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मेडिकल इंश्योरेंस लेते समय इन 10 बातों का रखें ख़्याल ( 10 Tips to buy a great group health insurance)

प्लान ख़रीदते समय रखें इन बातों का ख़्याल प्लान ख़रीदते समय रखें इन बातों का ख़्याल हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले आपको इसकी एबीसी पता होनी चाहिए, ताकि छोटी-छोटी ग़लतियों से बच सकें. Tips to buy group health insurance जितनी जल्दी हो सके प्लान ले लें  हर कोई इस बात पर ज़ोर देता है कि इंश्योरेंस जल्दी ले लें, पर कुछ लोग ज़्यादा कवरेज, कम प्रीमियम, नो लोडिंग, बेस्ट क्लेम सेटलमेंट, ओपीडी कवर, फास्ट क्लेम सेटलमेंट और मैटर्निटी जैसे ज़्यादा से ज़्यादा फीचर्स के चक्कर में इंश्योरेंस टालते रहते हैं कि जब ऐसा प्लान मिलेगा, तो लेंगे. लेकिन अगर आपको ऐसा प्लान मिला है, जिसमें 10 में से 8 ख़ूबियां हैं, तो तुरंत ले लें. जितनी कम उम्र में इंश्योरेंस लेंगे, प्रीमियम उतना ही कम होगा, टालते-टालते आपको पता भी नहीं चलेगा कि व़क्त कितनी तेज़ी से बीत जाता है. किस-किस को कवर करें? ज़्यादातर लोग ख़ुद को, पत्नी और बच्चों को कवर करते हैं, पर पैरेंट्स को अनदेखा कर देते हैं, जबकि इस उम्र में इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत उन्हें ही होती है, लेकिन अगर आप उन्हें कवर नहीं करते हैं, तो उसका 10 गुना आपको बाहर के हॉस्पिटल में भरना पड़ सकता है. इसलिए समझदारी से काम लें और पैरेंट्स को भी कवर में शामिल करें.  फैमिली फ्लोटर या इंडिविज़ुअल प्लान अगर आप स़िर्फ पति-पत्नी हैं या पति-पत्नी के साथ दो बच्चे भी हैं, तो आपको फैमिली फ्लोटर प्लान ही लेना चाहिए. इंडिविज़ुअल कवर के मुक़ाबले यह सस्ता और बेहतर माना जाता है. लेकिन अगर आपके परिवार में 50 साल के ऊपर के पैरेंट्स हैं, तो सबके लिए फैमिली फ्लोटर और उनके लिए इंडिविज़ुअल प्लान लेना ज़्यादा सही होगा.  एक अनुमान के तहत यहां हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं, ताकि आप समझ सकें कि आपके लिए कौन-सा प्लान लेना बेहतर होगा. 1. अगर नया शादीशुदा जोड़ा है, जहां पति की उम्र 27 और पत्नी की 25 वर्ष हो और उन्हें 5 लाख का प्लान लेना है, तो उन्हें फैमिली फ्लोटर लेना चाहिए. इसका प्रीमियम क़रीब 10 हज़ार सालाना होगा. यंग लोगों के बीमार पड़ने की संभावना कम होती है, ऐसे में फैमिली फ्लोटर से आपको कम दाम में ज़्यादा कवरेज मिलता है. 2. अगर आप पति-पत्नी और दो बच्चे हैं, जहां पति 32, पत्नी 30, दो बच्चे- 4 और 2 साल के हों और 7 लाख का प्लान लेना हो, तो उन्हें फैमिली फ्लोटर ही लेना चाहिए, क्योंकि सभी को एक साथ इंश्योरेंस की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. इसका प्रीमियम क़रीब 16 हज़ार सालाना भरना पड़ेगा. यह आपके परिवार के लिए परफेक्ट रहेगा और आपको सस्ता भी पड़ेगा. 3.  अगर आपकी उम्र  40, पत्नी की 38, बच्चों की 12 और 10 साल है, तो भी आपको फैमिली फ्लोटर प्लान लेना चाहिए. मान लें कि आपको 10 लाख का प्लान लेना है, तो आपको क़रीब 20 हज़ार तक का प्रीमियम भरना पड़ सकता है. इस उम्र में आपका और आपकी पत्नी का हॉस्पिटल का ख़र्च बढ़ सकता है, पर बच्चे अभी छोटे हैं, तो यह प्लान आपके लिए बेस्ट रहेगा. 