
पेटदर्द, सर्दी-ज़ुकाम और त्वचा संबंधी संक्रमण आदि बच्चों में होनेवाली छोटी व आम बीमारियां हैं, जिन्हें पैरेंट्स छोटी-छोटी तकली़फें समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है. आगे चलकर यही छोटी-छोटी बीमारियां उनके लिए परेशानियां बन सकती हैं.
सर्दी-ज़ुकाम: मौसम बदलने पर बच्चों में सर्दी-ज़ुकाम होना आम बात है. बड़े लोगों की तुलना में दो से पांच साल तक के बच्चों को ज़ुकाम अधिक होता है. नाक बहना, छींकना, थकान महसूस होना, कफ, गले में ख़राश, हल्का-सा बुखार आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं. होम रेमेडीज़: लहसुन की 2 कलियां और 1 टेबलस्पून अजवायन को तवे पर भून लें. ठंडा होने पर कपड़े में बांधकर पोटली बना लें. इस पोटली को सोते समय बच्चों के सिरहाने रखें. इससे बंद नाक खुलती है और छाती में जमा कफ में भी आराम मिलता है. ♦ प्याज़ की 4-5 स्लाइस काटकर बच्चे के कमरे में रख दें, इससे बंद नाक खुलती है. ♦ 3-4 बूंद अदरक का रस और आधा टीस्पून शहद मिलाकर खिलाने से गले में खराश और कफ में आराम मिलता है. ♦ 3 टेबलस्पून राई में थोड़ा-सा पानी मिलाकर पीस लें. इस पेस्ट को बच्चे की छाती पर लगाएं. इससे छाती में जमा कफ में राहत मिलती है और बंद नाक भी खुलती है. ♦ बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद गुनगुना पानी पिलाएं. इससे बंद नाक और गले में होने वाली खराश में आराम मिलता है. ♦ नाक बंद होने पर नीलगिरी ऑयल की कुछ बूदें बच्चों के कपड़े पर लगाएं. ♦ सर्दी-जुक़ाम होने पर उनके गले, छाती और पीठ पर गुनगुने घी से हल्के हाथों से मसाज करें. ♦ नाक बंद होने पर बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है, इसलिए सोते समय उनके सिर के नीचे 2 सॉफ्ट तकिए रखें. सावधानियां: यदि बच्चों को सर्दी-जुक़ाम है, तो उनके सामने धूम्रपान न करें. ♦ 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को सर्दी-ज़ुकाम हुए यदि 2 सप्ताह से अधिक समय हो गया है, तो घरेलू उपचार करने की बजाय तुरंत चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाएं. पेट में दर्द, मरोड़, पेट फूलना और दस्त: बच्चे अक्सर गंदे हाथ या ज़मीन पर गिरी हुई चीज़ों को उठाकर मुंह में डाल लेते हैं, जिससे उन्हें पेट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं. होम रेमेडीज़: साढ़े चार कप पानी में 2 टेबलस्पून जीरा मिलाकर 5 मिनट तक उबाल लें. ठंडा होने पर छानकर रख लें और बच्चे को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएं. इससेे भी दर्द में आराम मिलता है. ♦ 1 कप पानी में 1 टीस्पून सौंफ डालकर ढंककर 8-10 मिनट तक उबाल लें. छानकर रख लें. इस सौंफ टी को दिन में 3 बार पिलाएं. इससे पेट में होने वाले मरोड़ और दर्द में राहत मिलती है. ♦ बच्चों का पेट फूलने पर हींग को थोड़े-से पानी में गलाकर नाभि के आसपास लगाने से राहत मिलती है. ♦ दस्त होने पर आधा-आधा टीस्पून सौंफ और जीरे को तवे पर भूनकर पीस लें. इस पाउडर को दिन में 3-4 बार बच्चों को खिलाएं. सावधानियां: दस्त होने पर बच्चों को दूध न दें. ♦ दस्त के साथ-साथ यदि बच्चे को तेज़ बुख़ार, पेटदर्द या उल्टी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- पूनम नागेंद्र शर्मा
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