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इन 9 बेवजह के कारणों से भी होते हैं तलाक़ (9 Weird Reasons People Filed For Divorce)

कभी-कभी लगता है कि बदलते दौर में रिश्तों की डोर कुछ ज़्यादा ही नाज़ुक हो चली है, तभी तो छोटी-छोटी बातें भी गृहस्थी के मज़बूत बंधन को तिनके-सा बिखेर रही हैं. कभी नासमझी, कभी ज़िद, कभी ग़ुस्से, तो कभी अहं की तुष्टि के लिए किए गए फैसले दांपत्य जीवन को बड़ी आसानी से ख़त्म कर रहे हैं. तलाक़ के बढ़ते मामले समाज के लिए गंभीर स्थिति हैं, पर क्या तलाक़ (Divorce) भी उतने ही गंभीर मुद्दों पर लिए जा रहे हैं? यहां हम कुछ ऐसे ही मामलों के बारे में बता रहे हैं, जहां तलाक़ के कारण बेवजह (Weird Reasons People Filed For Divorce) ही थे.

Weird Reasons People Filed For Divorce

तलाक़ से जुड़े अजीबो-ग़रीब मामले

हमारे देश में 10 साल पहले जहां 1000 शादियों में एक तलाक़ का मामला सामने आता था, वही आंकड़ा आज बढ़कर 13 हो गया है, जो यक़ीनन अगले साल और बढ़ेगा. पिछले कुछ सालों में यह आंकड़ा इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रहा है? इन शादियों के टूटने के क्या कारण हैं? क्या सभी रिश्ते शोषण और अत्याचार की बलि चढ़ रहे हैं या फिर कुछ बेवजह के कारणों से भी शादियां टूट रही हैं. सर्वे में पता चला है कि हाल ही में तलाक़ से जुड़े कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिनमें कुछ अजीबो-ग़रीब कारणों से जहां कुछ रिश्ते टूट गए, तो कई टूटते-टूटते बचे. आइए जानें, क्या हैं ये कारण और क्यों बढ़ रहे हैं तलाक़ के मामले?

चेहरे के मुंहासे व फोड़े बने तलाक़ का कारण

मामला 1998 का है, जब देश में ज़्यादातर शादियां अरेंज होती थीं और शादी से पहले लड़का-लड़की एक-दूसरे को देख भी नहीं पाते थे. शादी के बाद पत्नी के चेहरे पर मुंहासे देखकर पति को ऐसा सदमा लगा कि उसने तलाक़ के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दाख़िल कर दी. पति का तर्क था कि पत्नी के मुंहासों के कारण वह उसके प्रति आकर्षित नहीं हो पाता, जिससे उनके बीच शारीरिक संबंध भी नहीं बन पाए. ऐसे में इस शादी को ज़बर्दस्ती बनाए रखना उसके साथ ‘क्रुएल्टी’ है. कोर्ट ने माना कि पत्नी के लिए यह तकलीफ़देह है कि उसके मुंहासे ठीक नहीं हो रहे, पर पति के लिए भी यह किसी सदमे से कम नहीं, इसलिए 2002 में उन्हें तलाक़ मिल गया.

मोटापे के कारण पार्टीज़ में नहीं ले जा सकता

मामला उत्तर भारत के एक शहर का है, जहां एमएनसी में काम करनेवाले टॉप एक्ज़ीक्यूटिव ने अपनी पत्नी से इस बात पर तलाक़ की मांग की कि वह बहुत मोटी है. पति का तर्क था कि इतनी बड़ी पोस्ट पर होने के कारण उसे अक्सर सोशल पार्टीज़ में जाना पड़ता था, जहां अपनी पत्नी के मोटापे के कारण उसे काफ़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी, क्योंकि उनकी जोड़ी बहुत बेमेल दिखती थी. अच्छी-ख़ासी सैलरी, शानो-शौक़त के बावजूद वह ख़ुश नहीं था. उसने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि पत्नी का वज़न कम कराने की उसकी तमाम कोशिशें नाकामयाब रहीं. शुक्र है, तलाक़ मिलना इतना भी आसान नहीं, वरना लोग न जाने किन कारणों से तलाक़ की मांग करते. यह भी पढ़ें: लड़कियों के 15 दिलचस्प झूठ

