
- मुझे अकेला रहना पसंद है. मैं नाम-शौहरत के पीछे नहीं भागता.
- मैं एक्टर हूं, स्टार नहीं ऐसा आलोचक सोचते हैं मैं नहीं. करोड़ों की आबादी में बहुत कम लोगों को फिल्मों में एक्टर के रूप में काम करने का मौक़ा मिलता है और मैं कर रहा हूं. क्या इस मायने में मैं सफल नहीं रहा?
- मेरी ज़िंदगी में कुछ लोग हैं जिनके साथ काम करना मुझे मुश्किलों भरा लगा, उनमें एक मेरे पिता (विनोद खन्ना) और दूसरे अमिताभ बच्चन. दरअसल, इनकी मौजदूगी इतनी ज़बर्दस्त रहती है कि उनके सामने टिक पाना मुश्किल लगता है मुझे.
- जब असमय मेरे बाल गिरने लगे तब ऐसा लगा जैसे किसी पियानो बजाने वाले के हाथ कट गए हों. आप सोचें कि एक दिन सुबह उठकर आप न्यूज़पेपर पढ़ नहीं पा रहे, आपको चश्मे की ज़रूरत पड़ जाती है. मुझे शुरुआत में परेशानी हुई, लेकिन जब इसे स्वीकार कर लिया तब स्थितियां बदल गईं.
- शादी यूं ही नहीं किया जा सकता. सही लड़की तो मिले, दबाव में तो यह नहीं हो सकता. परिवार का दबाव है, इस कारण शादी करना ग़लत है.
- मुझे अभी तक किसी के साथ भी ऐसा महूसस नहीं हुआ कि मैं उसके साथ पूरी ज़िंदगी बिता सकूं.

- 'धुरंधर' को मिल रही तारीफ़ से बेहद ख़ुशी हो रही है.
- मुझे विश्वास है कि एक दिन मुझे ज़रूर किसी से प्यार हो जाएगा और जीवनसाथी भी मिल जाएगी. मैं अरेंज मैरिज में बिलीव नहीं करता. मेरा यह मानना है कि लव मैरिज ही बेस्ट है.
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- फ़िलहाल मैं शादी के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं. मैं तो यह भी नहीं समझ पा रहा हूं कि मैं किसी के साथ एजस्टमेंट कर भी पाऊंगा या नहीं. हां, यह मैं तब कर सकता हूं जब मैं किसी को बेहद प्यार करूंगा, क्योंकि प्यार सब कुछ करा लेता है.
- ऊषा गुप्ता

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