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सेहत से जु़ड़े 15 अहम् सवालों के सही जवाब (15 Health Myths Debunked)

हर कोई ख़ुद को हेल्दी और फिट (Healthy and Fit) रखने की कोशिश करता है, मगर इस कोशिश में कई बार हम कुछ ग़लतफहमियों के भी शिकार हो जाते हैं. हम सेहत (Health) से जुड़ी कुछ ऐसी ही ग़लतफहमियों (Misconceptions) को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.  Health Myths 1. ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमज़ोर होना) बढ़ती हुई उम्र का नतीजा है. सच्चाई- इसका उम्र से कोई संबंध नहीं होता, उम्र केवल एक रिस्क फैक्टर है. जब हड्डियों का बोन मास नॉर्मल से कम हो जाता है, तब ऑस्टियोपोरोसिस होता है. यह रोग हड्डियों को सुरक्षित रखने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा कम होने से होता है. यह यौनावस्था में भी हो सकता है. 2. केवल महिलाएं ही ऑस्टियोपोरोसिस की शिकार होती हैं. सच्चाई- अध्ययन बताते हैं कि भारत में ऑस्टियोपोरोसिस से पुरुष भी उतने ही पीड़ित है, जितनी की महिलाएं. 3. लंबे समय तक कैल्शियम की गोलियां लेने से किडनी स्टोन होता है. सच्चाई- वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है. 4. कमरदर्द में बेडरेस्ट बहुत आवश्यक है. सच्चाई- शोधों से पता चला है कि बेडरेस्ट हड्डियों और मसल्स को कमजोर कर देती है. यदि रोगी दर्द से इतना पीड़ित है कि वह उठ भी नहीं पाता, तब डॉक्टर 3 या 4 दिन बेडरेस्ट की सलाह देते हैं. 5. ऑस्टियोपोरोसिस केवल कैल्शियम कम लेने की वजह से होता है. सच्चाई- कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमज़ोर ज़रूरी होती है, मगर ऑस्टियोपोरोसिस का यही एकमात्र कारण नहीं है. बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ करना व मासिक धर्म का अनियमित होना भी इसकी वजह हो सकता है. 6. दवाइयां लिए बिना कमरदर्द ठीक नहीं होता. सच्चाई- कमरदर्द सर्दी खांसी की तरह बेहद सामान्य है. कई बार आराम करने से ये अपने आप ठीक हो जाता है. यदि दर्द बहुत ज़्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह लें. ये भी पढ़ेंः सेहत के लिए नुकसानदायक हैं ये 5 हेल्दी आदतें (5 Healthy Habits Which Are Dangerous For Your Health) 7. स्पाइन (रीढ़ की हड्डी) की सर्जरी नहीं करवाई जानी चाहिए क्योंकि इस सर्जरी का सक्सेस रेट बहुत कम है. सच्चाई- कई बार स्पाइन की सर्जरी कराना बहुत आवश्यक हो जाता है क्योंकि ऐसा न करने पर अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अतः डॉक्टर की सलाह मानें, न कि लोगों की. वैसे भी आजकल स्पाइन सर्जरी में काफ़ी उन्नति हो चुकी है. पहले की अपेक्षा अब ये सर्जरी बहुत है. 8. बैक प्रॉब्लम यानी पीठ दर्द की समस्या यदि बहुत गंभीर, तो दुबारा सामान्य जीवन नहीं जिया जा सकता. सच्चाई- ऐसा नहीं है. कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी स्पाइन सर्जरी करवाने के बाद, नॉर्मल जीवन जी रहे हैं और खेल भी रहे हैं. 9. एक्स-रे, सी.टी. स्कैन और एम.आर.आई. से कमरदर्द के कारणों का पता चल जाता है. सच्चाई- ज़्यादातर कमरदर्द यांत्रिक होता है या मसल्स पेन होता है. ऐसे में कोई भी टेस्ट दर्द के कारणों का पता नहीं लगा सकता. 10. चेस्टपेन (सीने का दर्द) हमेशा हृदय रोग से संबंधित नहीं होता. सच्चाई- सामान्यतः 20% केसेस में चेस्टपेन हृदय रोग से संबंधित होता है. बाकी मामलों में मसल्स पेन या एसिडिटी इसकी वजह हो सकती है, परंतु सीने के दर्द को कभी भी अनदेखा न करें. 11. एंजियोग्राफी करवाने के बाद एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी करवानी पड़ती है. सच्चाई- एंजियोग्राफी करवाने वाले क़रीब 50% व्यक्ति दवाईयों से ही ठीक हो जाते हैं. एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ती. 12. एंजियोप्लास्टी केवल 1 बार ही की जाती है. सच्चाई- एंजियोप्लास्टी होने के बाद केवल 5 या 10 प्रतिशत लोगों को ही दुबारा हार्ट प्रॉब्लम होने की संभावना रहती है. ऐसा होने पर तब दूसरी एंजियोप्लास्टी करनी पड़ती है. ये भी पढ़ेंः ब्लड प्रेशर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई (Myths And Facts About Blood Pressure) 13. एंजियोग्राफी रिस्की है. सच्चाई- हृदय संबंधी रोगों के बारे में जानने के लिए एंजियोग्राफी सुरक्षित और अचूक टेस्ट है. यह रिस्की नहीं है. 14. सफल हार्ट सर्जरी के बाद नियमित दवाइयों की ज़रूरत नहीं होती. सच्चाई- किसी भी तरह की हार्ट सर्जरी के बाद, लंबे समय तक दवाइयां लेने की सलाह दी जाती है. ये दवाइयां भविष्य में होने वाली हार्ट संबंधी परेशानियों और हार्ट अटैक से बचाव के लिए दी जाती है. 15. गर्म पानी पीने से वज़न घटता है. सच्चाई- इस बात का कोई भी प्रमाण नहीं है, लेकिन किसी भी तापमान का पानी दिन भर पीते रहने से वज़न कम करने में मदद मिलती है क्योंकि इससे पेट भरा होने का एहसास होता है, जिससे आप खाना और अन्य स्नैक्स कम खाते हैं. नतीजतन वज़न कम होता है.

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