पाचन संबंधी परेशानियां कॉमन हैं, जिसमें गैस और कब्ज़ की समस्या होना आम बात है. ज़्यादातर मामलों में खाने से परहेज करने के बाद इन समस्याओं से बचा जा सकता है. इससे अलावा नियमित रूप से कुछ योगासन करने से भी पेट की तमाम तकलीफ़ों से राहत मिल सकती है.
कब्ज़ से राहत पाने के लिए योगासन
वज्रासन

वज्रासन करने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, कब्ज़ से राहत मिलती है. इसके नियमित अभ्यास से एसिडिटी और गैस जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं.
कैसे करें?
- घुटनों के बल बैठ जाएं और एड़ियों पर शरीर का भार रखें.
- हाथों को घुटनों पर रखें और सीधे बैठें.
- इस स्थिति में 5-10 मिनट तक बैठें, खासकर खाने के बाद.
पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन करने से दिमाग शांत होता है और तनाव दूर होता है. इसके अलावा ये पाचन में भी मदद करता है और कब्ज़ की समस्या से निजात दिलाता है.
कैसे करें?
- पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं.
- अब सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं.
- सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाते हुए पैर के पंजों को पकड़ने की कोशिश करें.
- इस स्थिति में जितनी देर आरामपूर्वक रह सकते हैं, रहें.
- तीन से पांच बार दोहराएं.
पवनमुक्तासन

इस आसन को करने से पाचन को अच्छी तरह काम करने में मदद मिलती है. पवनमुक्तासन खूब एक्टिव मेटाबॉलिज्म को शांत करने का काम भी करता है.
कैसे करें?
- पीठ के बल लेट जाएं.
- घुटनों को मोड़कर छाती के करीब लाएं.
- दोनों हाथों से घुटनों को पकड़ें और सिर को उठाकर नाक को घुटनों से छूने की कोशिश करें.
- कुछ समय तक इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं.
हेल्दी डायजेशन के लिए योगासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन

यह आसन पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है. इसके नियमित अभ्यास से पेट दर्द, एसिडिटी और कब्ज़ जैसी समस्याएं दूर होती हैं.
कैसे करें?
- दोनों पैरों को सामने की ओर फैला लें.
- दाहिने घुटने को मोड़ें और बाएं पैर के पास रखें.
- बाएं हाथ को दाहिने घुटने के ऊपर रखें और दाहिने कंधे के ऊपर से पीछे मुड़कर देखें.
- इस स्थिति को कुछ समय तक बनाए रखें और फिर दूसरी तरफ से भी दोहराएं.
धनुरासन

धनुरासन पेट के अंगों पर गहरा प्रभाव डालता है. यह आसन पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक होता है और मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है. इसके अलावा, यह पेट की चर्बी को कम करने में भी सहायक होता है.
कैसे करें?
- पेट के बल लेट जाएं.
- अपने घुटनों को मोड़ें और दोनों पैरों को पीछे की ओर पकड़ें.
- सांस लेते हुए शरीर को धनुष के आकार में उठाएं.
- कुछ समय तक इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं.
भुजंगासन

भुजंगासन न केवल रीढ़ की हड्डी को लचीलापन देता है, बल्कि यह पेट के अंगों की मालिश भी करता है. इससे पाचन तंत्र की कार्यक्षमता बेहतर होती है और कब्ज़ की समस्या से छुटकारा मिलता है.
कैसे करें?
- पेट के बल लेट जाएं.
- दोनों हाथों को कंधों के पास जमीन पर रखें.
- श्वास लेते हुए धीरे-धीरे अपने अपर बॉडी को ऊपर उठाएं.
- इस स्थिति में कुछ सेकंड रुकें और फिर धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं.
पेट में गैस की समस्या दूर करने के लिए 3 योगासन
सेतुबंधासन

सेतुबंधासन करने से पेट में गैस की समस्या से निजात मिलता है. मेटाबॉलिज्म तेज़ करने के लिए भी ये योग फायदेमंद माना जाता है. जिन लोगों को कमर में दर्द है, वे ये आसन करने से बचें.
कैसे करें?
- पीठ के बल मैट पर लेट जाएं.
- पैरों को मोड़कर पंजों को हिप्स के नज़दीक ले जाएं.
- हाथ से पैर के पंजों के पिछले हिस्से को पकड़ने की कोशिश करें.
- अब सांस भरते हुए हिप्स को जितना ऊपर उठा सकते हैं उठाएं. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं.
- इस आसन को 3 से 5 बार दोहराएं.
बालासन
रोजाना ये आसन करने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है और गैस की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.
कैसे करें?
- घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों पर बैठ जाएं.
- दोनों घुटनों को अपनी सुविधानुसार एक साथ या थोड़ी दूर पर रखें.
- आगे की ओर इस तरह से झुकें कि माथा ज़मीन को छू सके.
- धीरे-धीरे सांस छोड़ें.
- यदि जांघें सीने से स्पर्श करे, तो अच्छा है.
पेट दर्द के लिए योगासन
मलासन

मलासन पेट की समस्याओं को दूर करता है और दर्द में राहत दिलाता है.
कैसे करें?
- अपने पैरों में थोड़ा गैप करके खड़े हो जाएं.
- अपने घुटनों को मोड़ें और मल त्याग करने की मुद्रा में बैठ जाएं.
- अपने हाथों को छाती के सामने नमस्कार मुद्रा में रखें.
- कुछ देर तक इस मुद्रा में रहें और सांस लें और छो़ड़ें.
- धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं.
उत्तानासन
उत्तानासन अपेट की मसल्स को आराम दिलाकर पेट के दर्द में राहत देता है. यह तनाव से मुक्ति दिलाकर पाचन को बेहतर करता है.
कैसे करें?
- योग मैट पर सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को हिप्स पर रखें. अब सांस अंदर खींचते हुए आगे की ओर झुकें.
- हाथों से टखने को पीछे की ओर पकड़ें. पैर रखें.
- इस दौरान सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा.
- सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और पैरों के बीच से झांककर देखें.
- इस मुद्रा में 15-30 सेकेंड तक रहें. फिर धीरे धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं.
उज्जयी प्राणायाम
उज्जयी प्राणायाम आपके पेट के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन देता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है और पेट दर्द से राहत मिलती है.
कैसे करें?
- ज़मीन पर बैठ जाएं. आंखें बंद करें.
- गहरी सांस लें. जितनी देर हो सके, सांस को रोकने की कोशिश करें.
- दाईं नासिका को उंगली से बंद करें और बाएं से सांस बाहर छो़ड़ें.
- शुरुआत में इस प्राणायाम को 5 से 10 बार करें और बाद में धीरे-धीरे इसे 20 तक करें.
योग के साथ-साथ इन बातों का भी ध्यान रखें:
पानी का सेवन करें: दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं.
आहार में फाइबर शामिल करें: फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए.
मसालेदार और तैलीय भोजन से बचें: ये भोजन पेट की तकलीफ को बढ़ा सकते हैं.
धीरे-धीरे खाना खाएं: जल्दी-जल्दी खाना खाने से पेट की तकलीफ हो सकती है.
नियमित रूप से योग करें: योगासन को नियमित रूप से करने से पेट की तकलीफ को कम करने में मदद मिलती है.