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उपयोगी पेठा (8 Health Benefits of Petha)

Petha

पेठा (Health Benefits of Petha) में आयरन, विटामिन ए और बी हैं. वातशामक होने से इसका प्रयोग वात विकारों में किया जाता है. इसके सेवन से उन्माद व मानसिक समस्याएं दूर होती हैं. पेठे की सब्ज़ी पाचनशक्ति को बढ़ाती है, जिससे कब्ज़ की शिकायत दूर हो जाती है. पेठे के पाक के सेवन से मस्तिष्क के ज्ञानतंतुओं की दुर्बलता, याददाश्त की कमी आदि मानसिक विकार दूर होते हैं. जिन लोगों को सिरदर्द की शिकायत रहती है और जिन्हें मानसिक तनाव अधिक रहता है, उन्हें भी यह पाक शीघ्र लाभ पहुंचाता है.
* पेट और छाती की जलन, अम्लपित्त, उल्टी आदि समस्याएं होने पर पेठे का रस पीने या पेठे का साग बनाकर खाने से लाभ होता है.
* रक्तप्रदर की समस्या होने पर पेठे का साग घी में भूनकर खाएं या उसका रस निकालकर उसमें शक्कर मिलाकर पीएं. यह प्रयोग अधिक मासिक स्राव और रक्त की कमी में भी लाभकारी है.
* पेठे की सब्ज़ी और पेठे का चूर्ण नियमित सेवन करने से पीलिया की शिकायत दूर हो जाती है.
* अधिक पित्त के कारण होनेवाली बीमारियों में पेठे का पाक 2-2 टुकड़ा सुबह-शाम नियमित चबाकर खाने से लाभ होता है.
* 50 ग्राम पेठे के बीज को पानी के साथ पीसकर उसे पानी में घोलकर छान लें. फिर उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर मरीज़ को पिलाने से पेट के भीतर चिपके छोटे-छोटे कीड़े निकल जाते हैं.
 
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* पेठे की गिरी को पीसकर नियमित सेवन करने से बल की वृद्धि होती है और शारीरिक कमज़ोरी दूर हो जाती है. पेठे का पाक बनाकर खाने से भी शरीर पुष्ट होता है.
* पेठे की लता की जड़ सुखाकर उसका कपड़छान चूर्ण बनाकर रख लें. इसे 2 से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर उसमें थोड़ा-सा सोंठ चूर्ण मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से दमा और खांसी का दौरा शांत होता है.
* 5-5 लीटर पेठे का रस और गाय का दूध व 325 ग्राम आंवला चूर्ण लेकर धीमी आंच पर पकाएं. जब वह पककर पिंड-सा हो जाए, तो उसमें 325 ग्राम शक्कर मिलाकर रख लें. इसे 25 से 40 ग्राम की मात्रा में नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से प्यास, अम्लपित्त, पीलिया, रक्तपित्त आदि रोग दूर होते हैं. गर्मी के मौसम में इसका सेवन अधिक लाभदायक होता है.
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उपयोगी पेठे का हलवा
100 ग्राम कद्दूकस किया हुआ पेठा लेकर उसे 50 ग्राम घी में भूनकर रख लें. फिर 2-2 ग्राम लौकी, पेठा, ककड़ी व तरबूज- प्रत्येक के बीज, 2-2 ग्राम बादाम, मखाना, चिरौंजी और इलायची- सबको एक साथ कूटकर भुने हुए पेठे में मिला दें और उसमें 50 ग्राम शक्कर मिलाकर घी में तलकर हलवा बना लें. उपरोक्त हलवा छोटे बच्चों और विद्यार्थियों के मानसिक विकास के लिए, बुज़ुर्गों के सेहत के लिए बहुत लाभदायक है. इसको खाने से जलन, पित्त विकार, रक्तवात, प्रदर, मूत्र विकार आदि बीमारियां दूर होती हैं. इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए.
- रेखा गुप्ता
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