८० और ९० के दशक में पैदा हुए लोगों के लिए रविवार का दिन बेहद ख़ास होता था. अलिफ़ लैला, बुनियाद, चंद्रकांता, देख भाई देख, मालगुडी डेज़ जैसे सीरियल्स उस समय बेहद लोकप्रिय हुए थे. रविवार का दिन गीतों भरी रंगोली से शुरू होता था, फिर श्रीकृष्ण और चंद्रकांता देखते समय तो सड़कें खाली हो जाती थी. उन दिनों सीरियल्स का क्रेज़ ही कुछ ऐसा था कि लोग अपने सारे काम छोड़कर टीवी के सामने बैठ जाते थे. ९० के दशक में भारतीय टेलीविज़न पर धूम मचानेवाले सीरियल चंद्रकांता को भला कौन भूल सकता है.
चंद्रकांता देवकी नन्दन खत्री के उपन्यास चंद्रकांता पर आधारित है. इसकी राईटर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर नीरजा गुलेरी हैं. चंद्रकांता की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजकुमारी शिखा हो, राजकुमार वीरेंद्र या फिर क्रूर सिंह का किरदार सबने लोगों के दिलों में इस कदर जगह बना ली थी कि लोग उन्हें उनके नाम की बजाय किरदार के नाम से पहचानने लगे थे. अगर आप भी चंद्रकांता के फैन हैं, तो देखिए कि तब के राजकुमार, राजकुमारी और बाक़ी के क़िरदार अब कैसे दिखते हैं.
शिखा स्वरूप और शाहबाज़ खान इसमें मुख्य भूमिका में थे, उनके अलावा पंकज धीर, अखिलेंद्र मिश्रा, इरफ़ान खान और राजेंद्र गुप्ता की भूमिका भी काफ़ी सशक्त थी. चंद्रकांता का टाइटल ट्रैक तो आज भी लोगों ज़ुबानी याद है. आपको जानकर ख़ुशी होगी कि इसे सोनू निगम ने गाया था.दोबारा इसे देखकर उन दिनों की कुछ यादें ताज़ा कर लें.
राजकुमारी चंद्रकांता (शिखा स्वरूप)
राजकुमार वीरेंद्र सिंह (शाहबाज़ ख़ान)
महाराज शिवदत्त (पंकज धीर)
क्रूर सिंह (अखिलेंद्र मिश्रा)
पंडित जगन्नाथ (राजेंद्र गुप्ता)
बद्रीनाथ (इरफ़ान ख़ान)
- अनीता सिंह
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