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20 हेल्थ अलर्ट्स ( Health Warning Signs of Serious Problems )
शरीर में छोटी-मोटी तकलीफ़ होती ही रहती है और अक्सर हम इन तकलीफ़ों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन यह अनदेखी महंगी भी पड़ सकती है, क्योंकि कभी-कभार ये छोटे-छोटे लक्षण ही किसी बड़ी व गंभीर बीमारी की ओर संकेत करते हैं. बेहतर होगा कि समय रहते इन्हें पहचानकर अलर्ट (Health Warning) रहें, ताकि आनेवाली किसी भी बड़ी समस्या से बचा जा सके.
सिर में दर्द रहना
हमें लगता है- मामूली दर्द या एसिडिटी.
हो सकता है- माइग्रेन, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रेन ट्यूमर, साइनस या फिर ब्रेन हैमरेज.
आपको सिर में अक्सर दर्द रहता है, जो पेनकिलर्स लेने पर ठीक भी हो जाता है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें. अगर दर्द के साथ उल्टियां भी होती हों, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें. इसके अलावा आंखों की रौशनी कम होती जाए या दृष्टिभ्रम होने लगे, चक्कर भी आएं, तो यह ट्यूमर का संकेत हो सकता है.
अचानक वज़न कम होना
हमें लगता है- थकान, स्ट्रेस या खाने-पीने में गड़बड़ी के चलते ऐसा हो रहा है.
हो सकता है- टीबी, पेप्टिक अल्सर, थायरॉइड, डायबिटीज़ या फिर कैंसर.
बिना डायटिंग के या फिर बिना किसी बीमारी के अचानक वज़न कम होने लगे, तो सतर्क हो जाइए. मुमकिन है, एंडोक्राइन ग्लैंड्स में किसी असामान्यता के चलते ऐसा हो रहा हो या फिर कैंसर भी इसकी एक वजह हो सकती है.
चोट लगने पर ब्लड क्लॉट न होना या फिर ज़ख़्म का देरी से भरना
हमें लगता है- स्किन या ख़ून में बदलाव के कारण ऐसा होता हो.
हो सकता है- डायबिटीज़ या फिर प्लेटलेट्स में कमी.
ज़ख़्म भरने में अगर सामान्य से ज़्यादा वक़्त लग रहा हो, तो यह डायबिटीज़ का लक्षण हो सकता है. इसके साथ-साथ यदि स्किन एलर्जी भी हो और चक्कर व वज़न कम होने की समस्या भी हो, तो बिना देर किए एक्सपर्ट के पास जाएं.
दिल का ज़ोर-ज़ोर से धड़कना
हमें लगता है- उत्तेजना या कमज़ोरी.
हो सकता है- हार्ट अटैक का लक्षण या फिर हाई ब्लडप्रेशर.
हो सकता है कि कमज़ोरी या नींद न पूरी होने पर धड़कन असामान्य हो रही हो, लेकिन यह हार्ट अटैक का लक्षण भी हो सकता है. अलर्ट रहें और यदि यह लक्षण लगातार बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
पेशाब करते समय तेज़ दर्द होना
हमें लगता है- सामान्य इंफेक्शन.
हो सकता है- स्टोन, प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना, मूत्राशय का कैंसर.
मूत्र त्याग के समय अगर हमेशा ही बहुत दर्द होता हो, तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है. यदि पेशाब के साथ ख़ून भी आने लगे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि समय रहते इलाज हो सके.
उठते वक़्त चक्कर आना
हमें लगता है- मामूली कमज़ोरी.
हो सकता है- नर्व से संबंधित समस्या, कान की नसों में कोई गड़बड़ी, साइनस, स्पॉन्डिलाइटिस, लो ब्लड प्रेशर.
यूं तो इसके कई अन्य कारण हो सकते हैं, लेकिन लो ब्लडप्रेशर भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है और लो ब्लडप्रेशर के भी कई कारण हो सकते हैं, जो आपको टेस्ट करवाने पर ही पता चलेंगे. इसलिए तुरंत डॉक्टर से मिलें.
अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाना
हमें लगता है- नींद न पूरी होने पर या कमज़ोरी के कारण ऐसा हो रहा है.
हो सकता है- स्ट्रोक, लो ब्लडप्रेशर.
यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो आप स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं. यदि आंखों के सामने अंधेरा छाने के साथ-साथ शरीर के एक तरफ़ का भाग सुन्न होता है, तो अलर्ट हो जाएं. इसके अलावा अगर उच्चारण में भी तकलीफ़ होने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
हाथों का कांपना, घबराहट, नाक से ख़ून आना
हमें लगता है- कमज़ोरी, शरीर में गर्मी का बढ़ जाना इसकी वजह हो सकती है.
हो सकता है- थायरॉइड, पार्किंसन्स.
अचानक घबराहट होने के साथ-साथ हाथ-पैर कांपने लगते हैं, नाक से ख़ून आने लगता है और उल्टियां भी होने लगती हैं. ऐसी स्थिति को नज़रअंदाज़ करना ठीक नहीं. हो सकता है बहुत ज़्यादा एसिडिटी या शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण भी ऐसा हो, लेकिन ये तमाम लक्षण किसी गंभीर समस्या के भी संकेत हो सकते हैं.
हंसते-खांसते वक़्त या फिर अचानक ही पेशाब निकल जाना
हमें लगता है- बढ़ती उम्र या कमज़ोरी.
हो सकता है- यूरिन इंफेक्शन, ब्लैडर की कोई बीमारी या डायबिटीज़.
अचानक पेशाब निकल जाने की समस्या को हम कमज़ोरी या बढ़ती उम्र से जोड़कर ही देखते हैं, लेकिन यह यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन की वजह से या फिर कुछ मामलों में डायबिटीज़ के कारण भी हो सकता है. इसलिए किसी भी तकलीफ़ को नज़रअंदाज़ न करें और न ही ख़ुद अंदाज़ा लगाएं. बेहतर होगा एक बार डॉक्टर की सलाह ले ली जाए.
सीने में दर्द रहना
हमें लगता है- गैस या एसिडिटी का दर्द.
हो सकता है- हृदय रोग या एंजाइना पेन.
सीने में या उसके आस-पास दर्द बना रहे और सांस लेने में भी दिक़्क़त आए, तो शायद यह हार्ट ट्रबल यानी हृदय रोग का संकेत हो सकता है, या फिर एंजाइना का दर्द भी हो सकता है, जिसमें हार्ट अटैक की आशंका हमेशा बनी रहती है. बेहतर होगा कि इस तरह के दर्द को गैस का छोटा-मोटा दर्द न समझकर डॉक्टरी परामर्श ले लिया जाए.
मुंह में छाले होना
हमें लगता है- पेट या आंतों की गड़बड़ी या गर्मी से.
हो सकता है- एड्स, हर्पिस, सेक्स संबंधी किसी इंफेक्शन के कारण या फिर मुंह या गले का कैंसर.
मुंह में छाले होना आम-सी बात है. हमें लगता है पेट साफ़ नहीं होगा, इसलिए छाले हो रहे हैं या फिर कभी-कभार बुख़ार या दवाओं की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं. लेकिन यदि ये छाले लंबे समय तक बने रहें या फिर इनका आकार और इनमें दर्द बढ़ रहा हो, तो देर न करें.
शरीर में सूजन
हमें लगता है- थकान या खान-पान की गड़बड़ी हो सकती है.
हो सकता है- एनीमिया, किडनी की बीमारी, हृदय रोग.
अक्सर दिनभर एक ही पोज़िशन में बैठे रहने या फिर बहुत ज़्यादा थकान या वॉटर रिटेंशन से शरीर में या पैरों में सूजन आ जाती है, लेकिन यदि सूजन शरीर के ऊपरी भाग में है तो यह किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है और अगर निचले हिस्से में सूजन आती है तो हृदय रोग का लक्षण हो सकता है.
जोड़ों में दर्द
हमें लगता है- कमज़ोरी, किसी बीमारी या फिर बढ़ती उम्र का असर.
हो सकता है- चिकनगुनिया के कारण, कैल्शियम व मिनरल की कमी, आमवात, गठियावात, ऑस्टियोआर्थराइटिस या फिर स्पॉन्डिलाइटिस.
यदि उम्र 40 से कम है और जोड़ों में अचानक दर्द शुरू हो गया हो, तो आमवात हो सकता है, जिसमें जोड़ों में सूजन, गर्मी व दर्द महसूस होता है. यदि छोटे जोड़ों में अकड़न, सूजन और दर्द है, तो यह गठियावात हो सकता है. इसके अलावा शरीर का पोश्चर भी जोड़ों में दर्द का कारण हो सकता है. जो लोग दिनभर कंप्यूटर पर काम करते हैं, उन्हें भी गर्दन, पीठ या पैरों में दर्द हो सकता है. कैल्शियम व मिनरल की कमी से भी यह दर्द हो सकता है.
