हेल्दी भला कौन नहीं रहना चाहता और यह ज़रूरी भी है, लेकिन हेल्दी रहने के लिए बेहद ज़रूरी है कि आपका वज़न एक तय सीमा से ज़्यादा न बढ़े, लोग न जाने कितनी डायटिंग और एक्सरसाइज़ करते हैं, लेकिन फिर भी वो रिज़ल्ट नहीं मिलता, क्योंकि शायद लोगों की अप्रोच सही नहीं है... या तो खाना ही बंद कर देंगे या फिर दवाओं से वज़न कम करने के चक्कर में पड़ जाते हैं, जबकि वज़न घटाने के लिए खाना बंद करना उपाय नहीं है, बल्कि सही तरी़के से खाना ज़रूरी है, ताकि पोषण भी मिले और धीरे-धीरे सहजता से आप हेल्दी तरी़के से वज़न घटाएं. समझदारी से अपना डायट प्लान करेंगे, तो आपका स्वाद भी बरक़रार रहेगा और हेल्थ भी, इसीलिए हम कुछ स्मार्ट हेल्दी टिप्स और ट्रिक्स की के बारे में बात करेंगे, जिसमें आपका यह आइडिया मिलेगा कि कैसे खाएं, क्या खाएं जो टेस्टी भी हो और आपको फिट भी रखे.
समझें खाने और न्यूट्रिशन यानी पोषण की बेसिक बातें: हेल्दी खाने का सीधा मतलब है कि ऐसा खाना, जिससे आप स्वस्थ रहें, फिट रहें, ख़ुश रहें और ज़्यादा एनर्जेटिक महसूस करें. अपना मनचाहा काल्पनिक फिगर पाने और हेल्दी खाने का यह मतलब नहीं है कि आप कम खाएं, कैलोरीज़ गिन-गिन के स़िर्फ न्यूट्रिशियस फूड ही खाएं. इसलिए खाने और न्यूट्रिशन की कुछ बेसिक बातें जानें और समझें, ताकि आप ऐसा डायट प्लान कर सकें, जिसमें आपको ढेर सारी वेरायटी भी मिले और आपका काम भी हो जाए. आप कुछ हेल्दी के साथ-साथ स्वादिष्ट भी खाएं.
स्ट्रिक्ट डायट प्लान करने की ग़लती न करें: अचानक बहुत स्ट्रिक्ट डायट शुरू न करें, बल्कि छोटे गोल्स सेट करें. धीरे-धीरे शुरुआत करें. आपको एकदम परफेक्ट होने की ज़रूरत नहीं है. न ही अपने मनपसंद भोजन को पूरी तरह से त्याग देने की ही ज़रूरत है. बस, आपका उद्देश्य ज़्यादा हेल्दी और एनर्जेटिक फील करना और रोगों के रिस्क का कम करना होना चाहिए.
ईटिंग हैबिट्स में धीरे-धीरे बदलाव लाएं: आप अपनी डायट रातोंरात नहीं बदल सकते. धीरे-धीरे अनहेल्दी चीज़ों को हेल्दी चीज़ों से रिप्लेस करें, जैसे- नियमित रूप से रोज़ कोई फल, सलाद खाएं, खाने में तेल, नमक और शक्कर को कम करें. हेल्दी ऑयल्य यूज़ करें, जैसे- ऑलिव ऑयल. किसी जानकार से सलाह भी लें कि क्या बेहतर होगा.
लिक्विड इनटेक और पानी बहुत ज़रूरी है: पानी सिस्टम को क्लीन हो करता है. शरीर के टॉक्सिन्स को भी निकालता है. हम में से अधिकतर लोग अंजाने में ही पानी कम पीने के कारण डिहाइड्रेटेड रहते हैं,जिसकी वजह से थकान, सिरदर्द और लो एनर्जी लेवल महसूस करते हैं.
गोल सेट करें: आपको यह तय करना होगा कि एक महीने में एक से दो किलो ही वज़न कम करना है, पांच या सात किलो कम करने के चक्कर में न पड़ें. बेहतर होगा एक रियलिस्टिक गोल सेट करें.
डायट में कलर्स ऐड करें: डायाटिंग का मतलब स़िर्फ खाने में कुछ घटाना ही नहीं होता, बल्कि बढ़ाना भी होता है, पोषण को बढ़ाएं. कलर्स को बढ़ाएं. सिंपल डायट फॉलो करें. खाने में जितने ज़्यादा कलर्स होंगे, उतना ही वो हेल्दी और पोषक होगा, जैसे: हरी सब्ज़ियां, गाजर, टमाटर, ताज़ा फल, दही, दूध, चटनी, छाछ आदि. कैलोरीज़ गिनने से बेहतर होगा कि आप खाने में वेरायटीज़, कलर्स और ताज़गी को महत्ता दें.
