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75+ हाइजीन हैबिट्स, जो करेंगे इन्फेक्शन और वायरस से आपकी सुरक्षा और रखेंगे आपको बीमारियों से दूर(75+ Good Hygiene Habits which will Reduce the Spread of Infections and Viruses And Keep You Healthy)

अगर खुद को और अपने परिवार को बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं, हेल्दी-हैप्पी रहना चाहते हैं, तो बेहद ज़रूरी है हाइजीन का ख़ास ख़्याल रखना. कुछ बातों का ध्यान रखकर आप ख़ुद के साथ-साथ दूसरों को भी बीमार होने से बचा सकते हैं. अच्छी सेहत के लिए हर रोज़ सुबह से शाम तक काम आनेवाली इन हाइजीन हैबिट्स (Good Hygiene Habits) को अपनाएं.

अपनाएं सोशल हाइजीन एटीकेट्स

सोशल डिस्टेसिंग दरअसल सोशल हाइजीन एटिकेट्स ही है, जिसके नियम हमें कोरोना काल में ही नहीं बल्कि हमेशा फ़ॉलो करना चाहिए, ताकि हम तो बीमारियों से सुरक्षित रहें ही, अपने आसपास के लोगों को भी बीमार होने से बचाएं. इसलिए ज़रूरी है कुछ बातों का ध्यान रखना.

दूसरों से हाथ मिलाने से बचेंः अक्सर लोग मिलने पर हाथ मिलाकर सामने वाले का अभिवादन करते हैं. लेकिन ये हेल्दी हैबिट नहीं है. इससे बैक्टीरिया और इंफेक्शन स्प्रेड होने का रिस्क बढ़ जाता है. बेहतर होगा कि हाथ जोड़कर अभिवादन करें या हाय हेलो कहें.

डिस्टेंस मेंटेन करेंः बातचीत के दौरान सांसों से या छींकने-खांसने से भी इंफेक्शन आसानी से फैल सकता है, इसलिए ऑफिस हो या कोई और जगह, बातचीत के दौरान एक सुरक्षित अंतर बनाए रखें.

खांसते-छींकते समय मुंह को कवर करेंः चाहे आप घर में हों या पब्लिक प्लेस पर हों, खांसते या छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को कवर करें. सर्दी-खांसी होने पर हो सके तो भीड़-भाड़ वाले इलाके से दूर ही रहें.

हाथों की सफाई का ख्याल रखेंः बीमारियों से बचना है, तो हमेशा हाथों की सफाई का खास ख्याल रखें. हो सके तो लिक्विड सोप से हाथों को बार-बार धोएं. हमेशा एक हैंड सैनिटाइजर साथ में रखें, इसे हाथों पर रब करके हाथों को सैनिटाइज करें. बच्चे के स्कूल बैग में भी सैनिटाइजर की एक छोटी सी बोतल रखें, ताकि उसमें बचपन से ही हाइजीन की आदत पड़ सके.

मास्क करेगा बचावः पब्लिक प्लेस या भीड़भाड़ वाली जगह मास्क पहनने की आदत डालें. मास्क पहनने से संक्रमण फैलानेवाले रोगों से बचाव होता है.

संक्रमित महिलाएं खाना बनाने से बचेंः जिन महिलाओं को सर्दी-खांसी हुआ है या जिसे किसी तरह का संक्रमण हो, उसे खाना बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि संक्रमित रोग की चपेट में आने पर इसके फैलने का खतरा हर वक्त बना रहता है.

आसपास भी सफाई का ख्याल रखेंः ख़ुद को साफ़-सुथरा रखने के साथ-साथ अपने आसपास के माहौल को भी साफ़ रखें. घर हो या ऑफिस अपने चारों तरफ़ सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखें.

खुले में कचरा न फेंकेंः रास्ते पर चलते हुए रोड पर, ट्रेन में सफ़र करते हुए ट्रेन में और बस में सफ़र करते हुए बस में कचरा फेंकने और गंदा करने की आदत छोड़ दें. यह अपने साथ-साथ दूसरों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ करना है.

