महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और पति द्वारा उनसे मार पीट करने के तो कई मामले आये हैं और इसके लिए बाकायदा कानून भी है, लेकिन यदि पुरुष के साथ घरेलू हिंसा हो तब? राजस्थान के अलवर में एक पत्नी द्वारा पति की बैट और तवे से बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद ये बहस शुरू हो गई है कि क्या पत्नी द्वारा पति की पिटाई का मामला भी घरेलू हिंसा के तहत आता है? और अगर ऐसा है तो पति क्या स्टेप ले सकता है?
जानें क्या है पूरा मामला?
- यह मामला राजस्थान के अलवर का है, पत्नी अपने पति को जालिमों की तरह पिटती नजर आ नज़र आ रही है.
- पत्नी द्वारा प्रिसिंपल पति की पिटाई का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
- वीडियो में पत्नी कभी पति को क्रिकेट के बल्ले से मारती दिख रही है तो कभी तवे से पिटाई करती नजर आ रही है.
- पत्नी के जुल्म से तंग आकर आखिरकार पति ने घर में सीसीटीवी लगवाया ताकि पत्नी की हरकतों का सबूत लोगों को दिखा सके.
- हैरानी की बात ये है कि दोनों की लव मैरेज है. इसके बावजूद बच्चे के सामने पत्नी अक्सर पति की पिटाई करती थी.
- पति ने अपनी जान बचाने के लिए सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज दिखाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी है.
- इस मामले में कोर्ट ने पति को सुरक्षा देने का आदेश दिया है
पत्नी द्वारा पति की पिटाई डोमेस्टिक वॉयलेंस के तहत आता है?
डोमेस्टिक वॉयलेंस यानी घरेलू हिंसा कानून सिर्फ महिलाओं के लिए है. इसलिए पतियों के साथ पत्नी द्वारा मारपीट के मामले डोमेस्टिक वॉयलेंस के तहत नहीं आते, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि पति इसके खिलाफ एक्शन नहीं ले सकता.
चुप न रहें, इस तरह लें एक्शन
हमारे समाज् से आज भी महिलाएं इस तरह की प्रताड़ना के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं, क्योंकि उनके लिए कई कानून बने हुए हैं, लेकिन पत्नी द्वारा प्रताड़ना के ज़्यादातर मामलों को पुरुष चुपचाप सहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बात पर कोई यकीन नहीं करेगा और उन्हें कोई कानूनी मदद भी नहीं मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं है. पति भी सबूत के साथ पत्नी के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.
कैसे और कहाँ करें शिकायत?
- पति पुलिस स्टेशन में पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कर सकता है. याद रखें शिकायत दर्ज़ कराने के लिए साथ में सबूत भी ले जाएं.
- आईपीसी की धाराओं के तहत पति पत्नी के खिलाफ केस दर्ज़ करवा सकता है.
- पति मजिस्ट्रेट कोर्ट में भी सीआरपीसी की धारा 200 और 156(3) के तहत भी प्रताड़ित करनेवाली पत्नी के खिलाफ आवेदन कर सकता है. मजिस्ट्रेट पति द्वारा पेश किए गए सबूतों की जांच करेंगे. साथ ही पड़ोसी, रिश्तेदार या दोस्तों के बयान दर्ज़ करने के बाद करवाई करेंगे.
क्या धाराएं लागू होंगी
चोट लगने पर धारा 319, गंभीर चोट लगने पर धारा 320, किसी हथियार से चोट पहुंचाने पर धारा 323 और झूठे सबूत पेश कर फंसाने के मामले में आईपीसी की धारा 193 के तहत मामला दर्ज़ किया जा सकता है.
पति पत्नी के खिलाफ शिकायत कब कर सकता है?
- अगर पत्नी दहेज के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे.
- पति को फंसाने के लिए आत्महत्या की धमकी दे.
- पति को शारीरिक और मानसिक रूप भी प्रताड़ित करे.
- यदि पति को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे.
- यदि पत्नी के साथ संबंध ठीक नहीं, अक्सर चेतावनी, धमकी की नौबत आ रही हो तो धारा 9 का मुकदमा दर्ज करा सकते हैं. पत्नी द्वारा किए जा रहे गलत कार्य, व्यवहार की लिखित शिकायत फैमिली कोर्ट (family court) में कर सकते हैं. फैमिली कोर्ट ऐसे मामलों में काउंसिलिंग करता है. अगर काउंसिलिंग से मामला न भी सुलझे तो भी पत्नी की ओर से झूठे मुकदमे की स्थिति में पति का पक्ष मजबूत रहता है.
- काउंसिलिंग के बाद भी पत्नी में सुधार न आये तो पति इस आधार पर तलाक की अपील कर सकता है.