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बर्थ एनिवर्सरी- बचपन से ही आसमान की सैर करना चाहती थीं कल्पना चावला (55th Birth Anniversary of kalpana Chawla)

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जानेवाली भारतीय मूल की पहली महिला बनने का गौरव हासिल करनेवाली कल्पना चावला का जीवन भले ही बहुत छोटा था, मगर इस छोटी सी ज़िंदगी में उन्होंने वो कर दिखाया जो लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया. कल्पना चावला की बर्थ एनिवर्सरी के मौ़के पर आइए, आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें. * कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में करनाल में हुआ था. * करनाल के टैगोर स्कूल से शुरुआती पढ़ाई के बाद कल्पना ने 1982 में चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री और 1984 से टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली. * कल्पना जेआरडी टाटा (जो पायलट होने के साथ ही नामी बिज़नेसमेन भी थे) से बहुत प्रभावित और प्रेरित थीं. * 1988 में उन्होंने नासा के लिए काम करना शुरू किया और यही उनकी ज़िंदगी का टर्निंग पॉइंट था. * अंतरिक्ष की सैर का उनका सपना पूरा हुआ 1997 में, जब कल्पना चावला ने स्पेस शटल कोलम्बिया से पहली अंतरिक्ष यात्रा की. * अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष मे 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की. * कल्पना ने स्पेस के लिए दूसरी उड़ान 2003 में कोलंबिया शटल से भरी और ये उनकी ज़िंदगी की आख़िरी उड़ान साबित हुई. 01 फरवरी 2003 को  कोलम्बिया स्पेस शटल लैंडिंग से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कल्पना के साथ बाकी सभी 6 अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई.

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