मैं 33 वर्षीया कामकाजी महिला हूं और मेरी 7 महीने की एक बच्ची है. कुछ दिनों पहले ही मुझे पता चला कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर मां को थायरॉइड हो, तो वो बच्चे को भी हो सकता है. हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान दवाई लेने के कारण मेरा थायरॉइड नॉर्मल था, पर क्या इसकी संभावना है? कृपया, मेरा मार्गदर्शन करें.
- सरोजनी भारद्वाज, पटना.
सबसे पहले तो आपको डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि प्रेग्नेंसी में थायरॉइड की शिकायत होना कोई बड़ी बात नहीं. यह किसी तरह का इंफेक्शन नहीं है, जो मां से बच्चे को हो जाएगा. थायरॉइड डिसफंक्शन प्रेग्नेंसी के दौरान भी हो सकता है, पर ज़्यादातर मामलों में डिलीवरी के 6 हफ़्तों के भीतर ही इसका समाधान कर दिया जाता है. इसलिए ज़रूरी है कि आप डिलीवरी के बाद थायरॉइड का लेवल चेक करते रहें. अगर मां को थायरॉइड डिसफंक्शन है, तो इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं कि भविष्य में यह बच्चे को हो सकता है. आमतौर पर डिलीवरी के बाद नियोनैटोलॉजिस्ट बच्चे के थायरॉइड हार्मोंस लेवल चेक करते हैं, ताकि किसी भी तरह की असामान्यता को तुरंत ठीक किया जा सके. यह भी पढ़ें: कंडोम के इस्तेमाल से प्राइवेट पार्ट में खुजली व जलन क्यों होती है?मैं 26 वर्षीया शादीशुदा महिला हूं. हाल ही में मैंने पैप स्मियर टेस्ट के बारे में सुना. यह क्या है और क्यों किया जाता है?
- वृंदा नलावडे, नागपुर.
पैप स्मियर एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जो सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती जांच के लिए किया जाता है. वैसे हर शादीशुदा महिला को यह टेस्ट साल में एक बार और लगातार तीन सालों तक ज़रूर कराना चाहिए. अगर तीनों सालों की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो फिर हर तीन साल में एक बार यह टेस्ट कराना चाहिए. इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य सर्विक्स के सेल्स में होनेवाले बदलावों को देखकर कैंसर की संभावना को तुरंत ख़त्म करना है. दरअसल, शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर अचानक से नहीं हो जाता, बल्कि सालों पहले उसके लक्षण दिखाई देते हैं, इसलिए रेग्युलर चेकअप से कैंसर की किसी भी आशंका को दूर किया जा सकता है. यह भी पढ़ें: क्या कंसीव करने की संभावना को जानने के लिए कोई टेस्ट है? डॉ. राजश्री कुमार स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ [email protected]हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए हमारा एेप इंस्टॉल करें: Ayurvedic Home Remedies
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