सौभाग्य और शुभ फल प्राप्ति के लिए दीपावली के पावन अवसर पर क्या-क्या ख़रीदें, आइए जानते हैं.
- लक्ष्मी पूजन के दिन पहनने के लिए पूरे परिवार के लिए ब्राइट और डार्क शेड के कपड़े ख़रीदें. बहुत लाइट या डल कलर के कप़ड़ों का चुनाव न करें.
- यदि आप मूर्ति की पूजा करते हैं, तो माता लक्ष्मी, गणेश जी आदि के लिए भी नए कपड़े व गहनें ख़रीदें.
- इसी तरह चौकी पर बिछाने के लिए भी नया लाल रंग का कपड़ा ख़रीदें.
- धन-वृद्धि के लिए सोने-चांदी के गहने ख़रीदें.
- चाहें तो सोने-चांदी के सिक्के भी ख़रीद सकते हैं.
- लक्ष्मी पूजन के लिए तांबे और चांदी के बर्तन ख़रीदें. इससे भाग्योदय होगा. लक्ष्मी पूजन के लिए स्टील के बर्तन का इस्तेमाल न करें.
- दीपावली के शुभ पर्व पर मिठाइयां ज़रूर ख़रीदें. ख़ासकर यलो, रेड, ग्रीन, गोल्डन या सिल्वर कलर की. ख़ुशियों की प्रतीक मिठाइयां सौभाग्य लेकर आती हैं.
- लक्ष्मी माता और गणेश जी की तस्वीर या सिक्के ख़रीदें.
- दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए तोह़फे ख़रीदना न भूलें. इससे रिश्तों में भी प्रगाड़ता आती है, लेकिन तोह़फे में पटाखे, लेदर की वस्तुएं या एंटीक पीस देने की ग़लती न करें.
- दीपावली के मौ़के पर भगवान की मूर्ति न ही किसी को तोह़फे में दें और न ही किसी से तोह़फे में लें. वास्तु के अनुसार, यह शुभ नहीं होता.
- इसी तरह काले रंग का कोई भी चीज़ न ख़ुद ख़रीदें और न ही दूसरों को गिफ्ट करें.
कैसे करें लक्ष्मी पूजन?
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का बहुत महत्व होता है. वास्तु के अनुसार, इस ख़ास मौ़के पर लक्ष्मीजी पूजने मात्र से ख़ुश हो जाती हैं और उनकी कृपा दृष्टि सदैव भक्तों पर बनी रहती है. कैसे करें लक्ष्मी जी की विधिवत् पूजा? आइए, जानते हैं.
सही दिशा का चुनाव
- दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तर दिशा का चुनाव करें. उत्तर दिशा का संबंध धन-संपत्ति से होता है. ऐसे में उत्तर दिशा में लक्ष्मी जी की पूजा करने से अधिक व शीघ्र लाभ मिलता है.
- अपने निजी ऑफिस में भी लक्ष्मीजी की पूजा के लिए उत्तर दिशा ही चुनें. इस दिशा में अलमारी, लॉकर आदि रखने से धन में बढ़ोतरी होती है, पैसों की कमी कभी नहीं होती.
यूं करें विधिवत् पूजा
- लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठें. अगर आप ऑफिस में लक्ष्मी पूजन कर रहे हैं, तो उत्तर दिशा चुनें.
- सबसे पहले माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर एवं इंद्र देव की मूर्ति को गीले कपड़े से साफ़ कर लें.
- लक्ष्मी पूजन के लिए भगवान की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर रखें, पहले लक्ष्मी मां और गणेश जी या फिर लक्ष्मी मां, गणेश जी, कुबेर और फिर इंद्र देव की मूर्ति या तस्वीर रखें.
- मूर्तियों को स्थापित करने के बाद पूजा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में साफ़ पानी से भरा कलश रखें.
- लक्ष्मी पूजन की शुरुआत शुद्ध देशी घी के दीपक, सुगंधित धूपबत्ती और अगरबत्ती से करें और सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें.
- भगवान गणेश की पूजा के बाद नवग्रह को पूजें, उसके बाद माता लक्ष्मी का आह्वान करें.
- गंगा जल, दूध, दही, देशी घी और शहद को मिलाकर पंचामृत बना लें. इससे लक्ष्मीजी की मूर्ति को स्नान करवाएं.
- अब लक्ष्मीजी की मूर्ति को पंचामृत से निकालकर गंगा जल से भरे बर्तन में डाल दें. फिर बाहर निकालकर साफ़ और सूखे कपड़े से पोंछ लें.
- लक्ष्मीजी की मूर्ति को पुनः उनके स्थान पर रख दें और तिलक लगाकर फूल, वस्त्र (कपड़े), शृंगार की सामग्री चढ़ाएर्ेंं जैसे- चूड़ी, सिंदूर, लाली, मेहंदी आदि.
- अब धूप-दीप जलाएं और माता लक्ष्मी को दिखाते हुए लक्ष्मी कथा का वाचन करें.
- कथा वाचन के बाद माता लक्ष्मी के आगे भोग चढ़ाएं.
- पूरे श्रद्धाभाव से परिवार सहित माता लक्ष्मी की आरती गाएं.
- आरती के बाद फिर एक बार फूल चढ़ाएं और हाथ जोड़कर उनसे सदैव घर में बसे रहने की प्रार्थना करें.
इन बातों का भी रखें ध्यान-
- माता लक्ष्मी को कमल का फूल अवश्य चढ़ाएं. माता लक्ष्मी कमल के फूल से प्रसन्न होती हैं.
- पूजा के दौरान आप चांदी का सिक्का भी माता के समक्ष रख सकती हैं, इससे भी लाभ की प्राप्ति होती है.
- पूजा की थाली में हल्दी, कुमकुम, केसर, चावल, मिठाई आदि रखें. हां, माता के सामने नारियल रखना भी न भूलें.
- माता लक्ष्मी के समक्ष शुद्ध देशी घी का मिट्टी का दीया जलाएं.
- लक्ष्मी पूजन के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कलश पर ओम् एवं स्वस्तिक का चिह्न ज़रूर बनाएं.
- पूजा घर की दीवारों पर ओम् और स्वस्तिक का चिह्न बनाएं. ये शुभ माना जाता है.
कुछ ज़रूरी बातें
- यदि आप शादीशुदा हैं, तो लक्ष्मी पूजन पत्नी या पति के साथ ही करें. ये अधिक सौभाग्यवर्धक माना जाता है.
- लक्ष्मी पूजन तभी फलदायी सिद्ध होता है, जब ये श्रद्धा और भक्तिभाव से किया जाए, महज धन प्राप्ति के लिए नहीं, इसलिए पूरे भक्तिभाव से लक्ष्मी जी की पूजा करें.
- लक्ष्मी पूजन के समय वातावरण को मधुर बनाना ज़रूरी है, इसके लिए सुंगधित धूप या अगरबत्ती जलाएं.
- मांगलिक चिह्नों को उचित स्थान पर लगाएं और लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए रंगोली भी ज़रूर बनाएं.
- पूजा समाप्त होने के बाद पूजा घर का दरवाज़ा बंद न करें. दरवाज़ा खुला रखें और रातभर जागरण करें.
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