डॉक्टर से लें पूरी जानकारी
- डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन को उनके सामने एक बार पढ़ लें, ताकि आपको दवाइयों के नाम समझ में आ जाएं. - डॉक्टर से पूछ लें कि दवा कब खानी है और कैसे खानी है? कई बार कुछ दवाएं भोजन से पहले लेनी होती हैं, तो कुछ खाने के बाद. कितने दिनों का डोज़ है? इसकी जानकारी भी लें, ताकि दवाओं का कोर्स पूरा हो सके. - डॉक्टर से ये भी पूछें कि कौन-सी दवा आपको किस लिए दी गई है? और अगर कोई दवा मिस हो गई हो तो क्या करना चाहिए? - ये भी जानना ज़रूरी है कि इन दवाओं को लेते व़क्त क्या खानपान से संबंधित परहेज़ करने की ज़रूरत है? - दवाइयों से होनेवाले साइड इफेक्ट्स और उस परिस्थिति में क्या करना चाहिए? इसके बारे में भी पूछ लें. - पहले से ही कोई दवा अगर ले रहे हैं या कोई एलर्जी है तो इसकी जानकारी भी डॉक्टर को दें.दवाइयां ख़रीदते व़क्त
- सबसे पहले ज़रूरी है कि आप सही दवा ख़रीदें. केमिस्ट को डॉक्टर की पर्ची पकड़ाकर दवाइयां न ख़रीदें. प्रिसक्रिप्शन पर लिखे नाम और केमिस्ट द्वारा दी हुई दवाइयों के नाम मैच कर के देख लें. - मेडिसिन के पैकेट पर लिखे एक्सपायरी डेट को पढ़ना न भूलें. - कोशिश करें कि आप एक ही मेडिकल स्टोर से सभी दवाएं ख़रीदें. ऐसे में स्टोरवाले को आपकी बीमारी और दवाइयों की पूरी जानकारी होगी.दवाइयां खाते समय
- दवाइयां खाने से पहले डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन अवश्य करें. खाने के समय, मील साइज़ आदि का असर भी दवाओं पर पड़ता है. - दवाइयों की एक पर्ची बना लें और किसी सुरक्षित जगह रख दें या कहीं ऐसी जगह चिपका दें, जहां आपका ध्यान जाए. - समय पर दवा लें. सुबह, शाम और रात की दवा डॉक्टर के बताए अनुसार ही लें. - अगर कोई डोज़ मिस हो गया है, तो याद आने पर तुरंत डोज़ ले लें, लेकिन याद रखें मिस्ड डोज़ को लेने के चक्कर में आप डबल डोज़ न लें यानी अगर अगले डोज़ का समय हो गया हो, तो पहले वाला डोज़ छोड़ दें और अगले दिन से समय पर दवाइयां लें. - दवा की मात्रा का ध्यान ज़रूर रखें. डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा में ही दवा लें तभी वो फ़ायदा करेंगी. ज़्यादा दवा खा लेने से बीमारी ठीक होने की बजाय बढ़ जाएगी. - बिना डॉक्टर से पूछे दवाइयां लेना बंद न करें. - दवाइयों का जितने दिन का कोर्स दिया गया है, उसे पूरा करें. - दवाइयां बच्चों की पहुंच से दूर रखें. - दवाओं को उस पर लिखे गए निर्देशों के मुताबिक़ ही स्टोर करें. गर्मी या नमीवाली जगह पर दवा को न रखें. - अल्कोहल या कोल्ड्रिंक्स के साथ दवाइयां न लें. - ओवर द काउंटर दवाइयां अगर ले रहे हैं, तो इसे खाने से पहले इसके साइड इफेक्ट की पूरी जानकारी लें. कई बार दवा की बॉटल या पैकेट पर उससे होनेवाले साइड इफेक्ट्स के बारे में लिखा होता है. - ओवर द काउंटर मिलनेवाली दवाओं पर लिखे गए निर्देशों को पढ़ लें. जैसे- खांसी की दवा दो तरह की होती है, एक सूखी खांसी के