श्वेता फिल्मी परिवार से संबंध रखती हैं. उनके पापा अमिताभ बच्चन और मां जया बच्चन इस इंडस्ट्री में काफ़ी समय से हैं. इसके अलावा भाई अभिषेक बच्चन और भाभी ऐश्वर्या राय बच्चन भी इस इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं. यही वजह है कि श्वेता ग्लैमर वर्ल्ड के नस-नस से वाकिफ़ हैं और उन्हें बहुत अच्छी तरह पता है कि जब फिल्में अच्छा नहीं करतीं तो उसका स्टार की ज़िंदगी पर कितना बुरा असर पड़ता है.
अपने अजीज मित्र करण जौहर के चैट शो में श्वेता ने खुलकर अपने दिल की बात की और स्वीकार किया कि वे अपनी बेटी को लेकर बहुत चिंतित थी और वे नहीं चाहतीं कि वो इस इंडस्ट्री में प्रवेश करे. इसलिए उन्होंने उसके दिमाग़ में यह भर दिया कि यह इंडस्ट्री अच्छी नहीं है. यह डार्क, स्ट्रेंज, अनफॉर्चूनेट जगह है. उन्होंने नव्या के दिमाग़ में ये बातें इस कदर बैठा दी हैं कि अब नव्या यहां आने के बारे में सोचती भी नहीं है. श्वेता ने स्वीकार किया उन्होंने नव्या के दिमाग़ में थोड़ा ज़्यादा जहर घोल दिया और बहुत स्वार्थी होकर सोचा. श्वेता ने कहा कि,"फिल्मी परिवार से जुड़े होने का एक फ़ायदा यह है कि मुझे इंडस्ट्री के बारे में सभी बातें पता है. जब फिल्में नहीं चलतीं तो मैं उनके चेहरे को देखती हूं. मैं इस्टाग्राम पर हूं. और मैं देखती हूं कि उसे (अभिषेक बच्चन) को कैसे बुरे कमेंट्स मिलते हैं. मैंने कई रातें
जग-जगकर गुजारी हैं और मैं नहीं चाहती कि अब मेरे परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस इंडस्ट्री में घुसे और इस तरह के मेंटल प्रेशर का सामना करे.''
इसके पहले जब नेपोटीज़्म को लेकर विवाद हुआ था तो इस बारे में अपनी राय देते हुए श्वेता ने कहा था कि उनकी बेटी नव्या चूंकि फिल्मी घराने से हैं, सिर्फ़ इसलिए उन्हें इस लाइन में घुसने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए. इसके लिए उनमें टैलेंट और इच्छाशक्ति होनी चाहिए.
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