योग, एक्सरसाइज़ ज़रूर करें: लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाएं, रोज़ संभव न हो, तो हफ़्ते में दो या तीन दिन, एक्सरसाइज़, वॉक, जॉग और योग करें.
क्रेविंग्स का ख़्याल रखने के लिए बीच का रास्ता चुनें, किसी भी खाने को पूरी तरह बंद न करें: लोग अक्सर डायटिंग के शुरुआती दौर में पूरी तरह से हेल्दी फुड पर शिफ्ट होने की ठान लेते हैं. बेहतर होगा कि अनहेल्दी फूड पहले से थोड़ा-सा कम खाएं. किसी भी फूड को पूरी तरह से बैन न करें, क्योंकि यह स्वाभाविक है कि जब आप किसी चीज़ को खाना पूरी तरह से बंद कर देते हैं, तो उसे खाने की चाह और बढ़ जाती है. और जब वो चीज़ हमारे सामने आती है, तो ख़ुद को रोक ही नहीं पाते. आप ऐसे खाने की मात्रा और संख्या कम कर दें, जैसे- मीठा या नमकीन बहुत पसंद है, तो रोज़ाना खाने की बजाय हफ़्ते में कुछ दिन निर्धारित कर लें. धीरे-धीरे संख्या और मात्रा और कम करते जाएं. इससे आपकी क्रेविंग्स अपने आप कम होती जाएगी, इसलिए बीच का रास्ता चुनें.
कैलोरीज़ को बैलेंस करना सीखें: दिनभर का डायट प्लान ऐसा हो कि आप उसे बैलेंस कर पाएं. यदि नाश्ता हेवी हो गया हो, तो लंच और डिनर हेल्दी व लाइट रखें. आप खिचड़ी, दलिया, ओटस, सूप या सलाद लें. इस तरह अपनी कैलोरीज़ बैलेंस करना सीखें.
छोटे-छोटे और ज़्यादा मील्स प्लान करें: दिन में 3 बार हैवी खाना और कंप्लीट मील की जगह दिन में 6 बार खाएं. जब भी भूख लगे, तो कोई फ्रूट लें या स़िर्फ एक कटोरी सब्ज़ी या दाल लें.
स्नैकिंग में अनहेल्दी को हेल्दी से रिप्लेस करें: चिप्स, समोसा या वड़ा खाने की बजाय ड्राई फ्रूट्स, बेक्ड स्नैक्स, स्टीम्ड स्नैक्स, इडली या सादा डोसा, सूखी भेल, मखाना या सैंडविच आदि खाएं.
होटल में स्मार्टली ऑर्डर करें फूड: जब बाहर खाने जाएं, फैमिली या फ्रेंड्स के साथ, तो मिलकर डिश ऑर्डर करें. अपना खाना सबके साथ शेयर करें. कोई भी ऐसी डिश ऑर्डर न करें, जो बहुत ज़्यादा मात्रा में आती हो. बेहतर होगा कि स़िर्फ स्टार्टर्स ही लें.
बहुत जल्दी-जल्दी न खाएं: हम क्या खाते हैं यही ज़रूरी नहीं है, बल्कि कैसे खाते हैं, यह भी ज़रूरी है, इसलिए बहुत जल्दी-जल्दी न खाएं. धीरे-धीरे चबा-चबाकर खाएं. तसल्ली से सबके साथ मिलकर खाएं. खाने को एंजॉय करें. कभी भी जल्दीबाज़ी में खाना न खाएं. हमेशा फुर्सत में और खाने का पूरा मज़ा लेकर ही खाना खाएं. टीवी देखते हुए न खाएं, वरना अंजाने में ही आप ज़्यादा खा लेते हैं.
स्वाद के चक्कर में ओवरईटिंग न करें: अपनी बॉडी की बाते सुनें. आपकी मनपसंद डिश है या खाना बहुत स्वादिष्ट बना है, तो खाते ही न चले जाएं. पेट भरने से भी पहले खाना बंद कर दें. वरना बाद में पेट भारी लगेगा और लो एनर्जी महसूस होगी आपको. हमेशा पानी के लिए जगह रखें. दो रोटी की भूख हो, तो डेढ़ रोटी खाएं और अगर एक ही रोटी खानी हो, तो दाल या सब्ज़ी ज़्यादा लें या दही के साथ खा लें. बहुत ज़्यादा तेल में सब्ज़ी या कोई भी खाना न पकाएं. तेल की मात्रा कम कर दें. बिना तड़के की दाल लें.
डिनर जल्दी करने की आदत डालें: डिनर जितना जल्दी हो सके कर लें, क्योंकि जिस वक़्त हमारा पाचनतंत्र बेहतर काम करता है, तभी भोजन करना अच्छा होता है. डिनर और नाश्ते के बीच पाचन तंत्र को लगभग 14 से 16 घंटे का आराम मिलना चाहिए, इसलिए देर रात खाना अवॉइड करें.
- रानी शर्मा