चलते व़क्त रास्ते में थूंकनाः थूकने से सबसे ज़्यादा बीमारी फैलती है, इसलिए अगर आपको भी यहां-वहां थूकने की आदत है, तो ये आदत फौरन छोड़ दें. ऐसा करने से हम बहुत-सी संक्रमण वाली बीमारियों से बच सकते हैं.

मोबाइल हाइजीन का भी रखें खयालः मोबाइल पर बात करने के बाद किसी को भी मोबाइल देने से पहले उसे पोंछ दें. मोबाइल में हमारे चेहरे का तेल, पसीना और कई बार थूक भी चिपक जाता है, जो अनजाने ही सामनेवाले को ट्रांसफर हो जाता है.

बेसिक पर्सनल हाइजीन हैबिट्स


ओरल हाइजीन

  • रोज़ाना दो बार ब्रश करना बहुत ज़रूरी है, पर इसी के साथ जब भी कुछ खाएं, मुंह ज़रूर साफ़ करें, ताकि खाना मुंह में अटका न रहे.
  • जिग-जैग ब्रिस्लस वाला ब्रश, फ्लॉस, टंग क्लीनर और माउथवॉश का सही इस्तेमाल करें. अक्सर लोग एक करते हैं, दूसरा नहीं जिससे कंप्लीट ओरल केयर नहीं हो पाता.
  • ब्रश को कभी गीला न रखें, वरना उसमें जर्म्स होने लगते हैं.
  • किसी और के साथ ब्रश या टंग क्लीनर शेयर न करें.

स्किन हाइजीन

  • त्वचा को साफ़-सुथरा रखने के लिए साबुन और पानी से बेहतर क्या हो सकता है. रोज़ाना एक या दो बार ज़रूर नहाएं.
  • नहाने के लिए एंटी-बैक्टीरियल सोप का इस्तेमाल करें और पानी में एंटी सेप्टिक लिक्विड की कुछ बूंदें ज़रूर मिलाएं.
  • अपने टॉवेल, सोप, रेज़र, मेकअप आदि दूसरों से कभी शेयर न करें.

सेक्सुअल हाइजीन

  • पसीने और बैक्टीरिया से अपने जननांग को हमेशा साफ़ रखें. नहाते व़क्त रोज़ाना इंटीमेट वॉश से साफ़ करने के बाद पानी में एंटी सेप्टिक डालकर साफ़ करें.
  • प्युबिक हेयर को हमेशा साफ़ करते रहें, वरना वहां बॉइल्स व बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकते हैं.
  • भीगे अंडरगार्मेंट्स कभी न पहनें, क्योंकि इनसे रैशेज़ व इंफेक्शन्स हो सकते हैं.
  • ज़्यादा देर तक टाइट अंडरवेयर्स या स्किन फिट जींस न पहनें, इससे पसीना बाहर नहीं निकल पाता और बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है.

पीरियड्स में हाइजीन

  • पीरियड्स के पहले प्राइवेट पार्ट को अच्छी तरह क्लीन कर दें.
  • किसी भी सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल 4 घंटे से ज़्यादा न करें, क्योंकि यह भविष्य में आपको कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी दे सकता है.
  • इन दिनों नहाना और ख़ुद को साफ़-सुथरा रखना बहुत ज़रूरी है, इसलिए आलस न करें.

ट्रैवेलिंग के दौरान हाइजीन का रखें ख़्याल

  • अपनी पानी की बॉटल कैरी करें. जगह-जगह का पानी न पीएं.
  • किसी भी नल के पानी से ब्रश न करें. बोरवेल या पीने के पानी का ध्यान रखें.
  • ट्रैवेलिंग के दौरान हैंड सैनेटाइज़र, पेपर सोप, टिश्यू पेपर्स हमेशा कैरी करें.
  • रेलवे, बस आदि में बाहर का कुछ भी खाने की बजाय, घर से स्नैक्स और फ्रूट्स लेकर चलें.

