साल 2020 कई मायनों में बदलाव का साल रहा ,जहाँ एक तरफ लॉकडाउन के कारण ओटीटी प्लेटफार्म पर दर्शकों की संख्या बढ़ी तो वहीँ महिला निर्देशकों का भी बोलबाला रहा, इस साल महिला निर्देशकों पर डिजिटल पर काफी भरोसा जताया गया। डिजिटल प्लेटफार्म पर महिला निर्देशकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, महिला प्रधान फिल्म और वेब सीरीज बनाकर ये महिलाएं ना ही सफलता की नयी ऊचाईयों को छू रही हैं बल्कि महिलाओं के प्रति नए ट्रेंड भी सेट कर रही हैं. हजारों ख्वाहिशें ऐसी फिल्म की राइटर रह चुकी रुचि नारायण ने वेब पर कियारा आडवाणी अभिनीत फिल्म 'गिल्टी' और लारा दत्ता और रिंकू राजगुरु अभिनीत वेबसीरीज 'हंड्रेड' का निर्देशन है। उनका कहना है कि मैं फिल्म इंडस्ट्री में 30 साल से काम कर रही हूं। वेब के मुकाबले फिल्मों में महिलाओं को कंटेंट बनाने के लिए फंडिंग मिलना बहुत मुश्किल है। ओटीटी पर कॉन्सेप्ट चलता है। उसी आधार पर निर्देशक का चुनाव होता है। यहां पर जेंडर, पहचान और रिश्ते काम नहीं आते हैं।
फिल्मों में निर्माता भले ही बड़े बजट के प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी महिला निर्देशक को देने से झिझकते हों, लेकिन डिजिटल प्लेटफार्म पर महिलाएं एक के बाद एक हिट फ़िल्में तो दे ही रही हैं साथ ही वेब सीरीज के जरिये आठ-आठ घंटों का कंटेंट भी उन्होंने संभाल रखा है.नेटफ्लिक्स पर 'बुलबुल' जैसी फीमेल सेंट्रिक फिल्म बना चुकी अन्विता दत्त का कहना है, घर पर बैठकर भी अच्छे और मज़बूत विषयों पर स्टोरी बनायीं जा सकती हैं.महिलाओँ के प्रति लोगों के नज़रिए में बदलाव लाने के लिए स्टोरी में महिला का हीरो बनाना जरूरी है, और ये कहानियां लोगों को पसंद भी खूब आ रही हैं.
मेंटलहुड वेबसीरीज का निर्देशन कर चुकी करिश्मा कोहली कहती है कि मेरी काबिलियत में कोई कमी नहीं थी।लेकिन बड़े निर्माता को महिलाओं पर विश्वास कम है। वह उन्हें बड़े बजट की बजाय छोटी फिल्में देते हैं, यह देखने के लिए कि हम कैसे परफॉर्म करेंगे। वह मानसिकता अब भी बनी हुई है। लेकिन वह अब वेब की वजह से बदलेगा। वेब की वजह से हमारे पास विकल्प है। अब वह फीलिंग नहीं है कि सिर्फ फिल्में ही बनानी है। मुझे कंटेंट क्रिएट करना है, फिर चाहे प्लेटफॉर्म कोई भी हो। 'बारिश 2' वेब शो की निर्देशिका नंदिता मेहरा का कहना है कि मैं जब दूसरी महिला का काम देखती हूं, तो उससे प्रेरित होती हूं।
वेब के इस मंच पर महिलाओं की प्रतिभा निखरकर आ रही है।इस साल डिजिटल प्लेटफार्म पर महिला निर्देशकों द्वारा कई फ़िल्में और वेब सीरीज रिलीज़ हुई ,जो खूब चर्चा में रहीं, जिनमे अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित फिल्म 'डॉली किट्टी और वो चमकते सितारें', सोनम नायर द्वारा निर्देशित 'मसाबा मसाबा' भी शामिल है. फोर मोर शॉर्ट्स प्लीज! के दूसरे सीजन की निर्देशिका नुपुर अस्थाना का मानना है कि महिला निर्देशक महिला किरदार की बारिकियों को निखार पाती हैं। वह उनके किरदारों को महसूस कर पाती हैं। ओटीटी प्लेटफार्म पर अभिनेत्रियां भी निर्देशन के क्षेत्र में उतर रही हैं, दमदार एक्टिंग से अपनी पहचान बना चुकी रेणुका शहाने अब बतौर निर्देशक काम कर रही हैं वेब शो 'त्रिभंगा-टेढ़ी मेढ़ी क्रेजी' में.इस वेब शो के जरिये रेणुका निर्देशन में डेब्यू कर रही हैं.उनका ये वेब शो जल्द ही डिजिटल प्लेटफार्म पर दिखाई देगा। इस शो में काजोल लीड रोल में नज़र आएंगीं।
फिल्ममेकिंग हमेशा से ब्वायज क्लब के तौर पर जाना जाता रहा है,लेकिन अब काम बढ़ गया है, डिजिटल प्लेटफार्म का दायरा लगातार बढ़त जा रहा है. महिलाएं कई बड़े प्लेटफॉर्म की मुखिया बनी हैं, ऐसे में उनके लिए मौके बढ़ गए हैं। महिलाएं एक सीमित बजट में पुरुषों की तरह ही अच्छी फिल्म या वेब सीरीज बनाने का तरीका जानती हैं, उनके कंटेंट भी लोगों को पसंद आ रहे हैं. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा की अगले साल भी वेब पोर्टल पर महिला निर्देशकों का ही राज रहनेवाला है.