यदि 40 के बाद दर्द होता है, तो इसकी वजह ऑस्टियोआर्थराइटिस या स्पॉन्डिलाइटिस हो सकती है, जिसमें शुरुआत में हल्का-हल्का दर्द होता है और ध्यान न दिया जाए, तो बढ़ जाता है. कैल्शियम व मिनरल की कमी से भी दर्द हो सकता है.
बहुत ज़्यादा हांफना
हमें लगता है- थकान, कमज़ोरी.
हो सकता है- कोलेस्ट्रॉल व ट्रायग्लिसरॉइड्स का बढ़ जाना, एनीमिया, थायरॉइड, मोटापा, बीमारी के बाद की कमज़ोरी.
अगर थोड़ा-सा चलने से ही बहुत ज़्यादा हांफने लगें, तो सचेत हो जाएं और अपना चेकअप ज़रूर करवाएं.
अत्यधिक भूख लगना
हमें लगता है- मौसम परिवर्तन के कारण या फिर हाज़मा अच्छा हो गया है.
हो सकता है- डायबिटीज़, मोटापा या फिर पेट में कीड़े.
जब ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगने लगे, तो इसे हर बार मौसम परिवर्तन से जोड़कर न देखें. हो सकता है वजह कुछ और हो. एक्सपर्ट की राय ज़रूर लें.
कब्ज़
हमें लगता है- पानी कम पीने या फिर खाने-पीने की गड़बड़ी से हो रहा है.
हो सकता है- अत्यधिक गैस, बवासीर, आंतों में गड़बड़ी या फिर कैंसर हो सकता है.
यदि कब्ज़ लंबे समय से है और कोई भी नुस्ख़ा काम नहीं कर रहा, तो डॉक्टरी परामर्श लेने में कोई नुक़सान नहीं है.
एनल ब्लीडिंग
हमें लगता है- शरीर में गर्मी बढ़ जाने या फिर बवासीर की समस्या से यह परेशानी हो रही है.
हो सकता है- आंतों में शोथ, ज़ख़्म या फिर कैंसर हो सकता है.
ख़ूनी बवासीर, फिशर्स या फिर कोलाइटिस के अलावा आंतों में शोथ व ज़ख़्म के कारण भी एनल ब्लीडिंग हो सकती है. लेकिन यह रेक्टल कैंसर का भी पहला लक्षण हो सकता है. यदि मोशन के बाद भी ख़ून, और वह भी ताज़ा ख़ून आता है, तो सतर्क हो जाइए.
मल के रंग में बदलाव
हमें लगता है- खाने-पीने में बदलाव के कारण हो सकता है.
हो सकता है- अल्सर या पित्ताशय में गड़बड़ी, पीलिया.
अगर मल का रंग स़फेद है, तो पित्त की कमी इसका कारण है, यदि रंग ब्लैकिश-रेड है, तो इसका मतलब है मल में ख़ून भी आ रहा है और इसकी वजह हो सकती है अल्सराइटिव कोलाइटिस. यदि शौच ज़रूरत से ज़्यादा पीला है, तो जॉन्डिस का लक्षण हो सकता है.
मूत्र के रंग में बदलाव
हमें लगता है- पानी कम पीने से या फिर खाने में कुछ बदलाव करने से ऐसा होता है.
हो सकता है- इंफेक्शन, जॉन्डिस, ब्लैडर की गड़बड़ी या फिर कैंसर.
यदि पेशाब का रंग दूधिया स़फेद है, तो इसका अर्थ है मूत्र के साथ प्रोटीन भी निकल रहा है. यदि रंग पीला है, तो जॉन्डिस या फिर यूरिन इंफेक्शन हो सकता है. अगर रंग लाल है तो स्टोन, ब्लैडर, यूरिथ्रा में ज़ख़्म या फिर प्रोस्टेट कैंसर का भी लक्षण हो सकता है.
अत्यधिक थकान
हमें लगता है- सामान्य कमज़ोरी.
हो सकता है- मिनरल्स की कमी, आयरन, सोडियम, कैल्शियम और विटामिन्स की कमी, डायबिटीज़, लो ब्लड प्रेशर.
किसी-किसी केस में बहुत पसीना भी आता है तो, यह आनेवाली बीमारी का संकेत भी होता है, जैसे- जॉन्डिस, बुख़ार या फिर तनाव इत्यादि में पसीना ज़्यादा आता है.