शो मिला और फिर वो भी हाथ से निकल गया. उनके अनुसार, '' धीरे-धीरे मुझे एहसास होने लगा कि यहां मेरे जैसे बहुत से लोग हैं, जो अपने शहर या कस्बे में सुपरस्टार थे, पर यहां मात्र स्ट्रगलर हैं. मेरे पास कोई काम नहीं था. मुझे धीरे-धीरे निराशा होने लगी. लेकिन मुझे याद था कि मेरे पिता भी रेडियो अनाउंसर बनना चाहते थे और उनके पास ऑफर भी था पर मेरे दादी जी उसके विरुद्ध थे इसलिए पापा को बैंक में काम करना पड़ा पर मैं अपने सपनों को ऐसे नहीं छोड़ना चाहता था. इसलिए मैंने दिल लगाकर काम खोजना शुरू किया. लेकिन रास्ता बहुत कठिन था. एक बार मुझे एक टीवी शो के लिए सिलेक्ट किया गया और कुछ दिनों तक शूट भी किया लेकिन बाद में मुझे रिप्लेस कर दिया गया. ''
लेकिन एक रेडियो शो मिलने बाद धीरे-धीरे मेरे रास्ते साफ होते गए. सुनील कहते हैं, '' मुझे वॉइसओवर का काम मिलने लगा. इसलिए बेरोजगारी वाली समस्या हो गई थी. फिर मुझे एक रेडियो शो मिला. जो कि दिल्ली के लिए था पर जब यह शो हिट हो गया तो इसे पूरे देश में ऑनएयर किया गया. इस प्रकार धीरे-धीरे रास्ते बनते गए''
उसके बाद सुनील ग्रोवर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. गुत्थी के ऑफर के बारे में बताते हुए सुनील ने कहा, '' उसके बाद मुझे रेडियो, टीवी और फिल्म्स में काम मिले और फिर गुत्थी का रोल मिला. फिर देखते ही देखते मैं देश के हर घर में लोकप्रिय हो गया. मुझे याद है कि एक बार मुझे लाइव शो में बुलाया गया और जब मैं स्टेज पर पहुंचा तो ऑडिएंस जोर-जोर से चिल्लाने लगी और ताली बजाने लगी. मैंने पीछे मुड़कर देखा कि कहीं कोई और स्टार तो नहीं खड़ा है. फिर मुझे यह एहसास हुआ कि इतना प्रेम मेरे लिए है. इसी तरह की कई घटनाएं मुझे मेरे अंदर सो चुके उस लड़के को वापस उठा पाईं जो सोचता था कि वो दुनिया जीत सकता है. वो लड़का अपने आस-पास मौजूद सभी लोगों को हंसाना जानता था, पर इतनी असफलताओं में उस लड़के का हौसला तोड़ दिया था. पर वह बेजान नहीं हुआ था. सच कहूं तो वो लड़का मेरे अंदर अभी भी जिंदा है और मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. ''