मुंह की बदबू और खर्राटों ने पहुंचाया कोर्ट

हाल ही में गुड़गांव के एमएनसी में काम करनेवाली दो लड़कियों ने पति के मुंह की बदबू और खर्राटों से परेशान होकर तलाक़ लेने का ़फैसला लिया. अपर-मिडल क्लास की इन लड़कियों के तर्क थे कि पति की सांस की बदबू के कारण उनकी सेक्स लाइफ बुरी तरह प्रभावित हुई थी, साथ ही रात में उनके खर्राटों ने उनका सुख-चैन छीन लिया था. हालांकि बाद में मैरिज काउंसलर्स के समझाने पर दोनों ने तलाक़ के पेपर्स वापस ले लिए. जहां यह पूरा मामला अपने आप में अजीबो-ग़रीब है, वहीं सभी के लिए एक सबक भी है कि अपने साथ-साथ अपने पार्टनर की ज़रूरतों और भावनाओं का हमेशा ख़्याल रखें.

मोदी सपोर्टर बनाम केजरीवाल सपोर्टर

मामला 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान गाज़ियाबाद का है. 2013 में अरेंज मैरिज करनेवाले आईटी प्रोफेशनल पति-पत्नी की ज़िंदगी काफ़ी ख़ुशगवार गुज़र रही थी, पर लोकसभा चुनाव ने सब बिगाड़ दिया. जहां पति नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा फैन था, वहीं पत्नी आम आदमी पार्टी की सपोर्टर. चुनावों में बीजेपी की ज़बर्दस्त जीत के बाद पति अक्सर पत्नी को ताने मारने लगा था, जिससे उनमें काफ़ी झगड़े होने लगे. नतीज़ा दो महीने बाद ही दोनों ने तलाक़ ले लिया.

शॉपिंग और पार्टी भी बन जाते हैं कारण

यह मामला एक ऐसे कपल का है, जिन्होंने कई सालों तक लिव इन में रहने के बाद शादी की. देश के मेट्रो शहर में रहनेवाले इस कपल ने शादी के 4 सालों बाद आपसी सहमति से तलाक़ ले लिया. जहां पत्नी ने पति का साथ में शॉपिंग न करना तलाक़ का कारण बताया, वहीं पति ने पार्टीज़ में साथ न चलने को बताया था वजह.

बड़े घर की बेटी

आज भी कुछ लड़कियां शादी को लेकर प्रैक्टिकल अप्रोच नहीं रख पातीं, जिससे उनकी शादी टूटने के कगार पर पहुंच जाती है. ऐसा ही कुछ इस मामले में भी देखने को मिला. शादी के बाद जब लड़की ने देखा कि पति का घर उसके घर से छोटा है, तो वह अलग घर में शिफ्ट होने की मांग करने लगी, पर जब पति ने उसकी मांग पूरी नहीं कि तो वह तलाक़ के लिए कोर्ट पहुंच गई. पत्नी का तर्क था कि वह अपने लिविंग स्टैंडर्ड को कम नहीं कर सकती और अगर उसका पति उसकी ज़रूरतें पूरी नहीं कर सकता, तो वह उस शादी को निभा नहीं सकती. हालांकि मैरिज काउंसलर्स ने बातचीत के ज़रिए मामले को सुलझा दिया.

पति अपनी मातृभाषा में डॉक्टर और सीए से बात करते हैं

मुंबई के एक साउथ इंडियन और नॉर्थ इंडियन कपल से जुड़ा तलाक़ का यह मामला जब सामने आया, तो हर किसी को तलाक़ के कारण पर बड़ा आश्‍चर्य हुआ. दरअसल, दोनों की लव मैरिज हुई थी. पत्नी उस डॉक्टर या चार्टेड अकाउंटेंट के पास बिल्कुल नहीं जाती थी, जहां उसके पति जाते थे, क्योंकि वहां वो अपनी मातृभाषा में बात करते थे, जो उसे बिल्कुल पसंद नहीं था. यहां तक कि पत्नी को अपने पति का उसके परिवारवालों से अपनी भाषा में बात करना भी पसंद नहीं था, क्योंकि उसे वह क्रूएल्टी लगता था. पत्नी के मुताबिक उसकी मौजूदगी में उन्हें उस भाषा में बात करनी चाहिए, जो उसे भी समझ में आए. अब इसे नादानी कहें या झूठा अहं, जो उनके रिश्ते पर भारी पड़ सकता था. शुक्र है, मैरिज काउंसलर्स रिश्तों को बचाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