हैंड हाइजीन

इंफेक्शन से बचने के लिए हैंड वाशिंग है बेहद ज़रूरी अधिकतर वायरस हाथों के जरिए ही सबसे अधिक फैलता है.

हाथ कब धोएं?

  • बाहर से जब भी घर वापस लौटें, हाथों को धोना और सैनिटाइज करना न भूलें.
  • फल और सब्जियों को पकाने या काटने से पहले
  • कुछ भी खाने से पहले
  • अगर किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो
  • घाव का इलाज करने से पहले
  • कॉन्टेक्ट लेंस लगाने या हटाने से पहले

इन चीजों को करने के बाद भी हाथ ज़रूर धोएं

  • भोजन की तैयारी
  • किसी जानवर, पशु का चारा या कचरा छूने के बाद
  • शौचालय का उपयोग करने या डायपर बदलने के बाद
  • किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल या उनके संपर्क में आने के बाद
  • छींकने या खांसने के बाद
  • कचरे को छूने के बाद
  • और निश्‍चित रूप से जब वे गंदे होते हैं
  • और इस कोरोना काल में तो मेडिकल एक्सपर्ट्स बार बार हाथ धोने की सलाह दे रहे हैं

अपने हाथ कैसे धोएं?

  • हाथों को धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें.
  • अपने हाथों को पानी से गीला करें. हाथों पर लिक्विड, बार या पाउडर सोप लेकर अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड के लिए अच्छी तरह रगड़ें.
  • अपने हाथों की कलाई अपनी उंगलियों के और अपने नाखूनों के नीचे स्क्रब करना न भूलें.
  • हाथ धोने के बाद साफ तौलिये से अपने हाथों को ड्राई करें. उपयोग के बाद इस तौलिया का दोबारा इस्तेमाल न करें.
  • जब पानी और साबुन उपलब्ध न हो, तो अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि सैनिटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल हो.

बच्चों को सिखाएं हैंड वॉशिंग का सही तरीका

बच्चों को इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए उनके हैंड हाइजीन का खास ख्याल रखना ज़्यादा ज़रूरी है.

  • अपने बच्चों को बार-बार हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करें.
  • बच्चे को यह दिखाने के लिए कि हाथों को अच्छी तरह से कैसे धोया जा सकता है, उनके साथ आप भी हाथ धोएं और उन्हें हाथ धोने का सही तरीका सिखाएं.
  • बच्चे अक्सर जल्दबाजी में अपने हाथ धोते हैं और इस चक्कर में ठीक से हाथ नहीं धो पाते, उन्हें जल्दबाजी से बचाने की
    कोशिश करें.
  • कई बार ज्यादा ऊंचाई पर सिंक होने के कारण बच्चों का हाथ वहां तक नहीं पहुंच पाता है, ऐसे में आप उन्हें स्टूल पर खड़ा कर
    सकती हैं.

होम हाइजीन टिप्स, ताकि आपका घर रहे हेल्दी


पर्सनल हाइजीन के साथ ही होम हाइजीन भी बेहद ज़रूरी होती है ताकि घर आपका सुरक्षित और कीटाणु मुक्त रहे और आपका परिवार रहे हेल्दी.