4. आपकी उम्र 50, पत्नी की 42, बच्चे 22 और 20 साल के हों, तो आपको दोनों प्लान्स की ज़रूरत पड़ेगी. कपल के लिए फैमिली फ्लोटर और बच्चों के लिए इंडिविज़ुअल प्लान्स. यहां आप अपने लिए 15 लाख का फैमिली फ्लोटर और बच्चों के लिए 3-3 लाख का इंडिविज़ुअल प्लान ले सकते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि फैमिली फ्लोटर में जिस सदस्य की उम्र सबसे ज़्यादा होती है, उसके मुताबिक़ प्रीमियम सेट किया जाता है, जो आपको काफ़ी महंगा पड़ सकता है. अगर फैमिली फ्लोटर में 4 की बजाय दो लोग होंगे, तो प्रीमियम कम हो जाएगा.    लॉन्ग टर्म को ध्यान में रखें ज़्यादातर लोग हेल्थ इंश्योरेंस की तुलना आज के मार्केट रेट से करते हैं, जबकि अगर आप फिट रहे, तो शायद 20-25 साल बाद यह आपके काम आएगा. मान लीजिए कि आप 30 साल के हैं. आज हॉस्पिटल का ख़र्च 50 हज़ार से 3 लाख है, लेकिन 20 साल बाद जब आप 50 के होंगे, तो आपके हॉस्पिटलाइज़ेशन का ख़र्च क़रीब 13 लाख होगा, तो इस बात को ध्यान में रखकर पॉलिसी लें. को-पेमेंट और सब लिमिट के बारे में पूछें ज़्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज़ में को-पेमेंट या सब लिमिट जैसे प्रावधान होते हैं. सब लिमिट यानी आप कुछ मेडिकल कंडीशन्स में इंश्योरेंस का कुछ प्रतिशत हिस्सा ही इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे- आपको कोई सर्जरी करवानी है, पर आपके मेडिकल प्लान में उस सर्जरी पर सब लिमिट है, तो भले ही आपका इंश्योरेंस 5 लाख का हो, पर आपको शायद उसका 50% ही इस्तेमाल के लिए मिले. पॉलिसी लेने से पहले इस बारे में बात कर लें. हॉस्पिटल नेटवर्क जांच लें प्लान लेने से पहले उनकी कंपनी के हॉस्पिटल नेटवर्क की पूरी जानकारी ले लें. उनके हॉस्पिटल चेन के बारे में जानकारी होने पर किसी भी इमर्जेंसी के व़क्त आप मानसिक तौर पर तैयार रहते हैं. रखें रूम रेंट का ख़्याल  रूम रेंट एक ऐसा पहलू है, जिसे आपको कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपके इलाज का ख़र्च रूम रेंट के मुताबिक़ ही कैलकुलेट किया जाता है. मान लें कि आपका इंश्योरेंस 3 लाख का है, तो आपको 3 हज़ार के अंदर का ही रूम देखना चाहिए, क्योंकि इलाज का ख़र्च भी उसी के मुताबिक किया जाएगा. 3 हज़ार के ऊपर के रूम में जाने पर अतिरिक्त ख़र्च आपको अपनी जेब से उठाना पड़ेगा.  सुपर टॉपअप कराएं भविष्य के बारे में सोचकर प्लान लेंगे, तो आप 15-20 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस लेंगे, पर यहां हम आपसे यह कहना चाहते हैं कि इंश्योरेंस का बेस कवर कम रखें और उसका सुपर टॉपअप ज़्यादा कराएं. इससे आपका प्रीमियम लगभग 20-25% तक कम हो जाता है. उदाहरण के लिए अगर आप 20 लाख का सिंगल इंश्योरेंस लेते है, तो आपको क़रीब 28 हज़ार प्रीमियम भरना होगा, जबकि 5 लाख बेस कवर और 15 लाख सुपर टॉपअप करने से आपको स़िर्फ 19 हज़ार के क़रीब प्रीमियम भरना पड़ सकता है, जिससे आप क़रीब 9 हज़ार तक बचा पाएंगे. छोटी-मोटी चीज़ों को अनदेखा कर सकते हैं एंबुलेंस, डेली कैश जैसी छोटी-मोटी चीज़ों को नज़रअंदाज़ करके बड़ी चीज़ों, जैसे- हॉस्पिटल नेटवर्क, डॉक्टर की फीस, रूम रेंट लिमिट, आईसीयू चार्जेस, दवाइयों का ख़र्च आदि को तवज्जो दें. पोर्ट करें अपनी पॉलिसी अगर अपनी मौजूदा पॉलिसी में आपने इन बातों का ध्यान नहीं रखा था, तो पछताने की कोई ज़रूरत नहीं. अभी भी आप अपनी पॉलिसी को पोर्ट कर सकते हैं. पॉलिसी रिन्यू करने से दो महीने पहले अपनी पॉलिसी को आप मनचाहे प्लान में पोर्ट कर सकते हैं. नोट: इंश्योरेंस में दिए गए अमाउंट का इस्तेमाल महज़ उदाहरण के लिए दिया गया है. कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले उसकी तुलना ज़रूर करें. ये भी पढ़ेंः हार्ट सर्जरी के बाद कैसे करें मरीज़ की देखभाल

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