उसे लव स्टोरीज़ पसंद नहीं

ऐसा माना जाता है कि लड़कियों को रोमांटिक स्टोरीज़ ज़्यादा पसंद होती हैं, जबकि लड़कों को एक्शन व एडवेंचर ज़्यादा पसंद आता है. पर अगर लड़के को रोमांटिक लव स्टोरीज़ पसंद हों और लड़की को नहीं, तो क्या इस बात पर तलाक़ लिया जा सकता है? मामला दरअसल नोएडा का है, जहां पति पत्नी से महज़ इसलिए तलाक़ लेना चाहता था कि वह उसके साथ बैठकर रोमांटिक फिल्म नहीं देखती. हद तो तब हो गई, जब उसने कहा कि पत्नी उसके पसंदीदा एक्टर्स को पसंद नहीं करती. इसका मतलब दोनों कम्पैटिबल नहीं हैं और इसलिए उन्हें तलाक़ ले लेना चाहिए. हालांकि उन्हें तलाक़ मिला नहीं.

पराए पुरुषों के साथ डांस करना पसंद नहीं

दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ पार्टी करना किसे पसंद नहीं, पर अगर पार्टीज़ में जाने का कारण तलाक़ का कारण बन जाए, तो यह वाक़ई में बहुत अजीबो-ग़रीब मामला होगा. यह मामला भी नोएडा से है, जहां पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग हैं और अपर-मिडल क्लास से हैं. पर शादी के कुछ महीनों बाद ही पति ने पत्नी की बेवफ़ाई को तलाक़ का कारण बताया. पति के मुताबिक़ उसकी पत्नी को पार्टीज़ का बहुत शौक़ था, पर उसे उसका पार्टीज़ में जाकर दूसरे पुरुषों के साथ डांस करना, या दोस्तों के साथ एंजॉय करना बिल्कुल पसंद नहीं था. इसके लिए उसने अपनी पत्नी को कई बार मना भी किया था. कोर्ट ने पति की बात पर अचरज जताते हुए तलाक़ नामंज़ूर कर दिया. यह भी पढ़ें: ज़िद्दी पार्टनर को कैसे हैंडल करेंः जानें ईज़ी टिप्स Weird Reasons People Filed For Divorce

क्यों बढ़ रहे हैं तलाक़ के मामले?

- कपल मेें से किसी एक को लगता है कि शादी के बाद दूसरा बदल गया है. - आजकल ज़रूरत से ज़्यादा अपेक्षाएं किसी को भी बर्दाश्त नहीं होतीं. - शादी के कुछ ही दिनों बाद यह एहसास होना कि वो एक-दूसरे के लिए नहीं बने हैं. - कम होता धैर्य और सहनशीलता भी इसका एक कारण है. - दूसरों की बजाय स़िर्फ ख़ुद के बारे में सोचना.   - एकल परिवारों में बड़े-बुज़ुर्गों का न रहना.   - लड़की के घरवालों का ज़रूरत से ज़्यादा दख़लअंदाज़ी भी इसका एक बड़ा कारण है. - फाइनेंशियल फ्रीडम ने महिलाओं को निर्णय की आज़ादी दे दी है. ये भी एक अहम् कारण है. 

तलाक़ के वाजिब कारण

द हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के सेक्शन 13 में तलाक़ के कारणों के बारे में दिया है, जो इस प्रकार हैं- - व्यभिचार, धर्मांतरण, मानसिक विकार, कुष्ठ रोग, यौन रोग, सांसारिक कर्त्तव्यों को त्याग देना, 7 सालों से लापता, जुडीशियल सेपरेशन (कोर्ट द्वारा अलग रहने की इजाज़त), किसी भी तरह के शारीरिक संबंध नहीं और क्रूरता या निष्ठुरता.  - उपरोक्त आधारों पर तलाक़ दिया जाता है, पर आजकल बहुत-से कपल्स ने क्रुएल्टी यानी क्रूरता को अपना हथियार बना लिया है. छोटी-छोटी समस्याओं को जब वे हल नहीं कर पाते, तो उसे क्रुएल्टी बताकर रिश्ते को तोड़ना उन्हें आसान लगता है. - हम भी मानते हैं कि तनावपूर्ण रिश्ते में बने रहने से अच्छा है उस रिश्ते से छुटकारा पाना, पर वजहें वाजिब होनी चाहिए.  - यंग जनरेशन व आनेवाली जनरेशन्स को शादी की गंभीरता और उसके सामाजिक मूल्यों को समझना होगा.

- सुनीता सिंह

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