  • सबसे पहले डोर हाइजीन ज़रूरी है. घर के बाहर डोर मैट ज़रूर रखें वो भी अच्छी क्वालिटी का. इसे समय समय पर क्लीन करें.
  • डोरबेल को नियमित रूप से सैनिटाइज़ करें, क्योंकि उसे कई तरह के लोग छूते हैं और उनके ज़रिए कीटाणु घर में या हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
  • दरवाज़े को भी क्लीन करें. एंटीबैक्टीरियल स्प्रे से दरवाज़े को साफ़ करें.
  • घर में नियमित रूप से डस्टिंग करें, ताकि धूल मिट्टी ना जम पाए और आपको हेल्दी माहौल मिले.
  • एसी की सर्विसिंग भी नियमित रूप से करवाएँ.
  • तकिया, सोफ़ा कवर और बेडशीट्स भी समय समय पर धोएं, क्योंकि उनमें भी कीटाणु पनप कर आपको बीमार कर सकते हैं.
  • घर में बर्तन या बाल्टी में पानी भरकर ना रखें, जमा पानी में मच्छर-मक्खी पनप कर कई बीमारी दे सकते हैं.
  • नल और बेसिन को भी साफ़ करते रहें. बेसिन में फिनाइल की गोलियां डालकर रखें. टूथब्रश एरिया को भी साफ़ करते रहें.
  • खिड़कियां खुली रखें ताकि सूरज की रोशनी व ताज़ा हवा आ सके. सूरज की रोशनी से भी कीटाणु मरते हैं और ताज़ा हवा आपको फ्रेश फील देती है.
  • किचन की सफ़ाई का भी पूरा ध्यान रखें. खाना बनाने से पहले बरतों को धोकर इस्तेमाल करें.
  • सब्ज़ियों को धोकर बनाएं. कटिंग बोर्ड को साफ़ रखें. नॉनवेज के लिए अलग से बर्तन व कटिंग बोर्ड रखें.
  • फ्रिज को समय समय पर साफ़ करें में सामान ठूंसकर ना भरें.
  • किचन सिंक की सफ़ाई भी उतनी ही ज़रूरी है. सिंक में खाने के कण जमा ना होने दें.
  • बाथरूम और टॉयलेट को भी नियमित रूप से साफ़ करें. सिर्फ़ साबुन-पानी से धोकर चमकाना ही ज़रूरी नहीं बल्कि डिसइंफ़ेक्ट करना भी बेहद ज़रूरी है.
  • तौलिए भी साफ़ रखें. उन्हें भी नियमित रूप से धोएं.
  • अलमारी, फर्नीचर और शू रैक को भी समय समय पर साफ़ करें.
  • अगर किसी रूम की दीवार में सीलन हो, तो इसे फ़ौरन ठीक करवाएं, क्योंकि इससे सांस की बीमारी हो सकती है और जिनको अस्थमा है उनकी तकलीफ़ बढ़ सकती है.
  • पोछा और किचन का नैपकिन भी क्लीन रखें, इन्हें समय समय पर बदलते भी रहें.

घर पर ही बनाएं फ्लोर क्लीनर, जानें ईज़ी रेसिपी

  • एक लीटर पानी में कपूर की गोलियां डालें, उसमें 3-4 चम्मच नमक और एक चम्मच विनेगर मिला लें. इसको स्टोर कर लें. जब भी इस्तेमाल करना हो एक ढक्कन क्लीनर को बाल्टी के पानी में मिला लें.
  • दो कप गर्म पानी में आधा-आधा कप व्हाइट विनेगर और रबिंग अलकोहल मिला लें. इसमें 3-4 बूंदे लिक्विड डिशसोप की मिलाकर यूज़ करें.
  • गर्म पानी में ओलिव ऑयल और नींबू का रस मिलाकर भी क्लीनर बनाया जा सकता है.
  • नींबू का रस और विनेगर को भी पानी मेंमिक्स करके क्लीनर बनाया जा सकता है.
  • सबसे सिंपल है कि पोछा लगाते वक़्त बाल्टी में एक दो चम्मच नमक मिला लें. यह भी क्लीनर का काम करता है.
  • गर्म पानी में बेकिंग सोडा और विनेगर मिला लें, चाहें तो लिक्विड डिश सोप भी मिक्स कर लें.
  • आधा कप ब्लीच पानी में मिलाकर डिसइंफेक्टेंट तैयार किया जा सकता है.
  • गर्म पानी में विनेगर मिलाकर भी क्लीनर तैयार किया जा सकता है.
  • इन क्लीनर्स में चाहें तो अपनी पसंद का एसेंशियल ऑयल भी मिक्स कर सकते हैं.

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