योग के लाभ से हम सभी परिचित हैं, लेकिन योग का पूरा लाभ मिले, इसके लिए ज़रूरी है कि योगाभ्यास करने से पहले, अभ्यास के दौरान और बाद में कुछ बातों व नियमों का ध्यान रखा जाए. क्या हैं ये बातें, आइए जानें-

- योग हमेशा खाली पेट करें.
- सुबह का समय सबसे अच्छा होगा. अगर शाम या दोपहर को करना हो, तो भोजन या चाय के कम से कम 3 घंटे बाद करें.
- जगह साफ़ और एकांत हो.
- बेहतर होगा कि अभ्यास योगा मैट या दरी पर ही करें.
- रोज़ाना कम से कम 60 मिनट अभ्यास ज़रूर करें.
- योग या ध्यान करते समय ताज़ी हवा उत्तम होती है. पंखा या एसी बंद कर दें.
- अभ्यास करते समय व्यर्थ बातें न करें और न ही टीवी देखें, मोबाइल फोन बंद कर दें.
- योगाभ्यास के तुरंत बाद पानी न पीएं. आधे घंटे बाद पानी पी सकते हैं.
- योग क्रिया करते समय भूतकाल की किसी भी बात की न तो चिंता करें और न ही भविष्य की कोई योजना बनाएं. मन का शांत रहना ज़रूरी है.
- अधिकतर योगिक अभ्यासों में सांस सामान्य चलती रहनी चाहिए. जब तक कहा न जाए, सांस को रोकना नहीं है.
- प्रत्येक क्रिया या आसन रोज़ करना आवश्यक नहीं है. अपनी क्षमता और समयानुसार चुनें.
- हर क्रिया के पश्चात थोड़ा आराम जरूर करें.
- अभ्यास को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए. यदि आपके पास समय है और अच्छे परिणाम चाहिए, तो अभ्यास दिन में दो बार करें. धीरे-धीरे समय अवधि को बढ़ाना होगा. पहले दिन 30 मिनट, दूसरे दिन 40 मिनट, तीसरे दिन 50 मिनट, चौथे दिन 60 मिनट. बाद में इसे रोज़ करें.
- जिन्हें घुटने के दर्द की समस्या हो, उन्हें धीरे-धीरे जॉगिंग करना चाहिए.
- यदि खड़े रहकर अभ्यास करने में आपको असुविधा होती है, तो बैठकर भी अभ्यास कर सकते हैं. खड़े होकर करनेवाले अभ्यास में यदि आवश्यकता हो, तो आप दीवार का सहारा भी ले सकते हैं.
- यदि बैठने में भी परेशानी है, तो लेटकर अभ्यास शुरू करें.
- असहनीय या विकट परिस्थिति में अपने निकट के किसी योग्य योगाचार्य से संपर्क करें.
वॉर्मअप से करें शुरुआत

- योगासन की शुरुआत करते समय ख़ुश रहें. आपके चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए.
- इसके बाद नींद भगाने के लिए सबसे पहले एक ही जगह पर खड़े-खड़े जॉगिंग करें. यकीन मानिए आपकी नींद 2 मिनट में भाग जाएगी.
- गर्दन को दोनों तरफ़ से 5-5 बार घुमाएं, हाथों को आगे-पीछे फैलाएं.
- माथे, गर्दन, गाल, कान, आईब्रो को हल्के हाथों से मसाज करें.
- कंधों को 5 बार आगे और 5 बार पीछे घुमाएं.
- घुटने को मोड़ते हुए ऐसे बैठें, जैसे सोफे पर बैठे हों.
- अब अपनी योगा मैट पर बैठ जाएं और थोड़ी देर रिलैक्स होकर अपने मनपसंद आसन करें.
ये सूक्ष्म क्रियाएं करें

अगर लाइफ बिज़ी हो और ज़्यादा व़क्त न हो तो ये सूक्ष्म क्रियाएं भी आपको रिलैक्स करेंगी.
- स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करें.
- गर्दन, कंधे और हाथों को पहले क्लॉक वाइज़, फिर एंटी क्लॉकवाइज़ घुमाएं. इससे जकड़न से राहत मिलेगी.
- पैरों, पंजों और हाथों को स्ट्रेच करें.
- दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में इंटरलॉक करके ऊपर, दोनों साइड में, सामने की ओर स्ट्रेच करें. फिर सिर के पीछे ले जाते हुए क्लॉकवाइज़ और एंटी क्लॉकवाइज़ घुमाएं.
- ताड़ासन करें. सीधे खड़े हो जाएं. दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करते हुए पंजों के बल जितना हो सके, ऊपर खींचने की कोशिश करें.
- जब भी थकान महसूस हो, आंखें बंद करके डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें. गहरी सांस लें और छोड़ें. मिनटों में ही आप रिफ्रेशिंग महसूस करने लगेंगी.
- ये सूक्ष्म क्रियाएं आप कभी भी, कहीं भी कर सकती हैं.
- ऑफिस में अगर घंटों एक ही जगह बैठने का काम हो तो ये सूक्ष्म क्रियाएं ज़रूर करें. इससे आप काफी राहत महसूस करेंगी.
बचें इन ग़लतियों से

- योग कभी भी सीधे ज़मीन पर न करें, बल्कि योगा मैट, दरी या कालीन बिछाकर करें.
- योग में सांसों का बहुत महत्व है, इसलिए ध्यान रखें कि जब भी शरीर को फैलाएं या पीछे की ओर झुकें, तो सांस लें और शरीर को सिकोड़ते व़क्त सांस छोड़ें.
- योगासन सुबह-शाम कर सकते हैं. पर ध्यान रहे कि पानी पीने के तुरंत बाद योगासन न करें, बल्कि 15-20 मिनट रुककर करें. चाय-कॉफी आदि के आधे घंटे बाद ही योगासन करें.
- अपनी क्षमता अनुसार योग करें. उतना ही योगाभ्यास करें, जितना आसानी से कर पाएं. धीरे-धीरे अभ्यास बढाएं.
- योग करते व़क्त फाइनल पोश्चर तक पहुंचने की जल्दबाज़ी कभी न करें और न ही किसी पोज़ को ज़बर्दस्ती ट्राई करें.
- ज़्यादा असर चाहते हैं तो लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतें भी बदलें. तभी आपको पूरा फायदा होगा. .
- फौरन परिणाम की उम्मीद न करें. योग धीरे-धीरे असर करता है. ख़ुद को कम से कम छः महीने का समय दें.
- योग शुरू करते ही ये सोचकर दवाएं न बंद कर दें कि अब सारी बीमारियां ठीक हो जाएंगी. ध्यान रखें कि योग तुरंत असर नहीं करता. कुछ महीन योगाभ्यास करने के बाद अपना चेकअप करवाएं और डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई फैसला लें.
अगर हों स्ट्रेस में

- जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखें. आपकी पॉज़िटिव सोच आपको सभी समस्याओं को देखने का सकारात्मक नज़रिया देती है.
- लाफ्टर थेरेपी अपनाएं. खुलकर हंसें और मुस्कुराएं. ये आपके तनाव, थकान व डिप्रेशन को तुरंत दूर कर देता है.
- सुबह-सुबह प्राणायाम आपके लिए बहुत हेल्दी साबित होगा. 15-20 मिनट जॉगिंग आपके शरीर और मन को एकदम फ्रेश कर देता है.
- रोज़ाना योग व प्राणायाम से शरीर में रक्तसंचार बेहतर होता है, जिससे तनाव व थकान दूर होती है. सर्वांगासन, हलासन और शवासन स्ट्रेस व थकान के लिए बेस्ट आसन हैं.
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