गिरीश ने 1970 में कन्नड़ फिल्म 'संस्कार' से अपना एक्टिंग और स्क्रीन राइटिंग डेब्यू किया था. उनके नाटकों में ययाति, तुग़लक, हयवदन, अंजु मल्लिगे, अग्निमतु माले, नागमंडल और अग्नि और बरखा काफ़ी प्रसिद्ध हुए. बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1974 में आई जादू का शंख थी.
गिरीश शुरुआत से ही थिएटर में काम करते थे. गिरीश कर्नाड को 1978 में रिलीज हुई फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. गिरीश कर्नाड को कर्मशिल सिनेमा में काम करने के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने निशांत, मंथन, स्वामी और पुकार जैसी हिंदी फिल्मों में भी काम किया था. कर्नाड ने नागेश कुकनूर की बहुत सी फिल्मों में काम किया था. जिसमें इकबाल प्रमुख है. इस फिल्म में उन्होंने कठोर क्रिकेट कोच की भूमिका निभाई थी. 2012 में उन्होंने सलमान ख़ान की फिल्म एक था टाइगर में रॉ चेयरमैन शिनॉय का किरदार प्ले किया था. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान भी वे बीमार ही थे. अगर आप गौर करेंगे तो इस फिल्म में लगभग हर सीन में गिरीश इनडोर सेटिंग में ही थे. उनके सीन इनडोर इसलिए प्लान किए गए क्योंकि उन्हें धूप में बाहर जाने से मना किया गया था.
गिरीश कर्नाड का जन्म 19 मई, 1938 को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था. उनको बचपन से ही नाटकों में रुचि थी. उन्होंने स्कूल के समय से ही थियेटर में काम करना शुरू कर दिया था. कर्नाटक आर्ट कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद गिरीश इंग्लैण्ड चले गए. वहां उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की और फिर भारत लौट आए. गिरीश कर्नाड के निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी कुमारस्वामी ने ट्वीट करके शोक व्यक्त किया. कर्नाटक के भाजपा स्टेट प्रेसिडेंट बी.एस येदुरप्पा ने भी निधन पर शोक व्यक्त किया.
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