लिए, दूसरी बलगमवाली खांसी के लिए. अगर आपने ग़लती से सूखी खांसी के लिए बलगमवाली खांसी की सिरप ले ली तो तकलीफ़ और बढ़ जाएगी. - कुछ ऐसी दवाएं भी होती हैं, जो एक साथ नहीं ली जा सकती हैं, क्योंकि उन्हें एक साथ लेने से दवाओं का रिएक्शन हो सकता है या किसी एक दवा का असर कम हो सकता है. - यदि दवा पानी के साथ लेना है, तो केवल दवा को निगलने के लिए ही नहीं, बल्कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, क्योंकि कम पानी के साथ दवाई लेने से हो सकता है कि दवा गले में ही अटक जाए या ठीक से न घुल पाए. - दवा को तोड़कर या कूटकर न खाएं. जब तक की डॉक्टर की तरफ़ से ऐसा करने का निर्देश न हो. - अपनी दवा किसी दूसरे व्यक्ति को खाने के लिए न दें, फिर भले ही लक्षण समान क्यों न हो. हर व्यक्ति की शरीर की बनावट व क्षमता अलग-अलग होती है. - दवाइयां ख़त्म होने से पहले ख़रीद लें, ताकि कोई डोज़ मिस न हो.लापरवाही न करें
- अपनी मर्ज़ी से पुराने प्रिसक्रिप्शन के आधार पर दवाएं न खाएं, ये बेहद ख़तरनाक हो सकता है. दवाएं हमेशा उस व़क्त के लक्षणों को देखकर दी जाती हैं. - दवा लेने पर अगर पेट में दर्द हो, त्वचा पर रैशेस या सूजन आ जाए, तो उस दवा को न लें और फ़ौरन डॉक्टर से संपर्क करें. - कई बार पैकेट खोलने के बाद दवाएं पिघली हुई या डैमेड हों, तो उस दवा को न खाएं. - एक्सपायर्ड दवाइयां फेंक दें. - अगर कहीं बाहर जा रहे हों, तो दवाइयों का एक्सट्रा पैकेट साथ रखें, ताकि दवा ख़त्म हो जाने पर डोज़ मिस न हो जाए. - सफ़र के दौरान मेडिसिन किट सूटकेस में न रखकर अपने पास हैंडबैग में रखें. - तंबाकू और धूम्रपान भी दवाओं के असर को कम कर देती हैं. अगर दवा का कोर्स कर रहे हों, तो धूम्रपान बंद कर दें.खाने के पहले और खाने के बाद की दवाओं का मतलब
कई बार डॉक्टर अपनी पर्ची में लिखते हैं कि ये दवाएं खाने से पहले लें और दूसरी दवाएं खाने के बाद. डॉक्टर के इन निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है, नहीं तो दवा बेअसर हो सकती है. खाली पेट या भोजन के पहले दवा - कुछ ऐसी दवाएं होती हैं, जो पानी के साथ जल्दी घुल जाती हैं और असर करती हैं. खाने के बाद अगर उन्हें लिया जाए, तो भोजन के साथ उन्हें घुलने में व़क्त लगता है, जिससे दवा का असर कम हो जाता है. खाने के साथ अगर कुछ दवाओं को लिया जाए, तो पेट और आंत उसे एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है. - खाने में मौजूद नमक या अन्य चीज़ें, जैसे- पोटैशियम की अधिक मात्रा दवाओं के साथ मिलकर उसके असर को कम कर देती है. खाने के बाद दवा - कुछ ऐसी दवाएं होती हैं, जो पेट में जाकर एसिडिटी का कारण बनती हैं, जिससे पेटदर्द या उल्टी हो सकती है. इसलिए ऐसी दवाओं को भोजन के बाद लेने के लिए कहा जाता है. नोट- दवा भोजन से कितने देर पहले या कितने देर बाद लेनी है? इसके बारे में डॉक्टर से अवश्य पूछ लें.- आर एल सिंह
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